आयुर्वेदामृतम् - Printable Version +- Reiki and Astrology Predictions (https://www.reikiandastrologypredictions.com) +-- Forum: Menu (https://www.reikiandastrologypredictions.com/forumdisplay.php?fid=2) +--- Forum: Share your stuff (https://www.reikiandastrologypredictions.com/forumdisplay.php?fid=30) +--- Thread: आयुर्वेदामृतम् (/showthread.php?tid=1453) |
आयुर्वेदामृतम् - Shrey jain - 05-22-2020 पुराने समय की कहावत है - - - बुजुर्गों के अनुभव व आयुर्वेद के अनुसार पथ्य अपथ्य का निर्धारण ऋतु व समय के अनुसार रखना उत्तम है। वर्तमान में भी इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के दृष्टिकोण से पालन करना आवश्यक है । सादर प्रेषित है, कृपया सहेज कर रखें याद रखें। चैते गुड़, वैसाखे तेल । जेठ के पंथ¹, अषाढ़े बेल ।। सावन साग, भादौ दही²। कुवांर करेला, कार्तिक मही³ ।। अगहन जीरा, पूसै धना। माघे मिश्री, फागुन चना।। जो कोई इतने परिहरै। ता घर बैद पैर नहीं धरै।।।। किस माह में "अपथ्य" क्या है जो न खाएँ _आयुर्वेद के आवश्यक निर्देश चैत्र माह में नया गुड़ न खाएं (15 march- 15 april) बैसाख माह में नया तेल न लगाएं (16 April - 15 may) जेठ माह में दोपहर में पैदल प्रवास ना करें (16 May-15 june) अषाढ़ माह में पका बेल न खाएं (16 june - 15 july) सावन माह में साग न खाएं (16 july-15 August) भादों माह में दही न खाएं (16 august-15 september) क्वार माह में करेला न खाएं (16 september-15 october) कार्तिक माह में जमीन पर न सोएं (16 October-15 november) मार्गशीर्ष, अगहन माह में जीरा न खाएं (16 November -15 December) पूस माह में धनिया न खाएं (16 Dec- 15 jan) माघ माह में मिश्री न खाएं (16jan-15feb) फागुन माह में चना न खाएं (16 feb- 14 march ) इनका पालन करें तो कभी बीमार नहीं होंगे। आयुर्वेदामृतम् |