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भगवान उनके भक्त और प्रेम |
Posted by: Payal Singh - 02-28-2019, 09:33 AM - Forum: Share your stuff
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भगवान उनके भक्त और प्रेम
एक गांव में भोली-भाली गरीब लड़की पंजिरी रहती थी। वह भगवान मदनमोहन जी की अनन्य भक्त थी। भगवान मदनमोहन भी उससे बहुत प्रसन्न रहते थे।वे उसे स्वप्न में दर्शन देते और उससे कभी कुछ खाने को माँगते, कभी कुछ।
*वह दूसरे दिन ही उन्हें वह चीज भेंट कर आती, पर वह उनकी दूध की सेवा नित्य करती। वह रोज उनके दर्शन करने जाती और दूध दे आती।सबसे पहले उनके लिए प्रसाद निकालती।*
दूध वह नगर में दूसरे लोगों को भी देती। लेकिन मदनमोहन जी को दूध अपनी ओर से देती।उसके पैसे न लेती।
इस प्रकार वह दूध बेच कर अपनी जीवन नैय्या चलाती थी। लेकिन वह गरीब पंजिरी को चढ़ावे के बाद बचे दूध से इतने पैसे मिलते कि दो वक्त का खाना भी खा पाये।
अतः मंदिर जाते समय पास की नदी से थोड़ा सा जल दूध में सहज रुप से मिला लेती । फिर लौटकर अपने प्रभु की आराधना में मस्त बाकी समय अपनी कुटिया में बाल गोपाल के भजन कीर्तन करके बिताती।
*कृष्ण कन्हैया तो अपने भक्तों की टोह में रहते ही हैं ,नित नए रुप में प्रकट होते,कभी प्रत्यक्ष में और वह पंजिरी संसार की सबसे धनी स्त्री हो जाती।*
लेकिन एक दिन उसके सुंदर जीवन क्रम में रोड़ा आ गया। दूध में जल के साथ-साथ एक छोटी मछली दूध में आ गई और संयोगवश वह मदनमोहन जी के चढ़ावे में चली गई।
दूध डालते समय मंदिर के गोसाई की दृष्टि पड़ गई। गोसाईं जी को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने दूध वापस कर पंजिरी को खूब डांटा फटकारा और मंदिर में उस का प्रवेश निषेध कर दिया।
*पंजिरी पर तो आसमान टूट पड़ा ।रोती-बिलखती घर पहुंची-" ठाकुर मुझसे बड़ा अपराध हो गया ।क्षमा करो ,पानी तो रोज मिलाती हूं ,तुमसे कहां छिपा है ।ना मिलाओ तो गुजारा कैसे हो*।
लेकिन, प्रभु आज तक तो तुमने कोई आपत्ति कि नहीं प्रेम से पीते रहे ,हां मेरा दोष था कि पानी छानकर नहीं मिलाया । लेकिन दुख इसलिए है कि तुम्हारे मंदिर के गोसाई ने पानी मिलाने पर मुझे इतनी खरी खोटी सुनाई और तुम कुछ ना बोले।
ठाकुर अगर यही मेरा अपराध है तो में प्रतिज्ञा करती हूं कि ऐसा काम आगे ना करूंगी और अगर रूठे रहोगे, मेरा चढ़ावा स्वीकार न करोगे तो मैं यहीं प्राण त्याग दूंगी।
*तभी पंजिरी के कानों में एक मधुर कंठ सुनाई दिया-"माई ओ माई ।उठी दरवाजे पर देखा तो द्वार पर एक सुदर्शन किंतु थका-हारा भूखा-प्यासा एक युवक कुटिया में झांक रहा है।*
"कौन हो बालक"
मैया बृजवासी हूं मदन मोहन के दर्शन करने आया था। बड़ी भूख लगी है कुछ खाने का मिल जाए और रात भर सोने की जगह दे दो तो बड़ा आभारी रहूंगा।"
पंजिरी के शरीर में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई। "कोई पूछने की बात है बेटा, घर तुम्हारा है। ना जाने तुम कौन हो जिसने आते ही मेरे जीवन में ऐसा जादू बिखेर दिया।दूर से आए हो क्या भोजन करोगे।"
*"दूध के सिवा कुछ लेता नहीं ।तनिक दूध दे दो वही पी कर सो जाऊंगा।" दूध की बात सुनते ही पंजिरी की आंखें डबडबा आयी, फिर अपने आप को संभालते हुए बोली-"पुत्र दूध तो है पर सवेरे का बासी है, जरा ठहरो अभी गाय को सेहला कर थोड़ा ताजा दूध दूह लेती हूं।"*
"अरे मैया नहीं नहीं ।उसमें समय लगेगा। सवेरे का भूखा प्यासा हूं दूध का नाम लेकर तूने मुझे अधीर बना दिया ।अरे वही सुबह का दे दो, तुम बाद में दूहते रहना।"
डबडबायीआंखों से बोली" थोडा पानी मिला हुआ दूध है, पर उसमें मछली आ गई थी।" "अरे मैया तुम मुझे भूखा मारोगी क्या? जल्दी से कच्चा दूध छान कर ऐसे ही दे दो वरना मैं यही दम तोड़ दूंगा।"
पंजिरी को आश्चर्य हुआ कि कैसी बात कर बैठा यह युवक,दौड़ी-दौड़ी गई झटपट दूध दे दिया। इधर दूध पीकर युवक का चेहरा खिल उठा।
*"मैया कितना स्वादिष्ट दूध है। तू तो यूं ही ना जाने क्या-क्या कह रही थी ,अब तो मेरी आंखों में नींद उतर आई है इतना कहकर युवक वही सो गया।*
पंजिरी अकेली हो गई है तो दिन भर की कांति, दुख और अवसाद ने उसे फिर घेर लिया।जाड़े के दिन थे ,भूखे पेट उसकी आंखों में नींद कहां।
जाडा़ बढ़ने लगा तो अपनी ओढ़नी बालक को ओढा दी।
रात के अंतिम प्रहर जो आंख लगी कि कृष्ण कन्हैया को सामने खड़ा पाया।
मदन मोहन भगवान ने आज फिर से स्वप्न मे दर्शन दिए और बोले,"यह क्या मैया, मुझे को मारेगी क्या?
*गोसाई की बात का बुरा मान कर रूठ गयी। खुद पेट में अन्न का एक दाना तक न डाला और मुझे दूध पीने का कह रही हो।*
मैंने तो आज तुम्हारे घर आकर दूध पी लिया अब तू भी अपना व्रत तोड़ कर के कुछ खा पी ले और देख दूध की प्रतीक्षा में व्याकुल रहता हूं, उसी से मुक्ति मिलती है। अपना नियम कभी मत तोड़ना।
गोसाईं भी अब तेरे को कुछ ना कहेंगे। दूध में पानी मिलाती हो, तो, क्या हुआ?वह तो जल्दी हज़म हो जाता है।अब उठो और भोजन करो। पंजिरी हड़बड़ाकर के उठी देखा बालक तो कुटिया में कहीं नहीं था।
सचमुच भेस बदल कर कृष्ण कन्हैया ही कुटिया में पधारे थे। पंजिरी का रोम-रोम हर्षोल्लास का सागर बन गया। झटपट दो टिक्कड़ बनाए और मदन मोहन को भोग लगाकर के साथ आनंदपूर्वक खाने लगी। उसकी आंखों से अश्रुधारा बह रही थी।
थोड़ी देर में सवेरा हो गया पंजिरी ने देखा कि कृष्ण कन्हैया उसकी ओढ़नी ले गये हैं और अपना पीतांबर कुटिया में ही छोड़ गए हैं।
*इधर मंदिर के पट खुलते ही पुजारी ने मदन मोहनजी को देखा तो पाया की प्रभु फटी ओढ़नी ओडे़ आनंद के सागर में डूबे हैं। पुजारी समझ गये कि प्रभु तुमने अवश्य फिर कोई लीला की है, लेकिन इसका रहस्य मेरी समझ में नहीं आ रहा है।*
लीलाउद्घाटन के लिए पंजिरी मंदिर के द्वार पर पहूंची। खड़ी होकर पुजारी जी से कह रही थी,"गुसाई महाराज देखो तो प्रभु की लीला और माया,पीतांबर मेरे घर छोड़ आये है और मेरी फटी ओढ़नी ले आये।
*कल सवेरे आपने मुझे भगा दिया था ,लेकिन भूखा प्यासा मेरा कन्हैया दूध के लिये घर आ गया।"*
पुजारी देवी के सामने बैठ गए। "भक्त और भगवान के बीच मेंने क्या कर डाला ,भक्ति बंधन को ठेस पहुंचा कर मैंने कितना बड़ा अपराध कर डाला देवी मुझे क्षमा कर दो "पंजिरी के चरणों में रो-रो कर कह रहे थे पुजारी।
लेकिन उनका भक्ति सागर था जो भक्त में भगवान के दर्शन पाकर निर्बाध बह चला था।पंजिरी भी क्या कम भावावेश मे थी ।आनंद भक्ति के सागर मे हिलोरे लेती हुई कह रही थी।
"गुसाई जी देखी तुमने बाल गोपाल की चतुराई अपना पीतांबर मेरी कुटिया मे जानबूझकर छोड मेरी फटी-चिथड़ी ओढ़नी उठा लाये।लो भक्तों को सम्मान देना तो की पुरानी इनकी पुरानी आदत है।"
मूर्ति में विराजमान कन्हैया धीरे-धीरे मुस्कुरा कर कह रहे थे अरे मैया तू क्या जाने कि तेरे प्रेम से भरी ओढ़नी ओढ़ने में जो सुख है वो पीतांबर में कहां!!
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नरेंद्र मोदी के बारे में 25 अज्ञात और रोचक तथ्य |
Posted by: Nirmal Jain - 02-28-2019, 08:45 AM - Forum: Share your stuff
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नरेंद्र मोदी के बारे में 25 अज्ञात और रोचक तथ्य
1. नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है जो आजादी के बाद पैदा हुए हैं।
2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नरेंद्र मोदी की कुंडली काफी हद तक बाल गंगाधर तिलक से मिलती है
3.1958 को 8 साल की उम्र में नरेंद्र मोदी ने दिवाली के दिन rss की शपथ ली थी।
4. मोदी बचपन में एक्टिंग और नाटकों में भाग लेते थे, मोदी NCC में भी शामिल थे।
5. नरेंद्र मोदी ने गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेची है।
6. बचपन में मोदी पास के तालाब से मगरमच्छ पकड़कर घर ले आए थे, बाद में माँ के कहने पर वापिस छोड़ कर आए।
7. नरेंद्र मोदी की शादी 18 वर्ष की उम्र में ही कर दी गई थी. लेकिन शादी के 2 साल बाद ही उन्होनें घर छोड़कर सन्यासी बनने का फैसला किया।
8. मोदी ने अमेरिका में मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन से संबंधित कोर्स किया था।
9. मोदी कोई भी नया काम करने से पहले अपनी माँ का आशीर्वाद लेते हैं और स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानते हैं।
10. मोदी शाकाहारी है और सिगरेट, शराब को कभी हाथ नही लगाते।
11. जब मोदी 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तब उनकी माँ ने कहा था कि बेटा कभी रिश्वत मत लेना।
12. गुजरात के 13 साल के शासन में मोदी ने एक भी छुट्टी नही ली।
13. नरेन्द्र मोदी जब अहमदाबाद संघ मुख्यालय में रहते थे तो वहां सारे छोटे काम करते जैसे साफ-सफाई, चाय बनाना, और बुर्जुग नेताओं के कपड़े धोना शामिल हैं।
14. RSS के प्रचारक दाढ़ी नहीं रखते, लेकिन मोदी दाढ़ी रखते थे।
15. 1975 में आपातकाल के दौरान RSS जैसी संस्थाओं पर प्रतिबंध लग गया था. उस समय मोदी सरदार का भेष बदलकर रहते थे।
16. नरेंद्र मोदी की शिक्षा: मोदी पोस्ट ग्रेजुएट हैं, उन्होने Political Science से M.A की हैं।
17. नरेंद्र मोदी की जाति ‘मोध घांची’ है।
18. नरेंद्र मोदी की एक साल की सैलरी 19 लाख रूपए हैं।
19. भारत के कई लोगो के विरोध के कारण 2004 से 2013 तक अमेरिका ने मोदी को वीजा नही दिया था, लेकिन PM बनने के बाद अमेरिका का खुद बुलावा आया था।
20. नरेन्द्र मोदी को नई तकनीकों का इस्तेमाल करने में अच्छा लगता हैं 2014 के लोकसभा इलेक्शन में सबसे पहले मोदी ने ही 3D तकनीक का प्रयोग कर भाषण दिया था।
21. मोदी ने कई साल हिमालय में सन्यासी बनकर तपस्या भी की है। किसी साधु के कहने पर वो राजनीति में आ गए।
22. नरेद्र मोदी स्विट्जरलैंड के फेमस ब्रांड मोवादो की घड़ी पहनते है। इस घड़ी की कीमत 39 हजार से 1 लाख रूपए तक है, एक बात ये भी है कि पीएम उल्टी घड़ी पहनते है क्योंकि वो इसे लकी मानते है।
24. नरेंद्र मोदी के कपड़े बिपिन और जीतेंद्र चौहान की दुकान पर सिले जाते है, 1989 के बाद से नरेंद्र मोदी के कपड़े यही सिलते आ रहे है। मोदी अपने सूट का फैब्रिक, कलर और डिजाइन खुद सेलेक्ट करते हैं।
25.नरेंद्र मोदी अपने पुराने कपड़ो की नीलामी करते है साथ ही साल में मीले 200 से 500 गिफ्ट की भी करोड़ो में नीलामी होती है जिसे वो नमामि गंगे प्रोजेक्ट को दान में देते है।
26.नरेंद्र मोदी ने 5 साल में भारत की इकोनॉमी को दुनिया की टॉप 5 इकोनॉमी में लाकर खड़ा कर दिया और अमेरिका से लेकर कोरिया,ईरान से लेकर अफगानिस्तान तक सबको भारत के समर्थन में ले लिया।
27.पिछले 5 साल से भारत दुनिया का सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला देश है जिस कारण पाकिस्तानी न्यूज़ चेनल इसे मोदी का जंगी जुनून भी कहते है।
हाल ही में भारत को न्यूक्लियर सबमरीन मिली ,स्वदेशी तेजस,धनुष,से लेकर स्वदेशी की लहर दौड़ पड़ी।
ओर भारत का डिफेंस बजट रशिया के बराबर ला दिया।
28.नरेन्द्र मोदी पर आजतक रिश्वत या घोटाले का आरोप नही है जिस कारण उनकी संपत्ति कम ओर प्रसिद्धि ज्यादा है।
29.पढ़ने के बाद शेयर जरूर करे ????????????
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चमेली के फूल जहां खुशबू देते हैं, वहीं इन्हें कई बीमारियों में उपयोगी माना गया है। |
Posted by: Vinay Goyal - 02-27-2019, 04:33 PM - Forum: Share your stuff
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*चमेली के फूल जहां खुशबू देते हैं, वहीं इन्हें कई बीमारियों में उपयोगी माना गया है।*
??????
_आयुर्वेद के अनुसार चमेली स्वाद में कड़वी व कसैली, पचने में हल्की, तासीर में गर्म और कफ व पित्त नाशक होती है। जानते हैं इसके फायदों के बारे में।_
1. चमेली के पत्तों को मुंह में रखकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले, घाव व इस अंग से जुडे सभी प्रकार के रोगों में राहत मिलती है।
2. आंखों में दर्द होने पर चमेली के फूलों का लेप लगाएं, लाभ होगा।
3. चमेली के पत्तों को पीसकर पीने से पेट में कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
4. चमेली के फूलों को पीसकर लेप बनाकर लगाने से दाद, खाज और खुजली जैसे त्वचा रोगों में आराम मिलता है।
5. बवासीर होने पर चमेली, बरगद और गिलोय के पत्तों को पीसकर सोंठ, सेंधा नमक और छाछ के साथ पीने से लाभ होता है।
6. पुराना सिर दर्द होने पर चमेली के फूलों का लेप सिर पर लगाने से सिरदर्द में आराम मिलता है।
7. चेहरे पर नियमित रूप से चमेली के फूलों का रस लगाने से चमक बढ़ती है।
8. चमेली के फूलों की डंडी व मिश्री समान अनुपात में मिलाकर आंखों पर लगाने से थकान दूर होती है।
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शक्तिवर्धक भोजन |
Posted by: Vinay Goyal - 02-27-2019, 04:30 PM - Forum: Share your stuff
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शक्तिवर्धक भोजन
?परिचय-
किसी भी व्यक्ति को जब कोई रोग हो जाता है तो उसके कुछ दिनों के बाद वह कहता है कि मुझे बहुत कमजोरी सी लग रही है। लेकिन कोई स्वस्थ व्यक्ति भी अगर थोड़ी दूर पैदल चल लेता है या कोई भारी काम करता है तो वह भी बोलता है कि वह थक गया है। अब तो मुझे कमजोरी दूर करने वाली और ताकत बढ़ाने वाली दवा लेनी पड़ेगी। ये कुछ न होकर लोगों की एक दिमागी सोच बन गई है कि चिकित्सा में कोई ऐसी औषधि भी होनी चाहिए जिससे कि शरीर में ताकत बढ़ जाए। परन्तु ऐसी औषधि बस थोड़े समय तक ही अपना असर दिखाती है। यह नशे की तरह थोड़े समय के लिए ताकत को बढ़ाकर अपनी क्रिया को समाप्त कर देती है।
? मनुष्य सिर्फ अपने खाने वाले भोजन के सहारे ही जिंदा रहता है। अगर उसी भोजन को सही तरीके से और पौष्टिकता के आधार पर किया जाए तो वह ही किसी भी व्यक्ति के लिए ताकत बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
ताकत बढ़ाने वाले पदार्थ-
?1. नींबू-
1 नींबू को 1 गिलास गर्म पानी में (बिना नमक या चीनी मिलाएं) निचोड़कर पीने से पूरे शरीर में एक नई ताकत सी पैदा हो जाती है। इससे आंखों की रोशनी तेज हो जाती है, दिमागी कमजोरी, सिर में दर्द रहना आदि रोग समाप्त हो जाते हैं। इसको पीने से किसी भी काम को करने से जल्दी थकान नहीं होती है।
6 मुनक्के, 6 बादाम, 40 ग्राम किशमिश और 6 पिस्तों को रात में करीब आधा लीटर पानी में डालकर किसी कांच के बर्तन में भीगने के लिए रख दें। सुबह इन सबको पीसकर और छानकर इसमें 1 चम्मच शहद और 1 नींबू को निचोड़कर खाली पेट पीने से दिमागी और शारीरिक थकान दूर हो जाती है। ये इन्द्रियों की ताकत बढ़ाने का भी एक बहुत ही नायाब नुस्खा है।
किसी कांच के गिलास में लगभग 3 चौथाई तक अजवाइन को भर दें। फिर इसमे नींबू का रस भरकर इसके मुंह पर कपड़ा डालकर धूप में रख दें। जब इसके अन्दर का नींबू का रस सूख जाए तो इसे दुबारा नींबू के रस से भर दें और धूप में ही पड़ा रहने दें। इस तरह से इसमें लगभग 7 बार नींबू का रस भरकर अजवाइन को सुखा लें। फिर इस सुखाई हुई अजवाइन को कांच की बोतल में भर दें। रोजाना चौथाई चम्मच इस अजवाइन की फंकी लेने से शरीर में ताकत बढ़ जाती है तथा यौन शक्ति में भी बढ़ोतरी होती है। इस अजवाइन का सेवन करने के दौरान दूध और घी का सेवन भी करते रहना चाहिए।
?2. मौसमी- मौसमी का रस दिमाग, जिगर और भोजन पचाने की क्रिया को ताकत देता है। इस रस को पीने से खाया हुआ भोजन शरीर में लगता है और शरीर में ताकत बढ़ती है। बुखार और काफी पुराने रोगों में मौसमी का रस पीने से रोगी को कमजोरी महसूस नहीं होती है। इसके द्वारा रोगी के शरीर से रोगों का जहरीला पदार्थ बाहर निकल जाता है। इसका रस कई दिनों तक पीते रहने से दस्त प्राकृतिक रूप में आने लगते हैं। कब्ज, सिरदर्द, काम करने में मन न लगना, कोई सा भी काम करने पर थक जाना, रात को नींद न आना आदि रोग दूर हो जाते हैं। इससे नई चुस्ती और फुर्ती आ जाती है।
?3. सेब- सेब में `मैलिक एसिड होता है। यह खटाई आंतों, जिगर और दिमाग के लिए लाभकारी है। इसके अन्दर फॉस्फोरस होता है यानी कि जलन पैदा करने वाला पदार्थ जिसे खाने से पेट साफ रहता है और आमाशय मजबूत बनता है। सेब और सेब के रस में काफी मात्रा में खनिज पदार्थ होते हैं। सेब के 2 छोटे-छोटे टुकड़ों को लगभग आधा सेर पानी में डालकर रख दें। जब यह पानी ठंडा हो जाए तो इसमें सेब के टुकड़ों को मसलकर और छानकर उस पानी को पी लें। अगर इसमें स्वाद बढ़ाना हो तो चीनी की जगह मिश्री डालकर पी सकते हैं। यह सेब का बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट शर्बत होता है। यह खून में मिलकर दिल, दिमाग, जिगर और शरीर के हर भाग में चुस्ती-फुर्ती पैदा करता है। सेब के रस को पीने से दिल को ताकत मिलती है, आंखों की रोशनी तेज होती है। यह शरीर के अन्दर से खून के अन्दर के जहरीले पदार्थों को बाहर निकालकर व्यक्ति को हष्ट-पुष्ट बनाता है। जो लोग चाहते हैं कि वे हमेशा ताकतवर और सुन्दर बने रहें उनको रोजाना सेब का रस पीना चाहिए। खाली पेट सेब खाने से शरीर की गर्मी और खुश्की समाप्त हो जाती है।
4. ?4. पपीता- पपीता अगर देखकर लिया जाए कि वह अच्छी तरह से पका हुआ है या नहीं तो ठीक है क्योंकि अच्छी तरह से पका हुआ पपीता ही सबसे ज्यादा गुणों वाला होता है। सुबह उठते ही खाली पेट पपीता खाना सबसे ज्यादा गुणकारी होता है। इसके बाद दोपहर का भोजन करने के बाद पपीता खाने से भोजन आसानी से पच जाता है। शाम को 5-6 बजे भी पपीते को नाश्ते के रूप में खाया जा सकता है। पपीते में मिलने वाला एन्जाइम कठोर मांस-तंतुओं और रोग के कीटाणुओं को समाप्त कर देता है। पपीता टी.बी. रोग के कीटाणुओं को बिल्कुल समाप्त कर देता है। पपीते को खाने से खून को बहाने वाली नसें कठोर नहीं होती हैं और रक्तसंचार सही तरीके से काम करता है। दिल के रोग में भी पपीता खाने से लाभ होता है। स्वस्थ जीवन जीने की राह में पपीता खाना बहुत ही लाभदायक है।
?5. आम- रोजाना आम खाने से शरीर के अन्दर खून काफी मात्रा में बनता है। इससे जिन लोगों का शारीरिक वजन कम होता है वह बढ़ जाता है। आम खाने से पेशाब खुलकर आता है, शरीर में चुस्ती-फुर्ती पैदा होती है। आम का मुरब्बा खाना भी काफी लाभकारी होता है। शरीर में ताकत बढ़ाने के लिए रोजाना भोजन करने के बाद आम खाना लाभकारी होता है।
?6. अंगूर- कमजोर व्यक्तियों के लिए रोजाना ताजे अंगूरों का रस पीना काफी लाभकारी सिद्ध होता है। अंगूर शरीर में खून को बनाता है और उसे पतला भी करता है। इससे शरीर मोटा-ताजा हो जाता है। रोजाना दिन में 2 बार अंगूर का रस पीने से भोजन पचाने की क्रिया तेज हो जाती है, कब्ज का रोग समाप्त हो जाता है, पेट में गैस नही बनती। अगूंर का रस सिरदर्द, बेहोशी, चक्कर आना, छाती के रोग तथा टी.बी. के रोग में लाभकारी है। यह खून की खराबी को भी दूर करता है। अंगूर का सेवन करने से शरीर मे मौजूद जहर बाहर निकल जाता है। यह स्त्रियों के श्वेतप्रदर के रोग में भी काफी लाभकारी है। अंगूर खून में आयरन की मात्रा को बढ़ाता है।
?7. केला- भोजन करने के बाद केला खाने से शरीर में ताकत बढ़ती है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। केला वीर्य और शुक्राणुओं को बढ़ाने वाला है। यह आंखों के रोगों को दूर करता है। केला किसी तरह का फल नहीं है, इसे रोटी की जगह भी खाया सकता है। ताजा केला सबसे अच्छा है। एक समय में ज्यादा से ज्यादा 3 केले खाने चाहिए लेकिन थोड़ा सा घी लगाकर। सुबह दो केलों को खाकर ऊपर से दूध पीने से शरीर में ताकत बढ़ती है। इसी तरह से संभोग करने के बाद केला खाने से शक्ति बढ़ती है।
8. ?8. मुनक्का-
सर्दियों के मौसम में रोजाना मुनक्का खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
रात को सोने से पहले 20 मुनक्कों को गर्म पानी से धोकर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठते ही जिस पानी में मुनक्के भीगे हुए हो उस पानी को पीकर मुनक्कों को खा लें। इस तरह रोजाना मुनक्कों को खाने से शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है। इससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है और ताकत भी पैदा होती है। फेफड़ों को ताकत मिलती है।स्नेहा समुह
सर्दियों में 250 मिलीलीटर दूध में 20 मुनक्कों को डालकर उबाल लें। फिर इन मुनक्कों को खा लें और उस दूध को पी लें। सर्दियों के मौसम में रोजाना दूध और मुनक्का सेवन करने से बुखार के कारण आई हुई शारीरिक कमजोरी समाप्त हो जाती है। इससे पुराना बुखार भी उतर जाता है।
6 मुनक्के, 6 बादाम, 25 किशमिश और 2 अंजीर को रात में सोने से पहले एक कांच के बर्तन में इतना पानी डालकर भिगो लें कि ये सारे पानी को सोख लें। सुबह इन सब चीजों को खाने के बाद बचे हुए पानी को पीने से कमजोर व्यक्ति की कमजोरी दूर हो जाती है और वह ताकतवर बन जाता है।
?9. आंवला-
आंवले का मुरब्बा रोजाना खाने से शरीर में ताकत पैदा होती है। यह गर्भवती स्त्रियों के लिए बहुत ही लाभकारी है। एक आंवला शरीर में एक अण्डे से ज्यादा ताकत बढ़ाता है। इसके सेवन से दिल में घबराहट होना, तिल्ली का रोग, ब्लडप्रेशर का रोग आदि दूर हो जाते हैं।
आंवला का सेवन करने से हर तरह के रोग दूर होते हैं। आंवला का सेवन करने से बूढ़ों में भी जवानों जैसी ताकत पैदा हो जाती है।
आंवला का नियमित सेवन करने से वीर्य की कमजोरी समाप्त हो जाती है।
1 चम्मच पिसे हुए आंवले को लगभग 2 चम्मच शहद में मिलाकर चाटने से और ऊपर से दूध पीने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
2 चम्मच पिसा हुआ आंवला, 1 चम्मच देशी घी और 3 चम्मच शहद को एकसाथ मिलाकर कुछ सप्ताह तक रोजाना खाने से बदसूरत व्यक्ति भी सुन्दर हो जाता है।
गर्मियों के मौसम में दिल घबराना, धूप में चक्कर आना आदि परेशानियों में आंवले का शर्बत पीने से लाभ होता है।
दिल की तेज धड़कन को सामान्य बनाने के लिए आंवले का मुरब्बा खाना उपयोगी होता है।
किसी भी व्यक्ति को रोजाना कम से कम 50 मिलीग्राम विटामिन `सी´ की जरूरत पड़ती है और आंवले में सबसे ज्यादा मात्रा में विटामिन `सी´ पाया जाता है। लगभग आधा लीटर आंवले के रस को रोजाना पीने से शरीर में विटामिन `सी´ की जरूरत पूरी हो जाती है।
गुणों की दृष्टि से एक आंवला लगभग 2 संतरों के बराबर होता है।
आंवला के सेवन से दांत और मसूढ़े स्वस्थ बनते हैं और शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत पैदा होती है।
घर में सब्जी आदि बनाते समय आंवला को खटाई के रूप में डालने से उसका स्वाद बढ़ जाता है।
आंवले की चटनी बनाकर खानी चाहिए।
आंवले के रस में शहद को मिलाकर शर्बत की तरह पीएं।
आंवले का अचार या मुरब्बा बनाकर खाना लाभकारी होता है।
अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति भी रोजाना आंवले का सेवन करता रहे तो उसके शरीर की सारी शारीरिक क्रियाएं अच्छी होकर उसका स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
10. अनन्नास-
अनन्नास दिल की घबराहट को समाप्त कर देता है। यह बढ़ी हुई प्यास को शान्त कर देता है। अनन्नास शरीर को मजबूत बनाकर तरोताजगी पैदा करता है।
अनन्नास शरीर में कफ की मात्रा को बढ़ाता है लेकिन खांसी-जुकाम को नहीं होने देता।
सुबह खाली पेट अनन्नास खाने से भोजन पचाने की क्रिया तेज होती है।
अनन्नास का शर्बत पीने से पेट की गर्मी दूर हो जाती है, पेशाब काफी मात्रा में आता है। इसी कारण से डाक्टर पथरी होने पर अनन्नास का शर्बत पीने की राय देते हैं।
अनन्नास का सेवन करने से दिल और दिमाग को ताकत मिलती है।
?11. अमरूद-
100 ग्राम अमरूद में 300 मिलीग्राम से लेकर 450 मिलीग्राम विटासिन `सी´ पाया जाता है।
अमरूद का सेवन करने से दिल को ताकत मिलती है और शरीर में चुस्ती-फुर्ती पैदा होती है।
अमरूद बढ़ी हुई प्यास को कम करता है और दिमाग को तेज करता है।
12. खजूर:
रोजाना खजूर खाने से आमाशय और दिल को ताकत मिलती है।
रोजाना खजूर का सेवन करने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है और शरीर में मोटापा भी बढ़ता है।
खजूर को खाने से व्यक्ति की संभोग करने की शक्ति बढ़ जाती है।
?13. टिंडा- टिंडा शरीर को ताकत देता है और दिमाग को तेज करता है।
?14. गाजर- आधा गिलास गाजर का रस और आधा गिलास दूध को एकसाथ मिलाकर उसमें स्वाद के मुताबिक शहद मिलाकर रोजाना पीने से शरीर में खून बढ़ता है और कमजोरी भी दूर हो जाती है।
?15. छुहारा- छुहारे में काफी ज्यादा मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। छुआरे खाकर उसके ऊपर गर्म-गर्म दूध पीने से शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण होने वाले रोग जैसे- हड्डियों का कमजोर होना, दांतों का हिलना आदि दूर हो जाते हैं और इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
?16. बबूल- बबूल एक जंगली और कांटे वाला पेड़ होता है। बबूल की गोंद को घी में भूनकर इसके लड्डू बनाकर गर्भवती स्त्री को रोजाना खिलाने से उसके शरीर में ताकत पैदा होती है।स्नेहा समुह
?17. तुलसी-
सुबह उठते ही तुलसी के 5 पत्ते लेकर पानी के साथ निगलने से याद्दाश्त तेज होती है और शारीरिक ताकत बढ़ती है।
रोजाना 8 बून्द पानी में तुलसी का रस मिलाकर पीने से शरीर की मांसपेशियां और हडि्डयां मजबूत बन जाती हैं।
तुलसी के बीजों को दूध में डालकर उबाल लें। फिर इसमें शक्कर मिलाकर पीने से शरीर में शक्ति बढ़ती है।
?18. शकरकंदी-
रोजाना शकरकंदी खाने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है और शरीर मोटा-ताजा बनता है।
शकरकंदी का सेवन करने से यौनशक्ति बढ़ जाती है।
शकरकंदी को चीनी के साथ खाना ज्यादा उपयोगी होता है।
??19. शक्कर-2 चम्मच चीनी और 2 चम्मच घी में लगभग 10 काली मिर्च के दाने मिलाकर रोजाना सुबह खाली पेट चाटने से दिमाग तेज होता है और कमजोरी के कारण होने वाला सिर का दर्द भी ठीक हो जाता है।
?20. नमक- अगर कोई व्यक्ति किसी लंबे रोग के ठीक होने के बाद शरीर में कमजोरी महसूस करे तो उसे गर्म पानी में नमक मिलाकर नहलाने से उसकी कमजोरी दूर हो जाती है।
?21. खसखस -
खसखस की खीर बनाकर सेवन करने से शरीर में ताकत बढ़ जाती है।
2 चम्मच खसखस को रात के समय पानी में भिगोकर रख दें। फिर सुबह उठने पर उसे पीसकर उसमें स्वाद के मुताबिक मिश्री मिलाकर पानी में घोलकर लस्सी बनाकर पीने से गर्मी के मौसम में दिमाग ताजा रहता है और गर्मी भी कम लगती है।
खसखस का शर्बत पीना भी काफी लाभदायक होता है।
?22. सहजन- सहजन के फूलों की सब्जी का नियमित सेवन करने से शरीर में ताकत बढ़ती है।
?23. हींग- भुनी हुई हींग, कालीमिर्च, पीपल और सोंठ को बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर रोजाना चौथाई चम्मच की गर्म पानी से फंकी लेने से शरीर में ताकत बढ़ जाती है।
?24. पापड़- किसी व्यक्ति के किसी खतरनाक रोग से उठने के कारण उसकी भोजन पचाने की क्रिया कमजोर हो जाती है। उस व्यक्ति को भोजन में पापड़ खिलाने से भोजन जल्दी पच जाता है और शरीर में खून ज्यादा मात्रा में बनता है।
?25. दूध-
लगभग आधा लीटर दूध में 250 मिलीलीटर गाजर को घिसकर उबालने से और सेवन करने से दूध जल्दी हजम हो जाता है, दस्त साफ आते हैं तथा दूध में आयरन (लोहे) की मात्रा बढ़ जाती है।
1 गिलास दूध में 1 चम्मच देशी घी और लगभग 3 चम्मच शहद मिलाकर रोजाना पीने से शरीर में ताकत, वीर्य और खूबसूरती बढ़ जाती है। इसका नियमित सेवन करने से व्यक्ति को जल्दी से बुढ़ापा भी नहीं आता।
1 गिलास दूध के अन्दर लगभग 15 बीज निकाले हुए मुनक्के डालकर उबाल लें। फिर इस दूध को हल्का सा ठंडा होने पर इसमें 1 चम्मच देशी घी ओर 3 चम्मच शहद डालकर पीने से शरीर का वजन बढ़ जाता है।
तिल और गुड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर लड्डू बना लें। इस 1 लड्डू को रोजाना सुबह के समय खाकर दूध पीने से शरीर को ताकत मिलती है तथा दिमागी कमजोरी तथा तनाव समाप्त हो जाते हैं। इससे ज्यादा भारी शारीरिक काम करने पर व्यक्ति की सांस भी नही फूलती है। तिल व्यक्ति पर जल्दी बुढ़ापा आने से रोकता है।
?26. बेल- पके हुए बेल के गूदे को सुखाकर और पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को एक चम्मच रोजाना फंकी के रूप में गर्म दूध के साथ लेने से सिर्फ 1-2 महीनों में ही शरीर और दिमाग चुस्त-दुरूस्त बन जाता है।स्नेहा समुह
?27. बादाम- रात को सोने से पहले 12 बादाम की गिरियों को पानी में भिगो दें। सुबह इसे पीसकर किसी पीतल की कढ़ाई में घी के साथ सेक लें। सिकते समय इसके लाल होने से पहले ही इसके अन्दर 125 मिलीलीटर दूध डाल दे और इसे गर्म-गर्म ही पी लें। इससे शरीर की कमजोरी दूर होकर शरीर मजबूत बन जाता है।
?28. तिल-
तिल और गुड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर लड्डू बना लें। इस 1 लड्डू रोजाना सुबह के समय खाकर दूध पीने से शरीर को ताकत मिलती है तथा दिमागी कमजोरी और तनाव समाप्त हो जाते हैं। इससे ज्यादा भारी शारीरिक काम करने पर व्यक्ति की सांस भी नहीं फूलती है। तिल व्यक्ति पर जल्दी बुढ़ापा आने से रोकता है।
?भारतीयों में एक त्यौहार आता है संक्राति जिसमें ज्यादातर तिल से बनी हुई चीजें इस्तेमाल की जाती हैं। तिल की चीजें और शरीर पर तिल के तेल की मालिश करने से शरीर की ताकत बढ़ जाती है।
है।
??29. अखरोट- अखरोट को खाने से दिमाग तेज होता है। 8 अखरोटों की गिरी, 4 बादामों की गिरी और 10 मुनक्के रोजाना खाकर उसके ऊपर दूध पीने से शरीर में ताकत बढ़ जाती है।
?30. गन्ना- गन्ना भोजन को जल्दी हजम कराता है, कब्ज के रोग को ठीक करता है, शरीर को मोटा करता है, इसको खाने से पेट की गर्मी और दिल की जलन समाप्त हो जाती है।
?31. अजवाइन- अजवाइन, इलायची, कालीमिर्च और सोंठ को बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की आधा चम्मच सुबह और शाम 2 बार पानी के साथ फंकी लेने से शरीर में ताकत पैदा हो जाती है।
?32. शहद-
शहद के अंदर विटामिन ए और बी काफी मात्रा में पाये जाते हैं। जिनसे आंखों की रोशनी तेज होती है और शरीर में खून भी ज्यादा बनता है।
शहद के अंदर खून बनाने वाले तत्व होते हैं। शहद भोजन पचाने वाले अंगों में गैस बनने से रोकता है। यह भूख न लगने वाले रोगों को दूर करके भूख को बढ़ाता है।
बच्चों को रोजाना 3 बार शहद चटाने से वे ताकतवर औऱ चुस्त-दुरुस्त बन जाते हैं। इससे बच्चों का स्नायविक संस्थान काफी मजबूत हो जाता है।
गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर सुबह खाली पेट पीने से सारे दिन शरीर में चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है।
लंबे समय तक शारीरिक रोग रहने के कारण शरीर में आई हुई कमजोरी को दूर करने के लिए दोपहर का भोजन करने के बाद 1 चम्मच शहद पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
?33. मेथी- 2 चम्मच दाना मेथी को 1 गिलास पानी में लगभग 5 घंटे तक भिगोने के लिए रख दें। फिर इसको आग पर रखकर इतनी देर तक उबालें कि पानी सिर्फ चौथाई हिस्सा बाकी रह जाए। इसके बाद इसको छानकर इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर रोजाना 1 बार पीने से शरीर में ताकत बढ़ती है।
?34. मक्का-
जिस मौसम में मक्के की खेती होती है उस मौसम में मक्के का सिरा और भुट्टा खाने से आमाशय मजबूत बनता है। यह शरीर में खून को भी बढ़ाता है।
मक्के के तेल की मालिश करने से शरीर में ताकत बढ़ती है। तेल बनाने की विधि- ताजी दूधिया मक्का के दानों को पीसकर किसी कांच की शीशी में भरकर शीशी को खोलकर धूप में रखें। दूध सूखकर उड़ जाएगा और तेल शीशी में रह जाएगा। इसे छानकर तेल को शीशी में भर लें और मालिश करें। कमजोर बच्चों के पैरों पर मालिश करने से बच्चा जल्दी चलने लगता है। एक चम्मच तेल शर्बत में मिलाकर पीने से शरीर में ताकत बढ़ती है।
?35. हरड़:
हरड़ आमाशय को मजबूत बनाती है और बुद्धि को तेज करती है। इसके सेवन से याद्दाश्त तेज होती है। यह बुद्धि पर पड़ी हुई परत को हटाकर ज्ञान को बढ़ाती है। हरड़ को किसी बेहोश व्यक्ति को सुंघाने से उसकी बेहोशी दूर हो जाती है।
छोटी हरड़ को घी में मिलाकर सेंककर पीस लेना चाहिए। फिर इसके एक चम्मच चूर्ण में थोड़ा सा घी मिलाकर भोजन करते समय खाएं। इसे ऐसे ही सुबह और शाम दोनों समय भोजन करते समय सेवन करने से शरीर में ताकत बढ़ती है। इस चूर्ण का इस्तेमाल कम से कम 1 महीने तक करने से लाभ होता है।स्नेहा समुह
?36. असगंध- असगंध को अच्छी तरह से पीसकर उसमें बराबर मात्रा में पिसी हुई मिश्री मिलाकर रोजाना रात को 2 चम्मच की मात्रा में गर्म दूध के साथ फंकी लेते रहने से शरीर में बल और वीर्य दोनों की बढ़ोत्तरी होती है।
?37. टमाटर-
सुबह नाश्ता करते समय एक गिलास टमाटर के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर पीने से चेहरा बिल्कुल टमाटर की तरह लाल हो जाता है।
टमाटर शरीर में जिगर और फेफड़ों को ताकत देता है और याद्दाश्त को तेज करता है।
टमाटर का सेवन करने से हाई ब्लडप्रेशर कम हो जाता है।
टमाटर का रस दस्तों को साफ तरह से लाकर पेट को ठीक करता है तथा मोटापे को बढ़ने से रोकता है।
टमाटर का सेवन शरीर में से खून की कमी को दूर करके थकावट और कमजोरी को समाप्त कर देता है और चेहरे पर रौनक पैदा करता है।
टमाटर में तांबे के गुण ज्यादा मात्रा में होते हैं जो खून में मौजूद लाल कणों को बढ़ाते हैं।
टमाटर भूख को तेज करता है और शरीर में ताकत पैदा करता है।
1 बड़ा ताजा लाल टमाटर रोजाना खाने से व्यक्ति के बहुत से रोग दूर हो जाते हैं।
टमाटर में लोहे की मात्रा दूध से दोगुनी होती है।
?38. चुकन्दर-
चुकन्दर का सेवन करने से स्त्रियों के स्तनों में दूध की बढ़ोत्तरी होती है।
चुकन्दर खाने से जोड़ों का दर्द नष्ट हो जाता है।
चुकन्दर को रोजाना सेवन करने से जिगर मजबूत बनता है और दिमाग तरोताजा रहता है।
?39. आलू-बढ़ती हुई उम्र के लोगों के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। आलुओं को खाने से बूढ़े लोगों के शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी हो जाती है। आलू के अन्दर मुर्गी के चूजों की ही तरह प्रोटीन होती है।
?40. प्याज-
2 चम्मच प्याज के रस को 2 चम्मच शहद में मिलाकर चाटने से लाभ होता है।
?2 चम्मच प्याज के रस में थोड़ा सा गुड़ मिलाकर रोजाना 1 बार बच्चों को पिलाने से लाभ होता है।
?41. चने-
लगभग 250 ग्राम चनों को रात में सोते समय 1 लीटर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इनको उबालने के लिए रख दें। जब उबलने पर इनका पानी चौथाई हिस्सा बाकी रह जाए तो इसको उतारकर ठंडा करके पीने से शरीर में ताकत बढ़ जाती है।
?हरे ताजे चने खाने से शरीर में ताकत की वृद्धि होती है।
?42. उड़द-
उड़द खाने में भारी होते हैं। उड़द सबसे ज्यादा गुणकारी भी होती है। उड़द को किसी भी रूप में सेवन करने से शरीर में ताकत बढ़ती है।
?रात को सोते समय लगभग 30 ग्राम उड़द की दाल को पानी में भिगों दें। फिर सुबह उठकर इस दाल को पीसकर इसमें दूध और मिश्री मिलाकर पीने से दिल, दिमाग और वीर्य की ताकत बढ़ती है।
?जिन लोगों की पाचनशक्ति तेज होती है, उन्हें उड़द का सेवन करना चाहिए।
?छिलके वाली उड़द की दाल को खाने से शरीर में मांस की बढ़ोत्तरी होती है।
?उड़द की दाल को भिगोकर उसे पीसकर उसमें 1 चम्मच देशी घी, आधा चम्मच शहद मिलाकर चाटे। इसके ऊपर से मिश्री मिला हुआ दूध लगातार सेवन करने से व्यक्ति काफी ताकतवर बन जाता है।
?43. मूंग:
मूंग के लड्डू खाने से ताकत बढ जाती है।
काफी समय तक भयंकर रोग से घिरे रहने के बाद ठीक होने पर शरीर में कमजोरी आने पर रोजाना मूंग की दाल खाने से कमजोरी दूर होकर शरीर में ताकत बढ़ जाती है।
कमजोर रोगियों को जिन्हें भोजन में अन्न देना मना हो, उनको साबुत मूंग पानी में उबालकर फिर पानी को छानकर और थोड़ी-थोड़ी देर बाद उस पानी को पीना चाहिए। यह स्वादिष्ट, जल्दी पचने वाला अन्न का रस है जो शरीर को ताकत भी देता है।
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नमो का हवाई हमला |
Posted by: Rohit Shukta - 02-26-2019, 02:54 PM - Forum: Share your stuff
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नोट बंदी रात में, जी एस टी रात में सर्जिकल स्ट्राइक रात में और एयर स्ट्राइक फिर रात में
मतलब चोकीदार जाग रहा है.
पाक को डरने की जरूरत नही ये तो उन आतंकियों पर हमला हो रहा है जिनका पता पाकिस्तान को नही है।पाकिस्तान तो हमारा पड़ोसी देश है।
ये जो पाकिस्तान पर हवाई हमला देख रहे हैं ना आप, इसका बटन आपने ही 2014 में दबाया था।
मोदी है तो मुमकिन है!!
#विश्वास_है
त्रेतायुग- श्रीराम ने केवट के पाँव धोये
द्वापरयुग- श्रीकृष्ण ने सुदामा के पाँव धोये
कलयुग- नमो ने सफाई कर्मियों के पांव धोये
आज शाम सभी अपने अपने घर दीपावली मनाएँ। भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम के प्रकटीकरण का उत्साह हर हिंदुस्तानी में दिखना चाहिए। आज सेना के जवानों के दिलों को ठंडक मिली होगी।
हम भी घर घर दीप जलाकर सेना के सम्मान में आज की शाम को प्रकाश से भर देंगे।
हित-वचन नहीं तूने माना,
मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूँ,
अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।
याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा।
फण शेषनाग का डोलेगा,
विकराल काल मुँह खोलेगा।
दुर्योधन! रण ऐसा होगा।
फिर कभी नहीं जैसा होगा।
~ रामधारी सिंह 'दिनकर'
कहाँ है वो चमचे ? जो पूछ रहे थे कि टमाटर ? और पानी से लडाई लड़नी थी तो
लड़ाकू विमान क्यों खरीदे ? सामने तो आओ
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Ek Ek Point Dhayaan Se Padhiyega |
Posted by: Megha Tyagi - 02-13-2019, 09:15 PM - Forum: Share your stuff
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*Ek Ek Point Dhayaan Se Padhiyega*
*Quote 1 .* जब लोग आपको *Copy* करने लगें तो समझ लेना जिंदगी में *Success* हो रहे हों.
*Quoted 2 .* कमाओ…कमाते रहो और तब तक कमाओ, जब तक महंगी चीज सस्ती न लगने लगे.
*Quote 3 .* जिस व्यक्ति के सपने खत्म, उसकी तरक्की भी खत्म.
*Quote 4 .* यदि *“Plan A”* काम नही कर रहा, तो कोई बात नही *25* और *Letters* बचे हैं उन पर *Try* करों.
*Quote 5 .* जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की.
*Quote 6 .* भीड़ हौंसला तो देती हैं लेकिन पहचान छिन लेती हैं.
*Quote 7 .* अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती हैं.
*Quote 8 .* कोई भी महान व्यक्ति अवसरों की कमी के बारे में शिकायत नहीं करता.
*Quote 9 .* महानता कभी ना गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है.
*Quote 10 .* जिस चीज में आपका *Interest* हैं उसे करने का कोई टाईम फिक्स नही होता. चाहे रात के *1* ही क्यों न बजे हो.
*Quote 11 .* अगर आप चाहते हैं कि, कोई चीज अच्छे से हो तो उसे खुद कीजिये.
*Quote 12 .* सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी नहीं पार कर सकते.
*Quote 13 .* जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों को अलग तरह से करते हैं.
*Quote 14 .* जितना कठिन संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी.
*Quote 15 .* यदि लोग आपके लक्ष्य पर *हंस* नहीं रहे हैं तो समझो *आपका लक्ष्य बहुत छोटा हैं.*
*Quote 16 .* विफलता के बारे में चिंता मत करो, आपको बस एक बार ही सही होना हैं.
*Quote 17 .* सबकुछ कुछ नहीं से शुरू हुआ था.
*Quote 18 .* हुनर तो सब में होता हैं फर्क बस इतना होता हैं किसी का *छिप* जाता हैं तो किसी का *छप* जाता हैं.
*Quote 19 .* दूसरों को सुनाने के लिऐ अपनी आवाज ऊँची मत करिऐ, बल्कि अपना व्यक्तित्व इतना ऊँचा बनाऐं कि आपको सुनने की लोग मिन्नत करें.
*Quote 20 .* अच्छे काम करते रहिये चाहे लोग तारीफ करें या न करें आधी से ज्यादा दुनिया सोती रहती है ‘सूरज’ फिर भी उगता हैं.
*Quote 21 .* पहचान से मिला काम थोडे बहुत समय के लिए रहता हैं लेकिन काम से मिली पहचान उम्रभर रहती हैं.
*Quote 22 .* जिंदगी अगर अपने हिसाब से जीनी हैं तो कभी किसी के *फैन* मत बनो.
*Quote 23 .* जब गलती अपनी हो तो हमसे बडा कोई वकील नही जब गलती दूसरो की हो तो हमसे बडा कोई जज नही.
*Quote 24 .* आपका खुश रहना ही आपका बुरा चाहने वालो के लिए सबसे बडी सजा हैं.
*Quote 25 .* कोशिश करना न छोड़े, गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल सकती हैं.
*Quote 26 .* इंतजार करना बंद करो, क्योकिं सही समय कभी नही आता.
*Quote 27 .* जिस दिन आपके *Sign Autograph* में बदल जाएंगे, उस दिन आप *बड़े आदमी बन जाओगें.*
*Quote 28 .* काम इतनी शांति से करो कि सफलता शोर मचा दे.
*Quote 29 .* तब तक पैसे कमाओ जब तक तुम्हारा बैंक बैलेंस तुम्हारे फोन नंबर की तरह न दिखने लगें.
*Quote 30 .* *अगर एक हारा हुआ इंसान हारने के बाद भी मुस्करा दे तो जीतने वाला भी जीत की खुशी खो देता हैं. ये हैं मुस्कान की ताकत.*
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Michael Jackson wanted to live for 150 years |
Posted by: Navin Sharma - 02-08-2019, 04:09 PM - Forum: Share your stuff
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Michael Jackson wanted to live for 150 years.
He appointed 12 doctors at home who would daily examine him from hair to toenails.
His food was always tested in laboratory before serving.
Another 15 people were appointed to look after his daily exercise and workout.
His bed had the technology to regulate the oxygen level.
Organ donors were kept ready so that whenever needed they could immediately donate their organ . The maintenance of these donors were taken care of by him.
He was proceeding with a dream of living for 150 years.
Alas ! He failed.
On 25th June 2009, at the age of 50, his heart stopped functioning. The constant effort of those 12 doctors didn't work.
Even, the combined efforts of doctors from Los Angeles and California too couldn't save him.
The person who would never put a step forward without the doctors suggestion for his last 25 years, couldn't fufill his dream of living 150 years.
Jackson's final journey was watched live by 2.5 million people which is the longest live telecast till date.
On the day he died,i.e. 25th June '09 at 3.15 pm, Wikipedia, Twitter,AOL's instant messenger stopped working. About 8 lakh people together searched Michael Jackson on Google.
Jackson tried to challenge death but death challenged him back.
The materialistic life in this materialistic world embraces materialistic death instead of a normal one. This is the rule of life.
Now let's think.
Are we earning for the builders,engineers,designers or decorators?
Whom do we want to impress by showing expensive house,car and extravagant wedding ?
Do you remember the food items in the wedding reception which you had attended couple of days ago?
Why are we working like an animal in life ?
For the comfort of how many generations do we want to save?
Most of us have one or two children. Have you ever thought how much do we need and how much do we want?
Do we consider that our children won't be able to earn much and so its necessary to save some extra for them?
Do you spend some time with yourself, family or friends in the week?
Do you spend 5% of your earning on yourself?
Why don't we find happiness in life along with what we earn ?
If you think deeply, your heart might fail to work. You will suffer from slip disc, high cholesterol, insomnia etc. etc.
Conclusion : Spend some time for yourself. We don't own any property,its only in some documents that our name is written temporarily.
When we say “ this is my property ”, God passes a crooked smile.
Don't create an impression on a person seeing his car or dress. Our great mathematicians and scientists used bicycle or scooter for commuting.
Its not a sin to be rich, but to be rich only with money is a sin.
Control life or else life will control you.
The things which really matter at the end of life is contentment, satisfaction and peace.
Sadly,these cannot be bought.
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हिंदू धर्मग्रंथों का सार, जानिए किस ग्रंथ में क्या है..?? |
Posted by: Ravi Joshi - 02-04-2019, 12:48 PM - Forum: Share your stuff
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हिंदू धर्मग्रंथों का सार, जानिए किस ग्रंथ में क्या है..??
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अधिकतर हिंदुओं के पास अपने ही धर्मग्रंथ को पढ़ने की फुरसत नहीं है। वेद, उपनिषद पढ़ना तो दूर वे गीता तक को नहीं पढ़ते जबकि गीता को एक घंटे में पढ़ा जा सकता है। हालांकि कई जगह वे भागवत पुराण सुनने या रामायण का अखंड पाठ करने के लिए समय निकाल लेते हैं या घर में सत्यनारायण की कथा करवा लेते हैं। लेकिन आपको यह जानकारी होना चाहिए कि पुराण, रामायण और महाभारत हिन्दुओं के धर्मग्रंथ नहीं है। धर्मग्रंथ तो वेद ही है।
*शास्त्रों को दो भागों में बांटा गया है:-*
श्रुति और स्मृति। श्रुति के अंतर्गत धर्मग्रंथ वेद आते हैं और स्मृति के अंतर्गत इतिहास और वेदों की व्याख्या की पुस्तकें पुराण, महाभारत, रामायण, स्मृतियां आदि आते हैं। हिन्दुओं के धर्मग्रंथ तो वेद ही है। वेदों का सार उपनिषद है और उपनिषदों का सार गीता है। आओ जानते हैं कि उक्त ग्रंथों में क्या है।
*वेदों में क्या है?*
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वेदों में ब्रह्म (ईश्वर), देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, रसायन, औषधि, प्रकृति, खगोल, भूगोल, धार्मिक नियम, इतिहास, संस्कार, रीति-रिवाज आदि लगभग सभी विषयों से संबंधित ज्ञान भरा पड़ा है। वेद चार है ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। ऋग्वेद का आयुर्वेद, यजुर्वेद का धनुर्वेद, सामवेद का गंधर्ववेद और अथर्ववेद का स्थापत्यवेद ये क्रमशः चारों वेदों के उपवेद बतलाए गए हैं।
*ऋग्वेद?* ऋक अर्थात् स्थिति और ज्ञान। इसमें भौगोलिक स्थिति और देवताओं के आवाहन के मंत्रों के साथ बहुत कुछ है। ऋग्वेद की ऋचाओं में देवताओं की प्रार्थना, स्तुतियां और देवलोक में उनकी स्थिति का वर्णन है। इसमें जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन द्वारा चिकित्सा आदि की भी जानकारी मिलती है।
*यजुर्वेद?* यजु अर्थात गतिशील आकाश एवं कर्म। यजुर्वेद में यज्ञ की विधियां और यज्ञों में प्रयोग किए जाने वाले मंत्र हैं। यज्ञ के अलावा तत्वज्ञान का वर्णन है। तत्व ज्ञान अर्थात रहस्यमयी ज्ञान। ब्रम्हांड, आत्मा, ईश्वर और पदार्थ का ज्ञान। इस वेद की दो शाखाएं हैं शुक्ल और कृष्ण।
*सामवेद?* साम का अर्थ रूपांतरण और संगीत। सौम्यता और उपासना। इस वेद में ऋग्वेद की ऋचाओं का संगीतमय रूप है। इसमें सविता, अग्नि और इंद्र देवताओं के बारे में जिक्र मिलता है। इसी से शास्त्रिय संगीत और नृत्य का जिक्र भी मिलता है। इस वेद को संगीत शास्त्र का मूल माना जाता है। इसमें संगीत के विज्ञान और मनोविज्ञान का वर्णन भी मिलता है।
*अथर्ववेद?* थर्व का अर्थ है कंपन और अथर्व का अर्थ अकंपन। इस वेद में रहस्यमयी विद्याओं, जड़ी बूटियों, चमत्कार और आयुर्वेद आदि का जिक्र है। इसमें भारतीय परंपरा और ज्योतिष का ज्ञान भी मिलता है।
*उपनिषद् क्या है?*
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उपनिषद वेदों का सार है। सार अर्थात निचोड़ या संक्षिप्त। उपनिषद भारतीय आध्यात्मिक चिंतन के मूल आधार हैं, भारतीय आध्यात्मिक दर्शन के स्रोत हैं। ईश्वर है या नहीं, आत्मा है या नहीं, ब्रह्मांड कैसा है आदि सभी गंभीर, तत्व ज्ञान, योग, ध्यान, समाधि, मोक्ष आदि की बातें उपनिषद में मिलेगी। उपनिषदों को प्रत्येक हिन्दुओं को पढ़ना चाहिए। इन्हें पढ़ने से ईश्वर, आत्मा, मोक्ष और जगत के बारे में सच्चा ज्ञान मिलता है।
वेदों के अंतिम भाग को 'वेदांत' कहते हैं। वेदांतों को ही उपनिषद कहते हैं। उपनिषद में तत्व ज्ञान की चर्चा है। उपनिषदों की संख्या वैसे तो 108 हैं, परंतु मुख्य 12 माने गए हैं, जैसे- 1. ईश, 2. केन, 3. कठ, 4. प्रश्न, 5. मुण्डक, 6. माण्डूक्य, 7. तैत्तिरीय, 8. ऐतरेय, 9. छांदोग्य, 10. बृहदारण्यक, 11. कौषीतकि और 12. श्वेताश्वतर।
*षड्दर्शन क्या है?*
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वेद से निकला षड्दर्शन : वेद और उपनिषद को पढ़कर ही 6 ऋषियों ने अपना दर्शन गढ़ा है। इसे भारत का षड्दर्शन कहते हैं। दरअसल यह वेद के ज्ञान का श्रेणीकरण है। ये छह दर्शन हैं:- 1.न्याय, 2.वैशेषिक, 3.सांख्य, 4.योग, 5.मीमांसा और 6.वेदांत। वेदों के अनुसार सत्य या ईश्वर को किसी एक माध्यम से नहीं जाना जा सकता। इसीलिए वेदों ने कई मार्गों या माध्यमों की चर्चा की है।
*गीता में क्या है?*
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महाभारत के 18 अध्याय में से एक भीष्म पर्व का हिस्सा है गीता। गीता में भी कुल 18 अध्याय हैं। 10 अध्यायों की कुल श्लोक संख्या 700 है। वेदों के ज्ञान को नए तरीके से किसी ने व्यवस्थित किया है तो वह हैं भगवान श्रीकृष्ण। अत: वेदों का पॉकेट संस्करण है गीता जो हिन्दुओं का सर्वमान्य एकमात्र ग्रंथ है। किसी के पास इतना समय नहीं है कि वह वेद या उपनिषद पढ़ें उनके लिए गीता ही सबसे उत्तम धर्मग्रंथ है। गीता को बार बार पढ़ने के बाद ही वह समझ में आने लगती है।
गीता में भक्ति, ज्ञान और कर्म मार्ग की चर्चा की गई है। उसमें यम-नियम और धर्म-कर्म के बारे में भी बताया गया है। गीता ही कहती है कि ब्रह्म (ईश्वर) एक ही है। गीता को बार-बार पढ़ेंगे तो आपके समक्ष इसके ज्ञान का रहस्य खुलता जाएगा। गीता के प्रत्येक शब्द पर एक अलग ग्रंथ लिखा जा सकता है।
गीता में सृष्टि उत्पत्ति, जीव विकासक्रम, हिन्दू संदेवाहक क्रम, मानव उत्पत्ति, योग, धर्म, कर्म, ईश्वर, भगवान, देवी, देवता, उपासना, प्रार्थना, यम, नियम, राजनीति, युद्ध, मोक्ष, अंतरिक्ष, आकाश, धरती, संस्कार, वंश, कुल, नीति, अर्थ, पूर्वजन्म, जीवन प्रबंधन, राष्ट्र निर्माण, आत्मा, कर्मसिद्धांत, त्रिगुण की संकल्पना, सभी प्राणियों में मैत्रीभाव आदि सभी की जानकारी है।
श्रीमद्भगवद्गीता योगेश्वर श्रीकृष्ण की वाणी है। इसके प्रत्येक श्लोक में ज्ञानरूपी प्रकाश है, जिसके प्रस्फुटित होते ही अज्ञान का अंधकार नष्ट हो जाता है। ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है। गीता को अर्जुन के अलावा और संजय ने सुना और उन्होंने धृतराष्ट्र को सुनाया। गीता में श्रीकृष्ण ने- 574, अर्जुन ने- 85, संजय ने 40 और धृतराष्ट्र ने- 1 श्लोक कहा है।
*उपरोक्त ग्रंथों के ज्ञान का सार बिंदूवार :*
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*1.ईश्वर के बारे में :*
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ब्रह्म (परमात्मा) एक ही है जिसे कुछ लोग सगुण (साकार) कुछ लोग निर्गुण (निराकार) कहते हैं। हालांकि वह अजन्मा, अप्रकट है। उसका न कोई पिता है और न ही कोई उसका पुत्र है। वह किसी के भाग्य या कर्म को नियंत्रित नहीं करता। ना कि वह किसी को दंड या पुरस्कार देता है। उसका न तो कोई प्रारंभ है और ना ही अंत। वह अनादि और अनंत है। उसकी उपस्थिति से ही संपूर्ण ब्रह्मांड चलायमान है। सभी कुछ उसी से उत्पन्न होकर अंत में उसी में लीन हो जाता है। ब्रह्मलीन।
*2.ब्रह्मांड के बारे में :*
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यह दिखाई देने वाला जगत फैलता जा रहा है और दूसरी ओर से यह सिकुड़ता भी जा रहा है। लाखों सूर्य, तारे और धरतीयों का जन्म है तो उसका अंत भी। जो जन्मा है वह मरेगा। सभी कुछ उसी ब्रह्म से जन्में और उसी में लीन हो जाने वाले हैं। यह ब्रह्मांड परिवर्तनशील है। इस जगत का संचालन उसी की शक्ति से स्वत: ही होता है। जैसे कि सूर्य के आकर्षण से ही धरती अपनी धूरी पर टिकी हुई होकर चलायमान है। उसी तरह लाखों सूर्य और तारे एक महासूर्य के आकर्षण से टिके होकर संचालित हो रहे हैं। उसी तरह लाखों महासूर्य उस एक ब्रह्मा की शक्ति से ही जगत में विद्यमान है।
*3.आत्मा के बारे में :*
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आत्मा का स्वरूप ब्रह्म (परमात्मा) के समान है। जैसे सूर्य और दीपक में जो फर्क है उसी तरह आत्मा और परमात्मा में फर्क है। आत्मा के शरीर में होने के कारण ही यह शरीर संचालित हो रहा है। ठीक उसी तरह जिस तरह कि संपूर्ण धरती, सूर्य, ग्रह नक्षत्र और तारे भी उस एक परमपिता की उपस्थिति से ही संचालित हो रहे हैं।
आत्मा का ना जन्म होता है और ना ही उसकी कोई मृत्यु है। आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरा शरीर धारण करती है। यह आत्मा अजर और अमर है। आत्मा को प्रकृति द्वारा तीन शरीर मिलते हैं एक वह जो स्थूल आंखों से दिखाई देता है। दूसरा वह जिसे सूक्ष्म शरीर कहते हैं जो कि ध्यानी को ही दिखाई देता है और तीसरा वह शरीर जिसे कारण शरीर कहते हैं उसे देखना अत्यंत ही मुश्लिल है। बस उसे वही आत्मा महसूस करती है जो कि उसमें रहती है। आप और हम दोनों ही आत्मा है हमारे नाम और शरीर अलग अलग हैं लेकिन भीतरी स्वरूप एक ही है।
*4.स्वर्ग और नरक के बारे में :*
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वेदों के अनुसार पुराणों के स्वर्ग या नर्क को गतियों से समझा जा सकता है। स्वर्ग और नर्क दो गतियां हैं। आत्मा जब देह छोड़ती है तो मूलत: दो तरह की गतियां होती है:- 1.अगति और 2. गति।
*1.अगति:?* अगति में व्यक्ति को मोक्ष नहीं मिलता है उसे फिर से जन्म लेना पड़ता है।
*2.गति ?* गति में जीव को किसी लोक में जाना पड़ता है या वह अपने कर्मों से मोक्ष प्राप्त कर लेता है।
*अगति के चार प्रकार है-* 1.क्षिणोदर्क, 2.भूमोदर्क, 3. अगति और 4.दुर्गति।
*क्षिणोदर्क ?* क्षिणोदर्क अगति में जीव पुन: पुण्यात्मा के रूप में मृत्यु लोक में आता है और संतों सा जीवन जीता है।
*भूमोदर्क ?* भूमोदर्क में वह सुखी और ऐश्वर्यशाली जीवन पाता है।
अगति ? अगति में नीच या पशु जीवन में चला जाता है।
दुर्गति ? दुर्गति में वह कीट, कीड़ों जैसा जीवन पाता है।
*गति के भी 4 प्रकार :-*
गति के अंतर्गत चार लोक दिए गए हैं:- 1.ब्रह्मलोक, 2.देवलोक, 3.पितृलोक और 4.नर्कलोक। जीव अपने कर्मों के अनुसार उक्त लोकों में जाता है।
*तीन मार्गों से यात्रा :*
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जब भी कोई मनुष्य मरता है या आत्मा शरीर को त्यागकर यात्रा प्रारंभ करती है तो इस दौरान उसे तीन प्रकार के मार्ग मिलते हैं। ऐसा कहते हैं कि उस आत्मा को किस मार्ग पर चलाया जाएगा यह केवल उसके कर्मों पर निर्भर करता है। ये तीन मार्ग हैं- अर्चि मार्ग, धूम मार्ग और उत्पत्ति-विनाश मार्ग। अर्चि मार्ग ब्रह्मलोक और देवलोक की यात्रा के लिए होता है, वहीं धूममार्ग पितृलोक की यात्रा पर ले जाता है और उत्पत्ति-विनाश मार्ग नर्क की यात्रा के लिए है।
*5.धर्म और मोक्ष के बारे में :*
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धर्मग्रंथों के अनुसार धर्म का अर्थ है यम और नियम को समझकर उसका पालन करना। नियम ही धर्म है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में से मोक्ष ही अंतिम लक्ष्य होता है। हिंदु धर्म के अनुसार व्यक्ति को मोक्ष के बारे में विचार करना चाहिए। मोक्ष क्या है? स्थितप्रज्ञ आत्मा को मोक्ष मिलता है। मोक्ष का भावर्थ यह कि आत्मा शरीर नहीं है इस सत्य को पूर्णत: अनुभव करके ही अशरीरी होकर स्वयं के अस्तित्व को पूख्ता करना ही मोक्ष की प्रथम सीढ़ी है।
*6.व्रत और त्योहार के बारे में :*
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हिन्दु धर्म के सभी व्रत, त्योहार या तीर्थ सिर्फ मोक्ष की प्राप्त हेतु ही निर्मित हुए हैं। मोक्ष तब मिलेगा जब व्यक्ति स्वस्थ रहकर प्रसन्नचित्त और खुशहाल जीवन जीएगा। व्रत से शरीर और मन स्वस्थ होता है। त्योहार से मन प्रसन्न होता है और तीर्थ से मन और मस्तिष्क में वैराग्य और आध्यात्म का जन्म होता है।
मौसम और ग्रह नक्षत्रों की गतियों को ध्यान में रखकर बनाए गए व्रत और त्योहार का महत्व अधिक है। व्रतों में चतुर्थी, एकादशी, प्रदोष, अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण मास और कार्तिक मास के दिन व्रत रखना श्रेष्ठ है। यदि उपरोक्त सभी नहीं रख सकते हैं तो श्रावण के पूरे महीने व्रत रखें। त्योहारों में मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि, नवरात्रि, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी और हनुमान जन्मोत्सव ही मनाएं। पर्व में श्राद्ध और कुंभ का पर्व जरूर मनाएं।
व्रत करने से काया निरोगी और जीवन में शांति मिलती है। सूर्य की 12 और 12 चंद्र की संक्रांति होती है। सूर्य संक्रांतियों में उत्सव का अधिक महत्व है तो चंद्र संक्रांति में व्रतों का अधिक महत्व है। चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, अषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ और फाल्गुन। इसमें से श्रावण मास को व्रतों में सबसे श्रेष्ठ मास माना गया है।
?????????
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9 मसाले कौन कौन से हैं |
Posted by: Sanjay Sharma - 02-04-2019, 12:44 PM - Forum: Share your stuff
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9 मसाले कौन कौन से हैं
और ये किस प्रकार ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते है व इनके पीछे छिपी वैज्ञानिकता क्या है ?
?1. नमक (पिसा हुआ) सूर्य
?2. लाल मिर्च (पिसी हुई) मंगल
?3. हल्दी ,,,,,,, (पिसी हुई ) गुरु
?4. जीरा (साबुत या पिसा हुआ) राहु केतु
?5. धनिया,,,,,, (पिसा हुआ) बुध
?6. काली मिर्च (साबुत या पाउडर) शनि
?7. अमचूर ,,,, (पिसा हुआ) केतु
?8. गर्म मसाला,. (पिसा हुआ) राहु
?9. मेथी,,,,,,,,,,,. मंगल....
?मसाले के सेवन से अपने
स्वास्थ्य और ग्रहो को ठीक करे
???
? भारतीय रसोई में मिलने वाले मसाले सेहत के लिए तो अच्छे होते ही है ,पर साथ में उन के सेवन से हमारे ग्रह भी अच्छे होते है
?सौंफ?
सौंफ का जिक्र हम पहले भी कर चुके है की सौंफ खाने से हमारा शुक्र और चंद्र अच्छा होता है
? इसे मिश्री के साथ ले या उस के बिना भी ले खाने के बाद , एसिडिटि और जी मिचलाने जैसी समस्या कम होने लगेंगी
? सौंफ को गुड के साथ सेवन करें जब आप घर से किसी काम के लिए निकाल रहे हो , इस से आप का मंगल ग्रह आप का पूरा काम करने में साथ देता है ....
?दालचीनी?
मंगल ओर शुक्र ग्रह को ठीक करती है
? अगर किसी का मंगल और शुक्र कुपित है ,तो थोड़ी सी दालचीनी को शहद में मिलाकर ताज़े पानी के साथ ले , इस से आप की शरीर में शक्ति बढ़ेगी और सर्दियों में कफ की समस्या कम परेशान करती है .......
?काली मिर्च?
काली मिर्च के सेवन से हमारा शुक्र और चंद्रमा अच्छा होता है
? इस के सेवन से कफ की समस्या कम होती है और हमारी स्मरण शक्ति भी बढ़ती है
तांबे के किसी बर्तन में काली मिर्च डालकर Dining Table पर रखने से घर को नज़र नहीं लगती है....
?जौं?
जौ के प्रयोग से सूर्य ग्रह और गुरु ग्रह ठीक होता है
? जौं के आटे की रोटी खाने से पथरी कभी नहीं होती है.....
?हरी इलायची?
इस के प्रयोग से बुध ग्रह मजबूत होता है
? अगर किसी को दूध पचाने में परेशानी होती है....
तो हरी इलायची उस में पका कर फिर दूध का सेवन करें इस से ऐसी परेशानी नहीं होगी ....
यह उन लोगो के लिए उपकारी है की जिन को दूध अपनी सेहत बनाए रखने या कैल्सियम के लिए दूध तो पीना पड़ता है पर उसको पीकर पचाने में समस्या आती है ...
?हल्दी?
हल्दी के गुण हम सबसे छुपे नहीं है , हल्दी के सेवन से बृहस्पति ग्रह अच्छा होता है ,
? हल्दी की गांठ को पीले धागे में बांधकर गुरुवार को गले में धारण करने से बृहस्पति के अच्छे फल मिलते है और यह तो हम सब को पता है की हल्दी का दूध पीने से Arthritis , Bones और Infections में ज़बरदस्त फायदा मिलता है....
?जीरा?
जीरा राहू व केतू का प्रतिनिधित्व करता है.
? जीरा का सेवन खाने में करने से आप के दैनिक जीवन में सौहार्द व शांति बने रहते हैं.
?हींग?
हींग बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है
? हींग का नित्य प्रतिदिन सेवन करने से वात व पित्त के रोग नियंत्रित होते हैं हींग आप की पाचन शक्ति भी बढाती है व क्रोध समस्या से भी निजात दिलाती है.
?सौंफ :?
शुक्र ग्रह मजबूत होता है
? सौंफ हम रोज़ तो इस्तेमाल करते है ,पर क्या आप को पता है
*की सौंफ के सेवन
से आपका शुक्र ग्रह मजबूत होता हैं .,,
खुश रहो मस्त रहो ,
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मेधावी छात्र छात्राओं को गिफ्ट वाउचर प्रदान किये गए। |
Posted by: admin - 02-03-2019, 11:35 PM - Forum: Gift Voucher
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सम्माननीय स्वजन,
हम सब के लिये अत्यन्त हर्ष का विषय है कि बाल प्रतिभा सम्मान (आयुवर्ग 5 से 18 वर्ष ) के अन्तर्गत प्रतिभाओं को वेबसाइट रेकी एंड एस्ट्रोलोजी प्रिडिक्शंस द्वारा समस्त मेधावी 25 छात्र छात्राओं को 1000रू. के गिफ्ट वाउचर प्रदान किये गए। आपके सफल भविष्य की कामना के साथ !!
Gift Voucher.pdf (Size: 344.54 KB / Downloads: 996)
1. कुमारी अपूर्वा कराहे उम्र (हा.से.94.6%)
2. कुमारी सुरभि कराहे उम्र
(हाई स्कुल 94.2%)
3. कु. आस्था नेगी उम्र
(राष्ट्रीय खिलाड़ी- ताइक्वांडो, गोल्ड मेडलीस्ट)
4. कु. परागी भाटेय उम्र
(किड्स फैशन शो राष्ट्रीय स्तर)
5. अनय उपाध्याय उम्र
(जिला स्तरीय खिलाड़ी- ताइक्वांडो, सिल्वर मेडलीस्ट)
6. कु. मुस्कान शर्मा
राष्ट्रीय टी वी कलाकार
डांसिंग "रोबोटिक गर्ल"
7. कु. राशी चौकड़े
राष्ट्रीय एरोबिक्स चेम्पियन
8. तान्या शर्मा
उम्र :- 14 साल
शास्त्रीय संगीत
निवासी : - भोपाल
9. अनंत शर्मा
उम्र 14 साल
(राष्ट्रीय खिलाड़ी- एल्बो बाक्सींग, ब्रांज मेडलीस्ट)
10. कु. समृद्धि शर्मा उम्र 11 वर्ष
(राष्ट्रीय एरोबिक्स चेम्पियन गोल्ड मेडलिस्ट)
11. ध्रुव शर्मा उम्र 17 साल
कक्षा 10 टॉपर आय पी एस
12. समृद्धि शर्मा उम्र 16 वर्ष
(राष्ट्रीय खिलाड़ी- ताइक्वांडो, गोल्ड मेडलीस्ट)
13. ऋषीका शर्मा उम्र 17 वर्ष
(राष्ट्रीय खिलाड़ी - वोविनम, गोल्ड मेडलिस्ट)
14.शान्तनु खरे , गोल्ड मेडलिस्ट ( शतरंज )
15. शिवांकर S/O डॉ विपिन शर्मा
उम्र :- 15 साल
N. S. O. सिल्वर मेडल
निवासी :- सुदामा नगर, इंदौर
16) केशव S/O श्री संजय सोहनी
राष्ट्रीय खिलाड़ी बेडमेन्टन
गोल्ड मेडलिस्ट -जिला स्तर
निवासी 174 सिद्धि पुरम, इंदौर
17. कु कीर्ति सकरगाये
कबड्डी, दौड़, में राष्ट्रीय स्तर में
म. प्र. का प्रातिनिधित्व
निवास संगम नगर इंदौर
18 कु स्तुति भट्ट
क्लास 6th में 92/:
उम्र 10 वर्ष
निवासी लिम्बोदी इंदौर
19. राधिका कश्यप उम्र 17 वर्ष
कक्षा 10वीं में 92.8%
20. मिहिका पूरे
गोल्ड मैडल - इंटरनेशनल शूटिंग
21. वेद शर्मा
तबला वादन
22. श्लोक शर्मा
गायन
अन्य उपस्थित छात्र छात्राओं को भी गिफ्ट वाउचर दिये गये जिनके नाम इस लिस्ट में नहीं हैं.
आप सभी से अनुरोध हे कि आप भी समाज के एसे प्रतिभाशाली बच्चों की जानकारी दें जिन्होने किसी विशिष्ट विधा जैसे अध्यापन, गीत, संगीत, नृत्य, खेल आदि मे विशिष्ट स्थान प्राप्त किया हो।
Giving information about reiki healing and astrology counseling. About our website work and success. We gifted 1000 rs vouchers to 25 bright students for excellence in different fields.
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महान क्रांतिकारी 'पंजाब केसरी' लाला लाजपतराय जी |
Posted by: Govind Acharya - 02-02-2019, 02:56 PM - Forum: Share your stuff
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*⚜⛳सनातन धर्म की जय⛳⚜*
*⚜⛳सनातन धर्म रक्षक समिति⛳⚜*
*स्वतंत्रता संग्राम के महान महान क्रांतिकारी 'पंजाब केसरी' लाला लाजपतराय जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन??????*
*लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी , 1865 ई. को अपने ननिहाल के ग्राम ढुंढिके, ज़िला फ़रीदकोट , पंजाब में हुआ था....उनके पिता लाला राधाकृष्ण लुधियाना ज़िले के जगराँव क़स्बे के निवासी अग्रवाल वैश्य थे....*
*लाला राधाकृष्ण अध्यापक थे....वे उर्दू तथा फ़ारसी के अच्छे जानकार थे...इसके साथ ही इस्लाम के मन्तव्यों में भी उनकी गहरी आस्था थी...वे मुसलमानी धार्मिक अनुष्ठानों का भी नियमित रूप से पालन करते थे...नमाज़ पढ़ना और रमज़ान के महीने में रोज़ा रखना उनकी जीनवचर्या का अभिन्न अंग था, यथापि वे सच्चे धर्म- जिज्ञासु थे...!!⛳*
*अपने पुत्र लाला लाजपत राय के आर्य समाजी बन जाने पर उन्होंने वेद के दार्शनिक सिद्धान्त 'त्रेतवाद' को समझने में भी रुचि दिखाई... पिता की इस जिज्ञासु प्रवृत्ति का प्रभाव उनके पुत्र लाजपत राय पर भी पड़ा था....लाजपत राय के पिता वैश्य थे, किंतु उनकी माती सिक्ख परिवार से थीं...दोनों के धार्मिक विचार भिन्न-भिन्न थे...*
*इनकी माता एक साधारण महिला थीं...वे एक हिन्दू नारी की तरह ही अपने पति की सेवा करती थीं....*
*शिक्षा*
*लाजपत राय की शिक्षा पाँचवें वर्ष में आरम्भ हुई... सन 1880 में उन्होंने कलकत्ता तथा पंजाब विश्वविद्यालय से एंट्रेंस की परीक्षा एक वर्ष में उत्तीर्ण की और आगे पढ़ने के लिए लाहौर आ गए...यहाँ वे गर्वमेंट कॉलेज में प्रविष्ट हुए और 1882 में एफ. ए. की परीक्षा तथा मुख़्तारी की परीक्षा साथ-साथ उत्तीर्ण की...यहीं वे आर्य समाज के सम्पर्क में आये और उसके सदस्य बन गये....???*
*भारत के पंजाब प्रदेश में जन्मे लाजपत राय देश के अमर क्रांति कारी व स्वतंत्रता सेनानी थे । सन् 1865 ई॰ में छोटे से गाँव में जन्मे लाला लाजपत राय ने देशभक्ति में वे आदर्श स्थापित किए जिसके लिए संपूर्ण देश उनका सदैव ऋणी रहेगा ...*
*मातृभूमि के लिए उनका बलिदान आज भी देश के नागरिकों में देशभक्ति की भावना का संचार करता है ...*
*संपूर्ण भारत उन्हें ‘पंजाब केसरी’ के नाम से जानता है ...*
*लाला लाजपत राय वकालत का कार्य करते थे .... परंतु पराधीन भारत का दर्द उन्हें हमेशा कचोटता रहता था ...* *गाँधी जी के संपर्क में आने पर वे उनसे अत्यधिक प्रभावित हुए तथा बाद में अपने व्यवसाय को तिलांजलि देकर वे समर्पित भाव से गाँधी जी द्वारा चलाए गए स्वतंत्रता आदोलन में शामिल हो गए ...*
*वे सदैव से ही अंग्रेजों व अंग्रेजी सरकार का विरोध करते रहे जिससे क्षुब्ध अंग्रेजों ने सन् 1907 ई॰ में उन्हें बर्मा जेल में डाल दिया ...*
*जेल से लौटने के पश्चात् वे और भी अधिक सक्रिय हो गए ... उन्होंने महात्मा गाँधी की अध्यक्षता में होने वाले असहयोग आदोलन में खुलकर उनका साथ दिया ...उन्हें कई बार अंग्रेजों ने जेल भेजा परंतु वे अपने उद्देश्य से तनिक भी विचलित नहीं हुए ...*
*भारत के स्वतंत्रता आदोलन के दौरान जब साइमन कमीशन भारत आया तब कांग्रेस के द्वारा उसका खुलकर विरोध किया गया ... साइमन कमीशन की नियुक्ति हालाँकि 1926 ई॰ में ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई थी, परंतु इसका भारत आगमन सन् 1928 में हुआ था ....*
*लाला लाजपत राय उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष थे ...*
*लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध में वे विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे तब अंग्रेजों ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया ... उस घातक चोट के तीन हफ्ते पश्चात् भारत माता का वह वीर सपूत चिर निद्रा में लीन हो गया ..*
*समस्त देश में शोक की लहर उठ गई...*
*क्रोधित व क्षुब्ध देशवासियों ने जगह -जगह आगजनी व हिंसात्मक प्रदर्शन किए ...परंतु कांग्रेस के नेताओं ने अपने प्रयासों से इसे बंद करवाया ...!!*
*लाला लाजपत राय एक सच्चे देशभक्त के साथ ही एक सच्चे समाज सुधारक भी थे... वे जीवन पर्यंत अछूतों के उद्धार के लिए प्रयासरत रहे ...!!*
*इसके अतिरिक्त उन्होंने देश में शिक्षा के क्षैत्र में कई कार्य किए ... उन्होंने नारियों को भी शिक्षा का समान अधिकार देने हेतु सदैव प्रयास किए ...!!*
*उन्होंने विभिन्न स्थानों पर अनेक विद्यालयों*
*की स्थापना की ...वै*
*मूलत: आर्य समाज के प्रवर्तक थे.* ⛳⛳
*इसके अतिरिक्त वे एक प्रभावशाली वक्ता भी थे।उनकी वाणी में जोश उत्पन्न करने की वह क्षमता थी जो कमजोर व्यक्तियों को भी ओजस्वी बना देती थी।*
*लाला लाजपत राय एक धार्मिक व्यक्ति थे पर उन्होंने हिंदू धर्म मैं व्याप्त कुछ कट्टरताओं और रूढ़ियों का सदैव विरोध किया।.ईश्वर पर उनकी सच्ची आस्था थी। वे निडर एवं बहादुर इंसान थे । मातृभूमि के लिए उनका त्याग और बलिदान अतुलनीय है।।*
*देश की स्वतंत्रता के लिए उनके प्रयासों के लिए राष्ट्र उनका सदैव ऋणी रहेगा। वे एक सच्चे महामानव थे जिन्होंने सदैव मानवता का संदेश दिया ।उनकी देशभक्ति , साहस और आत्म-बलिदान आज भी प्रेरणा के स्रोत बनकर हमारे हृदयों में विद्यमान हैं ।*
*इतिहास उन्हें कभी भुला नहीं सकेगा, वास्तव में लाला लाजपत राय भारत के उन अमर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे जिन्होंने मातृभूमि की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने में अपनी ओर से पूरा प्रयत्न किया।*
*ऐसे ही कई देशभक्तों के बलिदानों के पश्चात् देश को आजादी की प्राप्ति हुई ..!!*
*हमें अपनी आजादी की रक्षा इन नेताओं के आदर्शों पर चलकर ही करनी होगी। लाला लाजपत राय ने देश के नवनिर्माण का जो स्वप्न देखा था, उसे हम उनके बताए मार्ग पर चलकर साकार कर सकते हैं...!!*
*तो क्यो न हम भी एकता के सूत्र मे बंधकर..उनके स्वपन को पूरा करें*
*_जनजागृति हेतु लेख को पढ़ने के उपरांत साझा अवश्य करें_*
*जय श्रीराम*⛳⛳
*वन्दे मातरम्*⛳⛳
⚜?⛳?⚜
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पत्नी क्या होती है। |
Posted by: Kavita Sharma - 02-02-2019, 11:13 AM - Forum: Share your stuff
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?? पत्नी क्या होती है। ???... .
रामलाल तुम अपनी बीबी से इतना क्यों डरते हो ? मैने अपने नौकर से पुछा।।
"मै डरता नही साहब उसकी कद्र करता हूँ , उसका सम्मान करता हूँ।"उसने जबाव दिया।
मैं हंसा और बोला-" ऐसा क्या है उसमें।
ना सुरत ना पढी लिखी।"
जबाव मिला-" कोई फरक नही पडता साहब कि वो कैसी है पर मुझे सबसे प्यारा रिश्ता उसी का लगता है।"
"जोरू का गुलाम।"मेरे मुँह से निकला।"
और सारे रिश्ते कोई मायने नही रखते तेरे लिये।"मैने पुछा।
*उसने बहुत इत्मिनान से जबाव दिया-* साहब जी माँ बाप रिश्तेदार नही होते। वो भगवान होते हैं।उनसे रिश्ता नही निभाते उनकी पूजा करते हैं।
भाई बहन के रिश्ते जन्मजात होते हैं!
दोस्ती का रिश्ता भी मतलब का ही होता है।
आपका मेरा रिश्ता भी दजरूरत और पैसे का है।
*पर,*
पत्नी बिना किसी करीबी रिश्ते के होते हुए भी हमेशा के लिये हमारी हो जाती है
अपने सारे रिश्ते को पीछे छोडकर।
और हमारे हर सुख दुख की सहभागी बन जाती है
आखिरी साँसो तक।
*मै अचरज से उसकी बातें सुन रहा था।*
वह आगे बोला-"साहब जी, पत्नी अकेला रिश्ता नही है, बल्कि वो पुरा रिश्तों की *भण्डार* है।
जब वो हमारी सेवा करती है हमारी देख भाल करती है ,
हमसे दुलार करती है तो एक माँ जैसी होती है।
जब वो हमे जमाने के उतार चढाव से आगाह करती है,और मैं अपनी सारी कमाई उसके हाथ पर रख देता हूँ क्योकि जानता हूँ वह हर हाल मे मेरे घर का भला करेगी तब पिता जैसी होती है।
जब हमारा ख्याल रखती है हमसे लाड़ करती है, हमारी गलती पर डाँटती है, हमारे लिये खरीदारी करती है तब बहन जैसी होती है।
जब हमसे नयी नयी फरमाईश करती है, नखरे करती है, रूठती है , अपनी बात मनवाने की जिद करती है तब बेटी जैसी होती है।
जब हमसे सलाह करती है मशवरा देती है ,परिवार चलाने के लिये नसीहतें देती है, झगडे करती है तब एक दोस्त जैसी होती है।
जब वह सारे घर का लेन देन , खरीददारी , घर चलाने की जिम्मेदारी उठाती है तो एक मालकिन जैसी होती है।
और जब वही सारी दुनिया को यहाँ तक कि अपने बच्चो को भी छोडकर हमारे बाहों मे आती है. . तब वह पत्नी, प्रेमिका, अर्धांगिनी , हमारी प्राण और आत्मा होती है जो अपना सब कुछ सिर्फ हमपर न्योछावर करती है।"
*मैं उसकी इज्जत करता हूँ तो क्या गलत करता हूँ साहब ।"*
मैं उसकी बात सुनकर अकवका रह गया।।
? *एक अनपढ़ और सीमित साधनो मे जीवन निर्वाह करनेवाले से जीवन का यह मुझे एक नया अनुभव हुआ ।*
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मोदी ने क्या दिया |
Posted by: Nayan Pande - 01-22-2019, 11:41 AM - Forum: Share your stuff
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सुनिए, मोदी ने मुझे कुछ दिया हो या न दिया हो पर मोदी मेरी कल्पना को हकीक़त में बदलने का काम अवश्य कर रहे है.
मेरी कल्पना जो मैंने हॉलीवुड फिल्में देख कर भारत के लिए सोची थी वो आज भारत की हकीक़त बन चुकी है :
? भारतीय सेना भी अमेरिका, रूस की तरह आधुनिक हथियारों से लैस हो : हो गई.
? भारत के पास भी अमेरिका, रूस की तरह अपना एक सैटेलाइट हो जो सेना को लाइव फुटेज दिखा सके : हो गया.
? भारत के पास भी अमेरिका, रूस की तरह आधुनिक तकनीक से युक्त “वॉर रूम” हो जहां बैठ कर दुश्मन की हरकतों पर लाइव नजर रखी जा सके : यह भी हो गया.
? भारत के पास भी आधुनिक युद्धक हेलीकॉप्टर हो, 2 पंखों वाला हेलीकॉप्टर हो : मोदी जी ने वैसा ही अपाचे और शिनूक खरीद दिया जो मार्च तक भारतीय सेना को मिल भी जाएगा.
? भारतीय सेना के पास भी आधुनिक ऑटोमेटिक हथियार हो, नाइट विजन हो, ड्रोन हो, ऑटोमेटिक गाइडेड मिसाइल हो : ये सब भी हो गया.
? भारत में भी ऐसा ही अस्पताल हो जैसा हमने GTA गेम में देखा था, जिसपर हेलीकॉप्टर भी उतर सके, बड़ा सा आधुनिक अस्पताल जो सभी सुविधाओं से लैस हो : यह भी पूरा हो गया अभी हाल ही में, एसवीपीआईएमएसआर के रूप में.
? भारतीय सेना के पास रेत में, बर्फ में चलने वाले वाहन हो : हो गए.
? विदेशों की तरह देश में सिर्फ एक (डॉक्यूमेंट) से सब कुछ हो, पैसा भी निकले, पहचान पत्र का भी काम करे इत्यादि : ये भी कर दिया मोदी जी ने आधार के रूप में
? एक ऐसा सेंटर हो जहां से पूरे शहर की निगरानी रखी जा सके : ये भी हो गया कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के रूप में.
? भारत में भी आधुनिक एक्सप्रेस हाइवे हो : वो भी बना कर दिखा दिया 14 लेन का दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस हाइवे.
? नदियों पर जहाज चले : ये भी कर के दिखा दिया मोदी जी ने.
? नदियों और समुद्रों पर ऐसे जहाज चले जिसमें गाड़ियां भी जा सके : ये भी कर दिया रो रो फेरी के रूप में.
? आधुनिक रेलवे स्टेशन हो, बस स्टेशन हो, बुलेट ट्रेन जैसी दिखने वाली आधुनिक ट्रेनें भारत में भी चलें : ये सब भी मोदी जी ने पूरा कर दिया, ट्रेन 18 के रूप में सेमी बुलेट ट्रेन ही चलवा दी.
? अभी मेरी कुछ कल्पनाएं और है जो पूरी होना बाकी है और मुझे विश्वास है मोदी जी इसको जरूर पूरा करेंगे.
? भारतीय पुलिस भी आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस हो, वर्दी पर कैमरा, माइक लगा हो जो सीधा कंट्रोल रूम से जुड़ा हो भारतीय पुलिस बल के पास भी अपना हेलीकॉप्टर हो.
? हर प्रकार की आपातकाल स्थिति के लिए सिर्फ एक ही नंबर हो, वहां से संबंधित विभाग को कॉल ट्रांसफर हो.
? इत्यादि बहुत सारी कल्पनाएं आज हकीक़त बन चुकी है, बन रही है. और ये सब मोदी जी ने स्वविवेक से किया है. मतलब हमारे फेसबुक वाले चुटियापे से नहीं जो दिन रात हम फेसबुक पर मोदी जी को सिखाते रहते है कि उनको काम क्या करना चाहिए और कैसे करना चाहिए.
हो सकता है जो हमारी आपकी कल्पना इस देश के प्रति है वही सोच इस देश के लिए मोदी जी भी रखते हो, इसीलिए कहता हूं मित्रों : *#TrustNaMo #ModiMatters*
*जागरूकता के लिए पढ़ने के बाद सन्देश को आगे भेजना न भूलें??*
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ब्राह्मण-परम्परा |
Posted by: Govind Acharya - 01-21-2019, 11:58 AM - Forum: Share your stuff
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ब्राह्मण-परम्परा
एक कुलीन ब्राह्मण को अपनी कुल परम्परा का सम्पूर्ण परिचय निम्न ११ (एकादश) बिन्दुओं के माध्यम से ज्ञात होना चाहिए -
[१] गोत्र।
[२] प्रवर।
[३] वेद।
[४] उपवेद।
[५] शाखा।
[६] सूत्र।
[७] छन्द।
[८] शिखा।
[९] पाद।
[१०] देवता।
[११] द्वार।
[१] गोत्र: गोत्र का अर्थ है कि वह कौन से ऋषिकुल का है या उसका जन्म किस ऋषिकुल से सम्बन्धित है । किसी व्यक्ति की वंश-परम्परा जहां से प्रारम्भ होती है, उस वंश का गोत्र भी वहीं से प्रचलित होता गया है। हम सभी जानते हें की हम किसी न किसी ऋषि की ही संतान है, इस प्रकार से जो जिस ऋषि से प्रारम्भ हुआ वह उस ऋषि का वंशज कहा गया । इन गोत्रों के मूल ऋषि – विश्वामित्र, जमदग्नि, भारद्वाज, गौतम, अत्रि, वशिष्ठ, कश्यप- इन सप्तऋषियों और आठवें ऋषि अगस्त्य की संतान गोत्र कहलाती है। यानी जिस व्यक्ति का गौत्र भारद्वाज है, उसके पूर्वज ऋषि भारद्वाज थे और वह व्यक्ति इस ऋषि का वंशज है। इन गोत्रों के अनुसार इकाई को "गण" नाम दिया गया, यह माना गया की एक गण का व्यक्ति अपने गण में विवाह न कर अन्य गण में करेगा। इस प्रकार कालांतर में ब्राह्मणो की संख्या बढ़ते जाने पर पक्ष ओर शाखाये बनाई गई । इस तरह इन सप्त ऋषियों पश्चात उनकी संतानों के विद्वान ऋषियों के नामो से अन्य गोत्रों का नामकरण हुआ ।
गोत्र शब्द एक अर्थ में गो अर्थात् पृथ्वी का पर्याय भी है ओर 'त्र' का अर्थ रक्षा करने वाला भी हे। यहाँ गोत्र का अर्थ पृथ्वी की रक्षा करें वाले ऋषि से ही है। गो शब्द इन्द्रियों का वाचक भी है, ऋषि- मुनि अपनी इन्द्रियों को वश में कर अन्य प्रजाजनों का मार्ग दर्शन करते थे, इसलिए वे गोत्रकारक कहलाए। ऋषियों के गुरुकुल में जो शिष्य शिक्षा प्राप्त कर जहा कहीं भी जाते थे , वे अपने गुरु या आश्रम प्रमुख ऋषि का नाम बतलाते थे, जो बाद में उनके वंशधरो में स्वयं को उनके वही गोत्र कहने की परम्परा आविर्भूत हुई । जाति की तरह गोत्रों का भी अपना महत्व है, यथा -
१. गोत्रों से व्यक्ति और वंश की पहचान होती है ।
२. गोत्रों से व्यक्ति के सम्बन्धों की पहचान होती है ।
३. गोत्र से सम्बन्ध स्थापित करने में सुविधा रहती है ।
४. गोत्रों से निकटता स्थापित होती है और भाईचारा बढ़ता है ।
५. गोत्रों के इतिहास से व्यक्ति गौरवान्वित महसूस करता है और प्रेरणा लेता है ।
[२] प्रवर: प्रवर का अर्थ हे 'श्रेष्ठ" । अपनी कुल परम्परा के पूर्वजों एवं महान ऋषियों को प्रवर कहते हें । अपने कर्मो द्वारा ऋषिकुल में प्राप्त की गई श्रेष्ठता के अनुसार उन गोत्र प्रवर्तक मूल ऋषि के बाद होने वाले व्यक्ति, जो महान हो गए वे उस गोत्र के प्रवर कहलाते हें। इसका अर्थ है कि आपके कुल में आपके गोत्रप्रवर्त्तक मूल ऋषि के अनन्तर तीन अथवा पाँच आदि अन्य ऋषि भी विशेष महान हुए थे ।
[३] वेद: वेदों का साक्षात्कार ऋषियों ने लाभ किया है , इनको सुनकर याद किया जाता है , इन वेदों के उपदेशक गोत्रकार ऋषियों के जिस भाग का अध्ययन, अध्यापन, प्रचार प्रसार, आदि किया, उसकी रक्षा का भार उसकी संतान पर पड़ता गया इससे उनके पूर्व पुरूष जिस वेद ज्ञाता थे तदनुसार वेदाभ्यासी कहलाते हैं। प्रत्येक ब्राह्मण का अपना एक विशिष्ट वेद होता है , जिसे वह अध्ययन -अध्यापन करता है ।
[४] उपवेद: प्रत्येक वेद से सम्बद्ध विशिष्ट उपवेद का भी ज्ञान होना चाहिये ।
[५] शाखा: वेदो के विस्तार के साथ ऋषियों ने प्रत्येक एक गोत्र के लिए एक वेद के अध्ययन की परंपरा डाली है , कालान्तर में जब एक व्यक्ति उसके गोत्र के लिए निर्धारित वेद पढने में असमर्थ हो जाता था तो ऋषियों ने वैदिक परम्परा को जीवित रखने के लिए शाखाओं का निर्माण किया। इस प्रकार से प्रत्येक गोत्र के लिए अपने वेद की उस शाखा का पूर्ण अध्ययन करना आवश्यक कर दिया। इस प्रकार से उन्होने जिसका अध्ययन किया, वह उस वेद की शाखा के नाम से पहचाना गया।
[६] सूत्र: व्यक्ति शाखा के अध्ययन में असमर्थ न हो , अतः उस गोत्र के परवर्ती ऋषियों ने उन शाखाओं को सूत्र रूप में विभाजित किया है, जिसके माध्यम से उस शाखा में प्रवाहमान ज्ञान व संस्कृति को कोई क्षति न हो और कुल के लोग संस्कारी हों !
[७] छन्द: उक्तानुसार ही प्रत्येक ब्राह्मण को अपने परम्परासम्मत छन्द का भी ज्ञान होना चाहिए ।
[८] शिखा: अपनी कुल परम्परा के अनुरूप शिखा को दक्षिणावर्त अथवा वामावार्त्त रूप से बांधने की परम्परा शिखा कहलाती है ।
[९] पाद: अपने-अपने गोत्रानुसार लोग अपना पाद प्रक्षालन करते हैं । ये भी अपनी एक पहचान बनाने के लिए ही, बनाया गया एक नियम है । अपने -अपने गोत्र के अनुसार ब्राह्मण लोग पहले अपना बायाँ पैर धोते, तो किसी गोत्र के लोग पहले अपना दायाँ पैर धोते, इसे ही पाद कहते हैं ।
[१०] देवता: प्रत्येक वेद या शाखा का पठन, पाठन करने वाले किसी विशेष देव की आराधना करते है वही उनका कुल देवता [गणेश , विष्णु, शिव , दुर्गा, सूर्य इत्यादि पञ्च देवों में से कोई एक] उनके आराध्य देव है । इसी प्रकार कुल के भी संरक्षक देवता या कुलदेवी होती हें । इनका ज्ञान कुल के वयोवृद्ध अग्रजों [माता-पिता आदि ] के द्वारा अगली पीड़ी को दिया जाता है । एक कुलीन ब्राह्मण को अपने तीनों प्रकार के देवताओं का बोध तो अवश्य ही होना चाहिए -
(क) इष्ट देवता अथवा इष्ट देवी ।
(ख) कुल देवता अथवा कुल देवी ।
(ग) ग्राम देवता अथवा ग्राम देवी ।
[११] द्वार: यज्ञ मण्डप में अध्वर्यु (यज्ञकर्त्ता) जिस दिशा अथवा द्वार से प्रवेश करता है अथवा जिस दिशा में बैठता है, वही उस गोत्र वालों की द्वार होता है।
संकलित✍
।। जयतु ब्राह्मणम ।।
।। जय परशुरामजी ।।
।। जयति जय जय सरस्वती माता ।।
।। जयति पूण्य सनातन संस्कृति ।।
।। जय महादेव ।।
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सनातन धर्म की जय हो |
Posted by: Govind Acharya - 01-20-2019, 10:54 PM - Forum: Share your stuff
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सनातन धर्म की जय हो
सनातन धर्म रक्षक समिति
*सनातन धर्म : विज्ञान आधारित धर्म*
सनातन धर्म विश्व का पहला व सबसे प्राचीन पुरातन धर्म है। कुछ मनीषियों के मत के अनुसार यह धर्म नहीं अपितु जीवन जीने की संस्कृति है। सनातन धर्म में विभिन्न देवी देवताओं की पूजा होती है और सभी देवता प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रकृति से जुड़े होते है। सनातन धर्म वास्तव में प्रकृति के विभिन्न रूपों की पूजा करने की शिक्षा देता है जो अन्य किसी धर्म संस्कृति में नहीं है। इसलिए हम सनातन धर्म को विज्ञान पर आधारित धर्म कहते व मानते है। इसलिए आज हम आपको बताते है कि हमारी परम्पराएँ व हमारा धर्म पूर्णत: विज्ञान पर आधारित है जिसमे अवैज्ञानिक कुछ नहीं है।
*जनेऊ धारण करना*
जनेऊ शरीर के लिए एक्युप्रेशर का काम करता है, जिससे कई प्रकार की बीमारियाँ कम होती है। लघु शंका के समय जनेऊ को दायें कान पर लगाया जाता है, जिससे लीवर और मूत्र सम्बन्धी रोग विकार दूर होते है।
*मन्त्र*
मन्त्र भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग है जिसे हम पूजा पाठ व यज्ञ आदि के समय प्रयोग करते है। कई मंत्रो से मष्तिष्क शांत होता है, जिससे तनाव से मुक्ति मिलती है वही ब्लडप्रेशर नियंत्रण में भी मंत्रो का प्रयोग किया जाता है।
*शंख बजाना*
प्रत्येक धार्मिक कार्यो पर शंख बजाते है जो सनातन संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है। शंख बजाने से जो ध्वनी निकलती है उससे सभी हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते है। शंख मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को भी दूर रखता है साथ ही यह कर्ण सम्बन्धी रोगों से बचाता है। शंख बजाने से श्वास सम्बन्धी रोग भी समाप्त हो जाते है।
*तिलक लगाना*
माथे के बीच में दोनों आँखों के बीच के भाग को नर्व पॉइंट बताया जाता है जिस कारण यहाँ पर तिलक लगाने से आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है। इससे किसी वस्तु पर ध्यान केन्द्रित करने की शक्ति बढती है। साथ ही यह मष्तिष्क में रक्त की आपूर्ति को नियंत्रण में रखता है।
*तुलसी पूजन*
सनातन धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र माना जाता है जिसका अपना वैज्ञानिक कारण है। तुलसी अपने आप में एक उत्तम औषधि है जो कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा दिलाती है। खांसी, जुकाम और बुखार में तुलसी एक अचूक रामबाण है। घर में तुलसी लगाने से कई हानिकारक जीवाणु और मच्छर आदि दूर रहते है।
*पीपल की पूजा*
वैज्ञानिक प्रयोगों से सिद्ध हो चूका है की पूरी पृथ्वी पर एकमात्र पीपल का पेड़ ही 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। जिस कारण से पीपल का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसलिए आज भी पीपल को सींच कर उसकी परिक्रमा की जाती है। पीपल के पत्ते हृदयरोग की ओषधि में भी प्रयोग होते है।
*शिखा रखना*
आयुर्वेद के प्रसिद्ध आचार्य सुश्रुत के अनुसार, सिर का पिछला उपरी भाग संवेदनशील कोशिका का समूह है जिसकी सुरक्षा के लिए शिखा रखने का नियम होता है। योग क्रिया अनुसार इस भाग में कुण्डलिनी जागरण का सातवाँ चक्र होता है जिसकी ऊर्जा शिखा रखने से एकत्रित हो जाती है।
*गोमूत्र व गाय का गोबर*
गाय के मूत्र को सनातन धर्म में पवित्र माना जाता है क्यूंकि गौमूत्र कई भंयकर बीमारियों में रामबाण है। मोटापे के शिकार लोगों के लिए गौमूत्र एक अचूक दवा है साथ ही यह हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर देता है। गाय के गोबर का लेप करने से कई हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते है इसलिए पुराने समय में घरो में गोबर से घरो के फर्श लिपे जाते थे।
*योग व प्राणायाम*
योग व् प्राणायाम का लाभ किसी से छुपा नहीं है। योग व प्राणायाम का आविष्कार भारत के ऋषि मुनियों द्वारा समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए किया गया है। योग से स्ट्रेस व हाइपरटेंशन से मुक्ति मिलती है। मोटापे से लेकर कई जटिल बीमारियों में योग व प्राणायाम लाभकारी है। प्रतिदिन का प्राणायाम श्वास सम्बन्धी सभी रोगों से मुक्ति दिलाता है।
*हल्दी का प्रयोग*
हल्दी अपने आप में एक उत्तम एंटीबायोटिक है जिसका प्रयोग दुनिया के कई देश कर चुके है और ये सिद्ध कर चुके है की कैंसर जैसे भयंकर रोगों के उपचार में हल्दी एक अचूक औषधि है। हल्दी एक सौन्दर्यवर्धक औषधि भी है जिसका प्रयोग मुहं के दाग धब्बे हटाने व शरीर का रूप निखारने में किया जाता है इसलिए विवाह में एक रस्म हल्दी की भी होती है।
*घी के दिए जलाना*
दीपावली के समय हम अक्सर घरों की साफ़ सफाई करके दिये जलाते है और रौशनी करते है। दिए जलाने से केवल घर ही नहीं जीवन में भी प्रकाश होता है क्यूंकि दिए जलाने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। घी का दिया कार्बन डाईऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों को समाप्त करता है। साथ ही तेल के दिए से हानिकारक कीटाणु भी समाप्त हो जाते है इसलिए वर्षा ऋतु के बाद दीपावली मनाई जाती है क्यूंकि वर्षा ऋतु के बाद कीट कीटाणु बढ़ जाते है।
*दाह संस्कार*
शव को जलाना अंतिम संस्कार का सबसे स्वच्छ उपाय है क्यूंकि इससे भूमि प्रदूषण नहीं होता। साथ ही चिता की लकडियो के साथ घी व अन्य सामग्री प्रयोग की जाती है जिससे वायु शुद्ध होती है। दाह संस्कार के लिए अधिक भूमि की आवश्यकता भी नहीं पड़ती। एक ही स्थान पर कई दाह संस्कार किये जा सकते है। सनातन हिन्दू धर्म के साथ साथ जैन, बोद्ध व सिक्ख भी इसी प्रकार से दाह संस्कार करते है।
*क्यों लगाया जाता है सिंदूर*
शादीशुदा महिलाएं सिंदूर लगाती हैं।
वैज्ञानिक तर्क : सिंदूर में हल्दी, चूना और मरकरी होता है। यह मिश्रण शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करता है। चूंकि इससे यौन उत्तेजनाएं भी बढ़ती हैं, इसीलिये विधवा औरतों के लिये सिंदूर लगाना वर्जित है। इससे स्ट्रेस कम होता है।
*व्रत रखना*
कोई भी पूजा-पाठ या त्योहार होता है, तो लोग व्रत रखते हैं।
वैज्ञानिक तर्क : आयुर्वेद के अनुसार व्रत करने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और फलाहार लेने से शरीर का डीटॉक्सी फिकेशन होता है, यानी उसमें से खराब तत्व बाहर निकलते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार व्रत करने से कैंसर का खतरा कम होता है। हृदय संबंधी रोगों, मधुमेह, आदि रोग भी जल्दी नहीं लगते।
*सूर्य नमस्कार*
हिंदुओं में सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाते हुए नमस्कार करने की परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क : पानी के बीच से आने वाली सूर्य की किरणें जब आंखों में पहुंचती हैं, तब हमारी आंखों की रौशनी अच्छी होती है।
*दक्षिण की तरफ सिर करके सोना*
दक्षिण की तरफ कोई पैर करके सोता है, तो लोग कहते हैं कि बुरे सपने आयेंगे, भूत प्रेत का साया आ जायेगा, आदि। इसलिये उत्तर की ओर पैर करके सोयें।
वैज्ञानिक तर्क : जब हम उत्तर की ओर सिर करके सोते हैं, तब हमारा शरीर पृथ्वी की चुंबकीय तरंगों की सीध में आ जाता है। शरीर में मौजूद आयरन यानी लोहा दिमाग की ओर संचारित होने लगता है। इससे अलजाइमर, परकिंसन, या दिमाग संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं रक्तचाप भी बढ़ जाता है।
*दीपक के ऊपर हाथ घुमाना*
वैज्ञानिक कारण : आरती के बाद सभी लोग दिए पर या कपूर के ऊपर हाथ रखते हैं और उसके बाद सिर से लगाते हैं और आंखों पर स्पर्श करते हैं। ऐसा करने से हल्के गर्म हाथों से दृष्टि इंद्री सक्रिय हो जाती है और बेहतर महसूस होता है।
*महिलाये क्यों पहनती है बिछिया ?*
वैज्ञानिक तर्क : पैर की दूसरी ऊँगली में चांदी का बिछिया पहना जाता है और उसकी नस का कनेक्शन बच्चेदानी से होता है| बिछिया पहनने से बच्चेदानी तक पहुचने वाला रक्त का प्रवाह सही बना रहता है इससे बच्चेदानी स्वस्थ बनी रहती है और मासिक धर्म नियमित रहता है | चांदी पृथ्वी से ऊर्जा को ग्रहण करती है और उसका संचार महिला के शरीर में करती है |
*जयतु वैदिक विज्ञान...*
*जयतु सनातन वैदिक धर्म...*
*वैदिक धर्म...विश्व धर्म...*?
जनजागृति हेतु संदेश को पढ़ने के उपरांत अवश्य साझा करें..
जय श्रीराम⛳⛳
वन्देमातरम्⛳⛳
⚜?⛳?⚜
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हंस हंस कर पेट दुख जाएगा..... |
Posted by: Manish chaudhary - 01-19-2019, 12:42 PM - Forum: Share your stuff
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हंस हंस कर पेट दुख जाएगा.....
एक छात्र ने संस्कृत के शिक्षक से पूछा कि
गुरुजी
एरिक तम नपाम्रधू।
एरिक तम नपाद्यम।।
इस श्लोक का अर्थ क्या होता है।
गुरूजी ने यह श्लोक सभी संस्कृत की पुस्तकों एवं ग्रंथों में खूब ढूंढा ,
सभी संस्कृत के ज्ञाताओं से भी इस श्लोक का अर्थ पूछा,
खूब मेहनत की, रात दिन एक कर दिए
लेकिन कहीं भी इसका अर्थ उन्हें नहीं मिला
लेकिन छात्र उनसे बार बार यही प्रश्न पूछता
अब तो गुरुजी छात्र को देखकर अपना रास्ता ही बदल देते थे।
आखिर हारकर गुरुजी ने छात्र से पूछा कि बताओ यह श्लोक तुमने कहां पढ़ा
तब छात्र ने कहा कि उसने यह श्लोक प्रिंसिपल के केबिन के बाहर पढ़ा।
गुरुजी उसे तत्काल प्रिंसिपल के कैबिन की ओर ले गए
वहां छात्र ने उन्हें वह श्लोक कांच के गेट पर लिखा हुआ दिखाया....
गुरुजी ने छात्र को चप्पल टूटने तक मारा
क्योंकि वह कांच की उल्टी साइड से पढ़ रहा था
सीधी साइड पर लिखा था
धूम्रपान मत करिए।
मद्यपान मत करिए।।
रजनीकांत ने सिर्फ मुख्यमंत्री बनने का सोचा ही था कि भगवान ने,,,
जयललिता और करुणानिधि दोनों को उठा लिया ??????
मेरा एक दोस्त हमेशा मुझसे कहता था कि कुछ अलग किया करो ...?
मैंने उसकी गर्लफ्रेंड को उससे अलग करवा दिया !?
अब बन्दूक लेकर मुझको ढूंढ रहा हैं!!!!
?????
एक लड़की ने मुझे मेसेज भेजा की,
"माता-पिता से बढ़कर कोई नही होता"
मैंने जवाब दिया - "तो हम भी माता-पिता बन जाये"!!!! ??
तो Block कर दिया डाकण ने????????????
अमेरिका चाहे जितनी मर्जी खोज कर ले लेकिन कभी ये नहीं पता लगा सकते कि ? ? ? ? ? साउथ की फिल्मों में बाप काला और बेटी गोरी कैसे हो जाती है..? ??????????????
जिंदगी बर्बाद करने के कई तरीके थे???
लेकिन उनमें मुझे ......whatsup चलाना सबसे ठीक लगा?????????
कमरे की लाइट बन्द करके फ़ोन चलाओ तो ये,
कीड़े ?? मकोड़े मुँह पर ऐसे झपट्टा मारते हैं...
जैसे इनकी बीबियों से चैट कर रहा हूँ..
??????
एक चाइनीज़_श्लोक गौर फरमाएं.
"ल्यू शाओ चिंग पिन सिन जिन ते,
कि होया ज्यूँ जिंग शिन हुन चिन ते,
आऊं माउं चाऊँ.
??
भावार्थ:
जो मनुष्य संसार की सभी चिंताओं को त्याग कर चैन की नींद सोता है, सही अर्थ में वही मनुष्य इस संसार में सुखी है.
???
जो लोग उलटे तरफ बाइक को तेज रफ़्तार ? में चलाते है...*
????
????
*वो बहुत प्यारे होते है .....*
????
*भगवान_को.*
??????
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बड़े बावरे हिन्दी के मुहावरे |
Posted by: Pallavi - 01-19-2019, 12:32 PM - Forum: Share your stuff
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बड़े बावरे हिन्दी के मुहावरे
हिंदी के मुहावरे, बड़े ही बावरे है,
खाने पीने की चीजों से भरे है...
कहीं पर फल है तो कहीं आटा-दालें है,
कहीं पर मिठाई है, कहीं पर मसाले है ,
चलो, फलों से ही शुरू कर लेते है,
एक एक कर सबके मजे लेते है...
आम के आम और गुठलियों के भी दाम मिलते हैं,
कभी अंगूर खट्टे हैं,
कभी खरबूजे, खरबूजे को देख कर रंग बदलते हैं,
कहीं दाल में काला है,
तो कहीं किसी की दाल ही नहीं गलती है,
कोई डेड़ चावल की खिचड़ी पकाता है,
तो कोई लोहे के चने चबाता है,
कोई घर बैठा रोटियां तोड़ता है,
कोई दाल भात में मूसरचंद बन जाता है,
मुफलिसी में जब आटा गीला होता है,
तो आटे दाल का भाव मालूम पड़ जाता है,
सफलता के लिए कई पापड़ बेलने पड़ते है,
आटे में नमक तो चल जाता है,
पर गेंहू के साथ, घुन भी पिस जाता है,
अपना हाल तो बेहाल है, ये मुंह और मसूर की दाल है,
गुड़ खाते हैं और गुलगुले से परहेज करते हैं,
और कभी गुड़ का गोबर कर बैठते हैं,
कभी तिल का ताड़, कभी राई का पहाड़ बनता है,
कभी ऊँट के मुंह में जीरा है,
कभी कोई जले पर नमक छिड़कता है,
किसी के दांत दूध के हैं,
तो कई दूध के धुले हैं,
कोई जामुन के रंग सी चमड़ी पा के रोई है,
तो किसी की चमड़ी जैसे मैदे की लोई है,
किसी को छटी का दूध याद आ जाता है,
दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक पीता है,
और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है,
शादी बूरे के लड्डू हैं, जिसने खाए वो भी पछताए,
और जिसने नहीं खाए, वो भी पछताते हैं,
पर शादी की बात सुन, मन में लड्डू फूटते है,
और शादी के बाद, दोनों हाथों में लड्डू आते हैं,
कोई जलेबी की तरह सीधा है, कोई टेढ़ी खीर है,
किसी के मुंह में घी शक्कर है, सबकी अपनी अपनी तकदीर है...
कभी कोई चाय-पानी करवाता है,
कोई मख्खन लगाता है
और जब छप्पर फाड़ कर कुछ मिलता है,
तो सभी के मुंह में पानी आ जाता है,
भाई साहब अब कुछ भी हो,
घी तो खिचड़ी में ही जाता है,
जितने मुंह है, उतनी बातें हैं,
सब अपनी-अपनी बीन बजाते है,
पर नक्कारखाने में तूती की आवाज कौन सुनता है,
सभी बहरे है, बावरें है
ये सब हिंदी के मुहावरें हैं...
ये गज़ब मुहावरे नहीं बुजुर्गों के अनुभवों की खान हैं...
सच पूछो तो हिन्दी भाषा की जान हैं...
?????????
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? इतनी गर्मी क्यों???? |
Posted by: Pallavi - 01-19-2019, 12:29 PM - Forum: Share your stuff
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? *इतनी गर्मी क्यों???* ?
कृप्या इस संदेश को अपने मित्रों को भेजिए और उन्हें आगे भी भेजने को कहिये !
*अति महत्वपूर्ण :-*
कुछ शहरों के मापे गए अधिकतम तापमान :
?लखनऊ - 47 डिग्री
?दिल्ली - 47 डिग्री
?आगरा - 45 डिग्री
?नागपुर - 45 डिग्री
?कोटा - 48 डिग्री
?हैदराबाद - 45 डिग्री
?पुणे - 42 डिग्री
?अहमदाबाद - 46 डिग्री
?मुम्बई - 42 डिग्री
?नाशिक - 40 डिग्री
?बैंगलोर - 40 डिग्री
?चेन्नई - 45 डिग्री
आने वाले साल में इन शहरो का तापमान 50 डिग्री पार कर जायेगा । यहाँ तक कि AC और पंखे भी आपको इस तापमान से नही बचा पाएंगे।
*इतनी गर्मी क्यों ??*
पिछले 10 सालों में सड़कों तथा हाईवे चौड़ीकरण के लिए 10 करोड़ से भी ज्यादा पेड़ काटे जा चुके है
जिसके मुकाबले सरकार 1 लाख पेड़ भी नही लगा पायी है ।
*भारत को ठंडा कैसे किया जाए ??*
पेड़ लगाने के लिए सरकार की प्रतीक्षा न करे
बीज बोने या पेड़ लगाने के लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च नही करने पड़ेंगे
आप कुछ पेड़ो के बीज इकट्ठा कर लीजिये । जैसे :- शतावरी, बेल, पीपल, आम, जामुन, नीम, करंज इत्यादि ।
फिर किसी खुले जगह पर या सड़को के किनारे पर , गार्डनों में , हाईवे के किनारे पर और अपने घरों , मोहल्लों में दो से तीन इंच का गड्ढा खोदिये।
बीजो को मिट्टी के साथ उन गड्ढो में डाल दीजिए तथा गर्मी में हर दूसरे दिन उसे पानी देते रहिये ।
बरसात में आपको पानी देने की भी जरूरत नही पड़ेगी।
पन्द्रह से तीस दिनों में वहाँ एक छोटा सा पौधा उगता हुआ आपको दिखाई देगा।
कृप्या उसका परिपोषण करे तथा सुनिश्चित करे कि वो पौधे बड़े होकर पेड़ का रूप ले ले ।
चलिये इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप देते हुए पूरे देश में दस करोड़ पेड़ लगाते है ।
हमे तापमान 50 डिग्री पार करने से रोकना होगा।
कृप्या अधिक से अधिक पेड़ लगाये तथा इस संदेश को सभी लोगो तक पहुँचाये।
चलिये समारोह तथा जन्मदिन की पार्टियों में छोटे पौधे ?और अंकुरित? हुए बीज तोहफे के तौर पर भेंट करे
एक पौधे ?, एक संदेश ?के जरिये हम दस करोड़ पेड़ के लक्ष्य को आराम से हासिल कर सकते है।
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*तो देर किस बात की है*
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देने वाला कौन ? |
Posted by: Pallavi - 01-19-2019, 12:27 PM - Forum: Share your stuff
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देने वाला कौन ?
??
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आज हमने भंडारे में भोजन करवाया। आज हमने ये बांटा, आज हमने वो दान किया...
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हम अक्सर ऐसा कहते और मानते हैं। इसी से सम्बंधित एक अविस्मरणीय कथा सुनिए...
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एक लकड़हारा रात-दिन लकड़ियां काटता, मगर कठोर परिश्रम के बावजूद उसे आधा पेट भोजन ही मिल पाता था।
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एक दिन उसकी मुलाकात एक साधु से हुई। लकड़हारे ने साधु से कहा कि जब भी आपकी प्रभु से मुलाकात हो जाए, मेरी एक फरियाद उनके सामने रखना और मेरे कष्ट का कारण पूछना।
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कुछ दिनों बाद उसे वह साधु फिर मिला।
लकड़हारे ने उसे अपनी फरियाद की याद दिलाई तो साधु ने कहा कि- "प्रभु ने बताया हैं कि लकड़हारे की आयु 60 वर्ष हैं और उसके भाग्य में पूरे जीवन के लिए सिर्फ पाँच बोरी अनाज हैं। इसलिए प्रभु उसे थोड़ा अनाज ही देते हैं ताकि वह 60 वर्ष तक जीवित रह सके।"
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समय बीता। साधु उस लकड़हारे को फिर मिला तो लकड़हारे ने कहा---
"ऋषिवर...!! अब जब भी आपकी प्रभु से बात हो तो मेरी यह फरियाद उन तक पहुँचा देना कि वह मेरे जीवन का सारा अनाज एक साथ दे दें, ताकि कम से कम एक दिन तो मैं भरपेट भोजन कर सकूं।"
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अगले दिन साधु ने कुछ ऐसा किया कि लकड़हारे के घर ढ़ेर सारा अनाज पहुँच गया।
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लकड़हारे ने समझा कि प्रभु ने उसकी फरियाद कबूल कर उसे उसका सारा हिस्सा भेज दिया हैं।
उसने बिना कल की चिंता किए, सारे अनाज का भोजन बनाकर फकीरों और भूखों को खिला दिया और खुद भी भरपेट खाया।
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लेकिन अगली सुबह उठने पर उसने देखा कि उतना ही अनाज उसके घर फिर पहुंच गया हैं। उसने फिर गरीबों को खिला दिया। फिर उसका भंडार भर गया।
यह सिलसिला रोज-रोज चल पड़ा और लकड़हारा लकड़ियां काटने की जगह गरीबों को खाना खिलाने में व्यस्त रहने लगा।
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कुछ दिन बाद वह साधु फिर लकड़हारे को मिला तो लकड़हारे ने कहा---"ऋषिवर ! आप तो कहते थे कि मेरे जीवन में सिर्फ पाँच बोरी अनाज हैं, लेकिन अब तो हर दिन मेरे घर पाँच बोरी अनाज आ जाता हैं।"
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साधु ने समझाया, "तुमने अपने जीवन की परवाह ना करते हुए अपने हिस्से का अनाज गरीब व भूखों को खिला दिया।
इसीलिए प्रभु अब उन गरीबों के हिस्से का अनाज तुम्हें दे रहे हैं।"
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कथासार- किसी को भी कुछ भी देने की शक्ति हम में है ही नहीं, हम देते वक्त ये सोचते हैं, की जिसको कुछ दिया तो ये मैंने दिया !
दान, वस्तु, ज्ञान, यहाँ तक की अपने बच्चों को भी कुछ देते दिलाते हैं, तो कहते हैं मैंने दिलाया ।
वास्तविकता ये है कि वो उनका अपना है आप को सिर्फ परमात्मा ने निमित्त मात्र बनाया हैं। ताकी उन तक उनकी जरूरते पहुचाने के लिये। तो निमित्त होने का घमंड कैसा ??
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दान किए से जाए दुःख, दूर होएं सब पाप।।
नाथ आकर द्वार पे, दूर करें संताप।।☺☺
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कथा अच्छी लगी हो तो शेयर अवश्य करना ?☺️
राधे-राधे
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महर्षि दयानंद जी ने हरिद्वार कुम्भ मेले |
Posted by: Sourav Gupta - 01-19-2019, 12:03 PM - Forum: Share your stuff
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महर्षि दयानंद जी ने हरिद्वार कुम्भ मेले पर पाखंड खण्डनी पताका गाडी थी और कथित साधुसंतों से पूछा था -गंगा वा संगम में स्नान करने से पाप धुलते हैं वा मुक्ति होती है तो मेंढक मछलियों मगरमच्छों की मुक्ति क्यों नहीं हो जाती ?*
....................................
*मैं एक ही बार कुंभ गया हूं। सिर्फ देखने गया था कि किस-किस तरह की मूढ़ताएं वहां चलती हैं। उनमें सबसे बड़ी मूढ़ता नागा साधु हैं। और जो मैंने उनके चेहरे पर देखा, उसमें साधुता तो है ही नहीं; साधुता का नाममात्र नहीं है। जो हाव-भाव गुंडों के चेहरों पर होते हैं, वही हाव-भाव इन नागा साधुओं के चेहरों पर होते हैं। जरा भी भेद नहीं है। वही दुष्टता, वही दंभ, वही उपद्रव की वृत्ति। हर कुंभ के मेले में जो उपद्रव होते हैं, झगड़े होते हैं, खून-खराबे होते हैं, वे नागा साधुओं की वजह से हो जाते हैं। मगर दमन ऐसी चीज है कि इसके ये परिणाम होने वाले हैं- दुनिया में कोई और देश होता, तो इन नागा साधुओं को पकड़ कर पागलखाने में रख दिया जाता। इनका इलाज किया जाता। इनको बिजली के शॉक दिए जाते। ये होश में नहीं हैं। ये क्या कर रहे हैं! ये विक्षिप्त हैं। मगर यहां ये महात्मा हैं! यहां पागल परमहंस समझे जाते हैं! यहां विक्षिप्त मुक्त समझे जाते हैं! और भीड़ तो वहां सबसे ज्यादा होगी, क्योंकि ऐसा मौका क्यों चूकना! नग्न आदमी को देखने की आकांक्षा तो बड़ी प्रबल है। और फिर इस तरह के बेहूदे प्रदर्शन... तुम्हारा प्रश्न ठीक है कि इस तरह के बेहूदे प्रदर्शनों को देखने लिए भीड़ इकट्ठी होती है और इसका कोई विरोध नहीं है। विरोध क्यों होगा? यह सदियों पुरानी परंपरा है। यह परंपरावादी देश है। यह रूढ़िवादी देश है। यहां कोई भी मूर्खता पुरानी होनी चाहिए, बस फिर ठीक है। जितनी पुरानी हो उतनी ज्यादा ठीक है-ओशो*
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?पूण्य कम॔ का उचित फल? |
Posted by: Sourav Gupta - 01-19-2019, 12:01 PM - Forum: Share your stuff
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?पूण्य कम॔ का उचित फल?
*एक गांव मे एक बहुत गरीब सेठ रहता था जो कि किसी जमाने बहुत बड़ा धनवान था जब सेठ धनी था उस समय सेठ ने बहुत पुण्य किए,गउशाला बनवाई, गरीबों को खाना खिलाया,अनाथ आश्रम बनवाए और भी बहुत से पुण्य किए थे लेकिन जैसे जैसे समय गुजरा सेठ निर्धन हो गया।*
*एक समय ऐसा आया, कि राजा ने ऐलान कर दिया कि यदि किसी व्यक्ति ने कोई पुण्य किए हैं तो वह अपने पुण्य बताएं और अपने पुण्य का जो भी उचित फल है ले जाए।*
*यह बात जब सेठानी ने सुनी, तो सेठानी, सेठ को कहती है, कि हमने तो बहुत पुण्य किए हैं तुम राजा के पास जाओ और अपने पुण्य बताकर उनका जो भी फल मिले ले आओ। सेठ इस बात के लिए सहमत हो गया और दुसरे दिन राजा के महल जाने के लिए तैयार हो गया जब सेठ महल जाने लगा तोसेठानी ने सेठ के लिए चार रोटी बनाकर बांध दी कि रास्ते मे जब भूख लगी तो रोटी खा लेना। सेठ राजा के महल को रवाना हो गया।*
*गर्मी का समय, दोपहर हो गई, सेठ ने सोचा सामने पानी की कुंड भी है वृक्ष की छाया भी है क्यों ना बैठकर थोड़ा आराम किया जाए व रोटी भी खा लूंगा।*
*सेठ वृक्ष के नीचे रोटी रखकर पानी से हाथ मुंह धोने लगा तभी वहां पर एक कुतिया अपने चार पांच छोटे छोटे बच्चों के साथ पहुंच गई और सेठ के सामने प्रेम से दुम हिलाने लगी क्योंकि कुतिया को सेठ के पास के अनाज की खुशबु आ रही थी।*
*कुतिया को देखकर सेठ को दया आई सेठ ने दो रोटी निकाल कुतिया को डाल दी अब कुतिया भूखी थी और बिना समय लगाए कुतिया दोनो रोटी खा गई और फिर से सेठ की तरफ देखने लगी, सेठ ने सोचा कि कुतिया के चार पांच बच्चे इसका दूध भी पीते है दो रोटी से इसकी भूख नही मिट सकती और फिर सेठ ने बची हुई दोनो रोटी भी कुतिया को डाल कर पानी पीकर अपने रास्ते चल दिया।*
*सेठ राजा के दरबार मे हाजिर हो गया और अपने किए गए पुण्य के कामों की गिनती करने लगा, और सेठ ने अपने द्वारा किए गए सभी पुण्य कर्म विस्तार पुर्वक राजा को बता दिए और अपने द्वारा किए गए पुण्य का फल देने बात कही।*
*तब राजा ने कहा कि आपके इन पुण्य का कोई फल नही है यदि आपने कोई और पुण्य किया है तो वह भी बताएं शायद उसका कोई फल मै आपको दे पाऊँ।*
*सेठ कुछ नही बोला और यह कहकर बापिस चल दिया कि यदि मेरे इतने पुण्य का कोई फल नही है तो और पुण्य गिनती करना बेकार है अब मुझे यहां से चलना चाहिए।*
*जब सेठ बापिस जाने लगा तो राजा ने सेठ को आवाज लगाई कि सेठ जी आपने एक पुण्य कल भी किया था वह तो आपने बताया ही नही, सेठ ने सोचा कि कल तो मैनें कोई पुण्य किया ही नही राजा किस पुण्य की बात कर रहा है क्योंकि सेठ भुल चुका था कि कल उसने कोई पुण्य किया था सेठ ने कहा, कि राजा जी, कल मैनें कोई पुण्य नहीं किया।*
*तो राजा ने सेठ को कहा - कि कल तुमने एक कुतिया को चार रोटी खिलाई और तुम उस पुण्य कर्म को भूल गए, कल किए गए तेरे पुण्य के बदले तुम जो भी मांगना चाहते हो मांग लो वह तुझे मिल जाएगा।*
*सेठ ने पूछा - कि राजा जी ऐसा क्यों? मेरे किए पिछले सभी कर्म का कोई मूल्य नही है और एक कुतिया को डाली गई चार रोटी का इनका मोल क्यों?*
*राजा के कहा - हे सेठ, जो पुण्य करके तुमने याद रखे और गिनकर लोंगों को बता दिए, वह सब बेकार है, क्यों कि तेरे अन्दर मै बोल रही है कि यह मैनें किया? तेरा सब कर्म व्यर्थ है जो तु करता है और लोगों को सुना रहा है।*
*जो सेवा कल तुमने रास्ते मे कुतिया को चार रोटी पुण्य करके की वह तेरी सबसे बड़ी सेवा है उसके बदले तुम मेरा सारा राज्य भी ले लो, वह भी बहुत कम है।*
कहानी का अर्थ --
*दान व पुण्य वही है जो एक हाथ से करें तो दूसरे हाथ को भी पता न हो, कि दान किया है।*
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आयुष्मान भारत योजना में सुविधा देने वाले इंदौर के सभी अस्पताल,नाम,पता,नम्बर |
Posted by: Sunil Verma - 01-18-2019, 03:56 PM - Forum: Share your stuff
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आयुष्मान भारत योजना में सुविधा देने वाले इंदौर के सभी अस्पताल,नाम,पता,नम्बर
आकांक्षा नर्सिंग होम
सुदामा नगर
0731-2483754
आदित्य नर्सिंग होम
315,उषानगर एक्सटेंशन,रणजीत हनमान मंदिर के पास
0731-2483311, 4045239
आनंद हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर
7,सिंधु नगर,भंवरकुआ रोड
0731-2472121-23-24
अपूर्वा नर्सिंग होम
75,ओल्ड अग्रवाल नगर, नवलखा
0731-4096539
अरिहंत हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
283-ए गुमास्ता नगर
0731-2785172, 73, 74
आरोग्य नर्सिंग होम
156 नयापुरा मेन रोड,
घड़ीवाली मस्जिद के सामने
0731-2538184, 2547590
अर्पण नर्सिंग होम
151/2 इमली बाजार,राजवाडा
0731-2433911, 93032-71447
अर्पित मेटरनिटी एवं नर्सिंग होम
18-बी,बख्तावरराम नगर,
तिलकनगर टेम्पो स्टैंड के पास
0731-2494690
आशीष नर्सिंग होम
163 एएफ, स्कीम नं 54,
विजय नगर 0731-2552909
बाफना हॉस्पिटल एवं आर्थो सिर्च सेंटर
18/1 नॉर्थ राजमोहल्ला,
वैष्णव स्कूल के सामने
0731-418081,82, 4010400
बांठिया हॉस्पिटल
10 तिरुपतिनगर,एरोड्रम रोड़
0731-2623000, 2621874
बापट हॉस्पिटल एवं लेपरोस्कोपी सेंटर एएचडी-30 सुखलिया
0731-2552228
भगवती मेटरनिटी एवं नर्सिंग होम
1/3,संविद नगर, कनाडिया रोड
0731-2492448
भाईजी हॉस्पिटल
47 कालानी नगर, एरोड्रम रोड
0731-2621028
भंडारी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल
21/22 स्कीम नं 54,
मेघदूत गार्डन के सामने
0731-4002327, 2552833
भार्गव नर्सिंग होम
64 सुभाष नगर
0731-2433301
भोरास्कर हॉस्पिटल एवं मेटरनिटी होम
29/7 साउथ तुकोगंज
0731-2515462
बॉम्बे हॉस्पिटल
रिंग रोड अनुराग नगर के पास
0731-4077400
स्कीन केयर सेंटर
5-ए नवलखा मेनरोड़,
सेंट्रल बैंक के पास
0731-2401259
शासकीय कैंसर हॉस्पिटल एमवाय हॉस्पिटल कैंपस के पास
0731-2524466
शासकीय चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय
एमवाय हॉस्पिटल कैंपस के पास
0731-2520126
चरक हॉस्पिटल प्रायवेट लिमिटेड
फिल्म भवन, रानी सती गेट, वायएन रोड 0731-2548101,02,03
छाबड़ा नर्सिंग होम
काली मंदिर के पास, खजराना
0731-2590808
चिरायु हॉस्पिटल
79-80 सीताराम पार्क कॉलोनी,
बड़ा गणपति
0731-2412353, 2411130
चोइथराम हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर
माणिक बाग रोड 0731-2362491/99
सिटी नेत्रालय
9-बी सीताराम पार्क कॉलोनी,
बड़ा गणपति
0731-2411406, 2413689
सिटी नर्सिंग होम प्रायवेट लिमिटेड
209 जवाहर मार्ग, राजमोहल्ला
0731-2340666
सीएचएल ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स
अनूप नगर,एबी रोड,एलआईजी स्क्वेयर 0731-2549090, 4072550
नीमा हॉस्पिटल्स प्रायवेट लिमिटेड 715-716,विजय सिंडीकेट,अन्नपूर्णा मेन रोड 0731-4099224, 25, 2799881-4
सिनर्जी हॉस्पिटल
स्कीम नं 74-सी,सेक्टर बी, विजय नगर 0731-2550400
एसएनजी हॉस्पिटल
16/1,साउथ तुकोगंज,कंचनबाग मेन रोड 0731-2525555, 4219191
क्रिस्टल लिथोट्रिप्सी एंड यूरोलॉजी सेंटर
307 मौर्या आर्केड, 1/2 ओल्ड पलासिया 0731-4067904/98933-33598
क्यूरवेल हॉस्पिटल प्रायवेट लिमिटेड
19/1 सी न्यू पलासिया 0731-2434445/4001116
देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
1 आनंद नगर, चितावद-नेमावर रोड़ 0731-4050693
डॉ. हार्डिया एडवांस्ड आई सर्जरी एंड रिसर्च सेंटर
69 हार्डिया कंपाउंड
0731-2705351
ईएनटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
16/1 साउथ तुकोगंज, राजशाही पैलेस के पास 0731-4025511
शासकीय ईएसआई जनरल हॉस्पिटल
नंदा नगर मेन रोड
0731-2553444
ईएसआई टीबी हॉस्पिटल
127 कंचनबाग
0731-2527938
गोकुलदास हॉस्पिटल लिमिटेड
11,डॉ.सरजू प्रसाद मार्ग,
ढक्कन वाले कुएं के पास
0731-2519212, 18
ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल
11/12 ओल्ड पलासिया
0731-4051160/65
गुर्जर हॉस्पिटल एंड एंडोस्कोपी सेंटर
2-3 स्कीम नं 44,भंवरकुआ 0731-2363716-17-18
इंदौर आई हॉस्पिटल एमओजी लाईंस,
धार रोड
0731-2380821, 2380554
कैलाश सिंह नर्सिंग होम
1/3 साउथ तुकोगंज
0731-2524409, 2521994
कालांतरी नर्सिंग होम
219 जवाहर मार्ग, नॉर्थ राजमोहल्ला 0731-2610439
के.डी. केयर हॉस्पिटल
347 साकेत नगर मेन रोड
0731-2565793, 2465794
खंडेलवाल हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम
14-बी सुदामा नगर
94240-10041
खुर्पे नर्सिंग होम
218 खातीवाला टैंक
0731-2364989
कृष्णा नर्सिंग होम
ई-23 एचआईजी कॉलोनी
0731-2550050
लाहोटी मेडीकेयर प्रायवेट लिमिटेड
4/5 ओल्ड पलासिया, रविंद्र नगर 0731-2490577, 2492621
लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
1/2 न्यू पलासिया, नेहरू नगर पुलिया के पास 0731-2545104/98260-56380
लक्ष्मीदेवी आई हॉस्पिटल
गोराकुंड स्क्वेयर, क्लॉथ मार्केट के पास,
केनरा बैंक के सामने
0731-2451803
लाईफ केयर हॉस्पिटल
2 पीएसपी, स्कीम नं 78,
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड कार्यालय के पास 0731-2570600, 2421999
लाईफ लाईन हॉस्पिटल
14,अनूप नगर,एमआईजी एबी रोड़ 0731-2575611, 2575615
शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाय) एमवायएच रोड
0731-2528301
महाशब्दे नेत्रालय एंड चाइल्ड केयर सेंटर
6 इंदिरा गांधी नगर
0731-2471688
महाशब्दे नेत्रालय
106 जवाहर मार्ग
0731-2471688, 98260-47658
माहेश्वरी नर्सिंग होम
289,जवाहर मार्ग,मालगंज स्क्वेयर 0731-2456453, 2451648
मखानी नर्सिंग होम
37,पलसीकर कॉलोनी
0731-2476060
मल्हारगंज टीबी हॉस्पिटल
मालगंज स्क्वेयर
0731-2454560
मलिक नर्सिंग होम
स्कीम नं 102, माणिकबाग रोड़,
सत्यम टॉकिज के पास
0731-2473773, 2477172
मनोरमा नर्सिंग होम
139 आरएनटी मार्ग
0731-2527938, 2706099
माता गुजरी हॉस्पिटल
पिपल्यापाला के पास एबी रोड
0731-2368636
मारूति नंदन हॉस्पिटल
31 गांधी नगर
0731-2882355
मयूर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
स्कीम नं 94-ईई, पी-304 रिंग रोड़ 0731-2595111, 2595222, 2595000, 2595444
मेडी स्क्वेयर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
9 विष्णुपुरी कॉलोनी,
भंवरकुआ स्क्वेयर के पास
0731-4004111, 13
मेहुल नर्सिंग होम
पिपलियाहाना
0731-2764871
शासकीय मानसिक चिकित्सालय
बाणगंगा
0731-2424414,2421545
मिनेश हॉस्पिटल
6 साजन नगर, नवलखा, नेमावर रोड़ 0731-2400647, 2400047
मिशन हॉस्पिटल
2 मुराई मोहल्ला, संयोगितागंज
0731-2700196
मदर केयर नर्सिंग होम
200 डीएच, स्कीम नं 54-सी,
पावर हाउस के पास
0731-2550220, 2550110
एमएसजे हॉस्पिटल
7,प्रीति नगर
0731-2591903
नाहर हॉस्पिटल
एएम-35, दीनदयाल उपाध्याय नगर,
सुखलिया सर्कल
0731-2570251, 2570271
नाहर नर्सिंग होम
70/4 सम्विद नगर, कनाडिया रोड़ 0731-2594233
न्यू पर्ल नर्सिंग होम
18 आरएनटी मार्ग
0731-2703222,4203285
निर्मल हॉस्पिटल
157/2 शिक्षक नगर, एरोड्रम रोड 0731-2522882
नोबल हॉस्पिटल एंड इंटेंसिव केयर युनिट
28/1 साउथ तुकोगंज, जाल ऑडिटोरियम के सामने
0731-2524649, 50,51
द रिकवरी हॉस्पिटल
2/3 नारायण कोठी चौराहा, न्यू पलासिया 0731-2541166, 2544466
आरएलबी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
20-ए स्कीम नं 71 सी सेक्टर रिंग रोड़ 0731-2786960
रोहित आई हॉस्पिटल एंड चाइल्ड केयर सेंटर 202 सेफायर हाउस,
9 स्नेह नगर मेन रोड़, लोटस के पास 0731-2460911, 4093919
साई बाबा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
साई मंदिर छत्रीबाग
0731-2342955, 2341790
शकुंतलादेवी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
442/3 गोयल नगर, रिंग रोड़
0731-4035196, 4035401
सलूजा आई केयर सेंटर
एलजी-8 एंड 3, बीसीएस हाइट्स, बॉम्बे हॉस्पिटल के पास
0731-4064040
सर्वोदय नर्सिंग होम
28 न्यू पलासिया, ओम शांति भवन के पास 0731-2434987, 4037000, 2537000
श्रीपद हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर
1-ए स्वस्तिक नगर, एमओजी लाइंस 0731-2788988, 2380866
सूरज विजन केयर
3/1 एच-ए, साउथ तुकोगंज
0731-2522988
सुयश हॉस्पिटल प्रायवेट लिमिटेड एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सामने, एबी रोड 0731-4064911, 2493911
सुयोग हॉस्पिटल
195 भंवरकुआ
0731-4088580, 4086307, 2472880
सुंदरम हॉस्पिटल
657, उषानगर एक्सटेंशन
0731-4057080
द आई हॉस्पिटल
127, कंचनबाग, क्राउन पैलेस के सामने 0731-2527385
राजश्री हॉस्पिटल
स्कीम नं 74 सेक्टर डी विजयनगर 0731-2445566
यूनिक हॉस्पिटल
335, जवाहर मार्ग, माधव मंदिर कैंपस 0731-2534124, 2533525
वर्मा युनियन हॉस्पिटल
120 धार रोड, लाबरिया भेरू
0731-2787694, 2380609
विशेष हॉस्पिटल
2/1 रेसीडेंसी एरिया, एबी रोड
0731-4067111
विजन केयर
102 सिल्वर संचोरा कैसल, आरएनटी मार्ग 0731-2529921
व्यास चिल्ड्रन हॉस्पिटल
361, जवाहर मार्ग, बॉम्बे बाजार स्क्वेयर 0731-2432939
रॉबर्ट नर्सिंग होम
रेसीडेंसी
, रेड चर्च के पास
0731-2492051
? *"ब्लड बैंक" यह पूर्णतया निशुल्क है "भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी"* द्वारा इन्दौर मे खोला गया है *देश* का पहला ब्लड काल सेंटर अगर किसी *व्यक्ति को ब्लड की आवश्यकता है या ब्लड डोनेट करना है।* तो कृपया निम्नाकित *हेल्प लाईन नंबर* पर सम्पर्क कर सकते है.
9200250000
9827666866
7024512345
7316008090
7314002816
देश के किसीभी जगह से संपर्क कर सकते है
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वक़्त बदलते देर नहीं लगती.. |
Posted by: Ravi - 01-16-2019, 05:58 PM - Forum: Share your stuff
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✍ बाहर बारिश हो रही थी, और अन्दर क्लास चल रही थी.
तभी टीचर ने बच्चों से पूछा - अगर तुम सभी को 100-100 रुपया दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ?
किसी ने कहा - मैं वीडियो गेम खरीदुंगा..
किसी ने कहा - मैं क्रिकेट का बेट खरीदुंगा..
किसी ने कहा - मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदुंगी..
तो, किसी ने कहा - मैं बहुत सी चॉकलेट्स खरीदुंगी..
एक बच्चा कुछ सोचने में डुबा हुआ था
टीचर ने उससे पुछा - तुम
क्या सोच रहे हो, तुम क्या खरीदोगे ?
बच्चा बोला -टीचर जी मेरी माँ को थोड़ा कम दिखाई देता है तो मैं अपनी माँ के लिए एक चश्मा खरीदूंगा !
टीचर ने पूछा - तुम्हारी माँ के लिए चश्मा तो तुम्हारे पापा भी खरीद सकते है तुम्हें अपने लिए कुछ नहीं खरीदना ?
बच्चे ने जो जवाब दिया उससे टीचर का भी गला भर आया !
बच्चे ने कहा -- मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं है
मेरी माँ लोगों के कपड़े सिलकर मुझे पढ़ाती है, और कम दिखाई देने की वजह से वो ठीक से कपड़े नहीं सिल पाती है इसीलिए मैं मेरी माँ को चश्मा देना चाहता हुँ, ताकि मैं अच्छे से पढ़ सकूँ बड़ा आदमी बन सकूँ, और माँ को सारे सुख दे सकूँ.!
टीचर -- बेटा तेरी सोच ही तेरी कमाई है ! ये 100 रूपये मेरे वादे के अनुसार और, ये 100 रूपये और उधार दे रहा हूँ। जब कभी कमाओ तो लौटा देना और, मेरी इच्छा है, तू इतना बड़ा आदमी बने कि तेरे सर पे हाथ फेरते वक्त मैं धन्य हो जाऊं !
20 वर्ष बाद..........
बाहर बारिश हो रही है, और अंदर क्लास चल रही है !
अचानक स्कूल के आगे जिला कलेक्टर की बत्ती वाली गाड़ी आकर रूकती है स्कूल स्टाफ चौकन्ना हो जाता हैं !
स्कूल में सन्नाटा छा जाता हैं !
मगर ये क्या ?
जिला कलेक्टर एक वृद्ध टीचर के पैरों में गिर जाते हैं, और कहते हैं -- सर मैं .... उधार के 100 रूपये लौटाने आया हूँ !
पूरा स्कूल स्टॉफ स्तब्ध !
वृद्ध टीचर झुके हुए नौजवान कलेक्टर को उठाकर भुजाओं में कस लेता है, और रो पड़ता हैं !
दोस्तों --
*मशहूर होना, पर मगरूर मत बनना।*
*साधारण रहना, कमज़ोर मत बनना।*
*वक़्त बदलते देर नहीं लगती..*
शहंशाह को फ़कीर, और फ़क़ीर को शहंशाह बनते,
*देर नही लगती ....*
यह छोटी सी कहानी आप के साथ शेयर की है, अगर दिल को छू गयी हो तो कृपया शेयर करें।
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इंदौर का कचौरी शास्त्र : Here are the best Kachoris of Indore… इंदौर खाने वालों और बो |
Posted by: Indori - 01-16-2019, 10:48 AM - Forum: Share your stuff
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इंदौर का कचौरी शास्त्र : Here are the best Kachoris of Indore…
इंदौर खाने वालों और बोलने वालों का शहर है ….तो लीजिये पेश है एक अत्यंत महत्वपूर्ण कचोरी सर्वे आपके लिए …इंदौर आयें तो ये ज़रूर खाएं | यह सिर्फ उन दुकानों की लिस्टिंग हैं जिन्होंने कचोरी बनाने और अनोखे स्वाद के साथ खिलाने की धूम मचा दी है | इन्होने इन्दोरियों को कचोरी खिलाना सिखाया है |
1. लाल बाल्टी की कचोरी – LAl balti kachori | Address: Tilak Path, Martand Chowk, Indore, Ram Bag Road, Indore
Specialty: Aaloo ki Kachori, Green Spicy Chatnee
विशेष : “If “Lal balti” means Red Bucket Bulb is on then you are lucky and will get Awesome Kachori.”
2. इंजीनीयर की कचोरी – जी एस आई टी एस कालेज – Engineer ki kachori, | Lantern Sq. GSITS Chauraha, Colege of Design ke Saamne, Indore
Specialty: Aaloo ki Kachori, Green Chatnee, Fried Mirchi , चाय भी १ नंबर बनता है ये 
3. सुरेश की कचोरी – Suesh Ke Namkeen | At Malwa mill Square, indore
Specialty: Dal with heeng, Pyaz and Aaloo ki Kachori, Green & red Chatnee
4. बम की कचोरी – “Bam” Badri guru ki Kachori | Malhar ganj Chauraha , Khajuri bazar ka end, Indore
Specialty: Small Size Dal Kachoris, Malhaarganj Chauraha, Awesome taste with heeng falvored Moong dal masala
He is also Famous for his Kachoris in Schools , Specially In Balvinay mandir, malhar Aashram and Ahilya Aashram School in old days.
5 विजय चाट की कचोरी – Vijay Chat House | Address : 56 Dukan and Sarafa
Specialty: Dal , Matar ki Kachoris with Red & Green Chatnee with “SEV”
6. अनंतानंद उपहार गृह की उसल कचोरी Anantanad Uphaar Grah – झन्नाट कचोरी | Jail road, Indore
Specialty: Very Spicy Usal Kachoriwith Sev and Pyaz Chatnee , Sadi Aaloo Kachori with Signeture Pyaz Chatnee make this place the best of all.
विशेष : कमजोर पेट वाले, NRI , अंग्रेज़ इसे नहीं खाएं | जनहित में जारी | इसे खाने के लिए वाकई में कलेजा चाहिए 
7. रवि अल्पाहार – Ravi alpahar | Nagar nigam Compaunt and Anand bazar Indore
Specialty: Aaloo Kachori with Pyaz Chatnee
8 . बाबा कचोरी, राऊ – “Baba Kulfi” Rau Ki kachori - Rau, Bus stand , Near Rajendra nagar , Indore
Specialty: More then Kulfi (Icecream Desi Version ) he is famous for his Kachori.
Baba kachori is famous for Special Chatnee Sev with Dal Kachori. Once Kachori is enough for lunch .
9.स्वादिष्ठ कचोरी भंडार :-नलिया बाखल, शाहजी नमकीन के सामने इसकी दाल की कचोरी में बहुत मोन डाला जाता है ...जिससे यह बहुत सॉफ्ट होती है....मालिक खुद भी दुकान में बैठने के बाद मोनव्रत धारण कर लेता है....सिर्फ इशारो में बात करता है!
Specialty:- bahut hi soft dal ki kachori with lahsun chatni
10. अग्रवाल की कचोरी,छावनी:- इसकी कचोरी का दाल का मसाला बड़ा ही स्वादिष्ठ है...हरी चटनी के साथ खाने का अपना आनंद है....
Specialty:- humesha garam kachori milti he....
यह लेख हमारे फूडीज़ (खाऊ ) टीम के द्वारा लिखा गया है और यह कोई रेंक नहीं दर्शाता है | व्यक्तिगत स्वाद के हिसाब से इसे परखा और जांचा गया है.....
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Joke |
Posted by: Joke - 01-16-2019, 10:32 AM - Forum: Share your stuff
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एक राजा था,,,उसने एक सर्वे करने का सोचा कि
मेरे राज्य के लोगों की घर गृहस्थी पति से चलती है या पत्नी से...??
??♂??♂
उसने एक ईनाम रखा कि " जिसके घर में पति का हुक्म चलता हो, उसे मनपसंद घोडा़ ईनाम में मिलेगा और जिसके घर में पत्नी की चलती है वह एक सेब ले जाए.. ।
??
एक के बाद एक सभी नगरवासी सेब उठाकर जाने लगे ।
राजा को चिंता होने लगी.. क्या मेरे राज्य में सभी घरों में पत्नी का हुक्म चलता है,,??
इतने में एक लम्बी लम्बी मुछों वाला, मोटा तगडा़ और लाल लाल आखोंवाला जवान आया और बोला.....
" राजा जी मेरे घर में मेरा ही हुक्म चलता है .. घोडा़ मुझे दीजिए .."
राजा खुश हो गए और कहा जा अपना मनपसंद घोडा़ ले जाओ..चलो कोई एक घर तो मिला जहाँ पर आदमी की चलती है ??
जवान काला घोडा़ लेकर रवाना हो गया ।
!
घर गया और फिर थोडी़ देर में घोडा लेकर दरबार में वापिस लौट आया।
!
राजा: "क्या हुआ जवाँ मर्द...??? वापिस क्यों आ गये..??"
!
जवान : " महाराज,मेरी घरवाली कह रही है काला रंग अशुभ होता है, सफेद रंग शांति का प्रतिक होता है आप सफेद रंग वाला घोडा लेकर आओ... इसलिए आप मुझे सफेद रंग का घोडा़ दीजिए।
!
राजा: अच्छा... "घोडा़ रख ..और सेब लेकर चलता बन,,,
!
इसी तरह रात हो गई ...दरबार खाली हो गया,, लोग सेब लेकर चले गए ।
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आधी रात को महामंत्री ने दरवाजा खटखटाया,,,
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राजा : "बोलो महामंत्री कैसे आना हुआ...???"
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महामंत्री : " महाराज आपने सेब और घोडा़ ईनाम में रखा है,इसकी जगह अगर एक मण अनाज या सोना वगेरहा रखा होता तो लोग कुछ दिन खा सकते या जेवर बना सकते थे,,,
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राजा : "मैं भी ईनाम में यही रखना चाह रहा था लेकिन महारानी ने कहा कि सेब और घोडा़ ही ठीक है इसलिए वही रखा,,,,
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महामंत्री : " महाराज आपके लिए सेब काट दूँ..!!!
????
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श्री महालक्ष्मै नम: |
Posted by: Navin - 01-16-2019, 10:24 AM - Forum: Share your stuff
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*श्री महालक्ष्मै नम:*
*दिवाली की रात में कहां-कहां दीपक लगाने चाहिए।*
*1- पीपल के पेड़ के नीचे दीपावली की रात एक दीपक लगाकर घर लौट आएं। दीपक लगाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने पर आपकी धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।*
*2- यदि संभव हो सके तो दिवाली की रात के समय किसी श्मशान में दीपक लगाएं। यदि यह संभव ना हो तो किसी सुनसान इलाके में स्थित मंदिर में दीपक लगा सकते हैं।*
*3- धन प्राप्ति की कामना करने वाले व्यक्ति को दीपावली की रात मुख्य दरवाजे की चौखट के दोनों ओर दीपक अवश्य लगाना चाहिए।*
*4- हमारे घर के आसपास वाले चौराहे पर रात के समय दीपक लगाना चाहिए। ऐसा करने पर पैसों से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो सकती हैं।*
*5- घर के पूजन स्थल में दीपक लगाएं, जो पूरी रात बुझना नहीं चाहिए। ऐसा करने पर महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।*
*6- किसी बिल्व पत्र के पेड़ के नीचे दीपावली की शाम दीपक लगाएं। बिल्व पत्र भगवान शिव का प्रिय वृक्ष है। अत: यहां दीपक लगाने पर उनकी कृपा प्राप्त होती है।*
*7- घर के आसपास जो भी मंदिर हो वहां रात के समय दीपक अवश्य लगाएं। इससे सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।*
*8- घर के आंगन में भी दीपक लगाना चाहिए। ध्यान रखें यह दीपक भी रातभर बुझना नहीं चाहिए।*
*9- घर के पास कोई नदी या तालब हो तो बहा पर रात के समय दीपक अवश्य लगाएं। इस से दोषो से मुक्ति मिलती है !*
*10- तुलसी जी और के पेड़ और सालिगराम के पास रात के समय दीपक अवश्य लगाएं। ऐसा करने पर महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।*
*11- पित्रो का दीपक गया तीर्थ के नाम से घर के दक्षिण में लगाये ! इस से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।*
*लक्ष्मी प्राप्ति के सूत्र :-*
*प्रत्येक गृहस्थ इन सूत्रों-नियमों का पालन कर जीवन में लक्ष्मी को स्थायित्व प्रदान कर सकता है। आप भी अवश्य अपनाएं -*
*1. जीवन में सफल रहना है या लक्ष्मी को स्थापित करना है तो प्रत्येक दशा में सर्वप्रथम दरिद्रता विनाशक प्रयोग करना ही होगा। यह सत्य है की लक्ष्मी धनदात्री हैं, वैभव प्रदायक हैं, लेकिन दरिद्रता जीवन की एक अलग स्थिति होती है और उस स्थिति का विनाश अलग ढंग से सर्वप्रथम करना आवश्यक होता है। उद्यमी बनें*
*2. लक्ष्मी का एक विशिष्ट स्वरूप है "बीज लक्ष्मी"। एक वृक्ष की ही भांति एक छोटे से बीज में सिमट जाता है - लक्ष्मी का विशाल स्वरूप। बीज लक्ष्मी साधना में भी उतर आया है भगवती महालक्ष्मी के पूर्ण स्वरूप के साथ-साथ जीवन में उन्नति का रहस्य।*
*3. लक्ष्मी समुद्र तनया है, समुद्र से उत्पत्ति है उनकी, और समुद्र से प्राप्त विविध रत्न सहोदर हैं उनके, चाहे वह दक्षिणवर्ती शंख हो या मोती शंख, गोमती चक्र, स्वर्ण पात्र, कुबेर पात्र, लक्ष्मी प्रकाम्य क्षिरोदभव, वर-वरद, लक्ष्मी चैतन्य सभी उनके भ्रातृवत ही हैं और इनकी गृह में उपस्थिति आह्लादित करती है, लक्ष्मी को विवश कर देती है उन्हें गृह में स्थापित कर देने को।*
*4. समुद्र मंथन में प्राप्त कर रत्न "लक्ष्मी" का वरण यदि किसी ने किया तो वे साक्षात भगवान् विष्णु। आपने पति की अनुपस्थिति में लक्ष्मी किसी गृह में झांकने तक की भी कल्पना नहीं कर करतीं और भगवान् विष्णु की उपस्थिति का प्रतीक है शालिग्राम, अनंत महायंत्र एवं शंख। शंख, शालिग्राम एवं तुलसी का वृक्ष - इनसे मिलकर बनता है पूर्ण रूप से भगवान् लक्ष्मी - नारायण की उपस्थिति का वातावरण।*
*5. लक्ष्मी का नाम कमला है। कमलवत उनकी आंखे हैं अथवा उनका आसन कमल ही है और सर्वाधिक प्रिय है - लक्ष्मी को पदम। कमल - गट्टे की माला स्वयं धारण करना आधार और आसन देना है लक्ष्मी को आपने शरीर में लक्ष्मी को समाहित करने के लिए।*
*6. लक्ष्मी की पूर्णता होती है विघ्न विनाशक श्री गणपति की उपस्तिथि से,जो मंगल कर्ता है और प्रत्येक साधना में प्रथम पूज्य, भगवान् गणपति के किसी भी विग्रह की स्थापना किए बिना लक्ष्मी की साधना तो ऐसी है, ज्यों कोई अपना धन भण्डार भरकर उसे खुला छोड़ दे।*
*7. लक्ष्मी का वास वही सम्भव है, जहां व्यक्ति सदैव सुरुचिपूर्ण वेशभूषा में रहे, स्वच्छ और पवित्र रहे तथा आन्तरिक रूप से निर्मल हो। गंदे, मैले, व्यक्तियों के जीवन में लक्ष्मी का वास संभव ही नहीं।*
*8. लक्ष्मी का आगमन होता है, जहां पौरुष हो, जहां उद्यम हो, जहां गतिशीलता हो। उद्यमशील व्यक्तित्व ही प्रतिरूप होता है भगवान् श्री नारायण का, जो प्रत्येक क्षण गतिशील है, पालन में संलग्न है, ऐसे ही व्यक्तियों के जीवन में संलग्न है। ऐसे ही व्यक्तियों के जीवन में लक्ष्मी गृहलक्ष्मी बनकर, संतान लक्ष्मी बनकर आय, यश, श्री कई-कई रूपों मे प्रकट होती है।*
*9. जो साधक गृहस्थ है, उन्हें अपने जीवन मे हवन को अवश्य स्थान देना चाहिए और प्रत्येक माह की शुक्ल पंचमी को श्री सूक्त के पदों से एक कमल गट्टे का बीज और शुद्ध घृत के द्वारा आहुति प्रदान करना फलदायक होता है।*
*10. आपने दैनिक जीवन क्रम में नित्य महालक्ष्मी की किसी ऐसी साधना - विधि को सम्मिलित करना है, जो आपके अनुकूल हो, और यदि इस विषय में निर्णय - अनिर्णय की स्थिति हो तो नित्य प्रति, सूर्योदय काल में निम्न मन्त्र की एक माला का मंत्र जप तो कमल गट्टे की माला से अवश्य करना चाहिए।*
*मंत्र:- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ कमले कमलालाये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मै नम:।*
*मम गृहे आगच्छ आगच्छ महालक्ष्म्यै नम:*
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Update rahiye |
Posted by: Sheetal - 01-14-2019, 10:30 PM - Forum: Share your stuff
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```1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. Kodak दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए।
HMT (घडी)
BAJAJ (स्कूटर)
DYNORA (टीवी)
MURPHY (रेडियो)
NOKIA (मोबाइल)
RAJDOOT (बाईक)
AMBASDOR (कार)
मित्रों,
इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए!!
कारण???
उन्होंने समय के साथ बदलाव नहीं किया.!!
आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे।
चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है...
Uber सिर्फ एक software है। उनकी अपनी खुद की एक भी Car नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी Taxi Company है।
Airbnb दुनिया की सबसे बड़ी Hotel Company है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है।
Paytm, ola cabs , oyo rooms जैसे अनेक उदाहरण हैं।
US में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि IBM Watson नामक Software पल भर में ज़्यादा बेहतर Legal Advice दे देता है। अगले 10 साल में US के 90% वकील बेरोजगार हो जायेंगे... जो 10% बचेंगे... वो Super Specialists होंगे।
Watson नामक Software मनुष्य की तुलना में Cancer का Diagnosis 4 गुना ज़्यादा Accuracy से करता है। 2030 तक Computer मनुष्य से ज़्यादा Intelligent हो जाएगा।
2018 तक Driverless Cars सड़कों पे उतरने लगेंगी। 2020 तक ये एक अकेला आविष्कार पूरी दुनिया को बदलने की शुरुआत कर देगा।
अगले 10 सालों में दुनिया भर की सड़कों से 90% cars गायब हो जायेंगी... जो बचेंगी वो या तो Electric Cars होंगी या फिर Hybrid...सडकें खाली होंगी,Petrol की खपत 90% घट जायेगी,सारे अरब देश दिवालिया हो जायेंगे।
आप Uber जैसे एक Software से Car मंगाएंगे और कुछ ही क्षणों में एक Driverless कार आपके दरवाज़े पे खड़ी होगी...उसे यदि आप किसी के साथ शेयर कर लेंगे तो वो ride आपकी Bike से भी सस्ती पड़ेगी।
Cars के Driverless होने के कारण 99% Accidents होने बंद हो जायेंगे.. इस से Car Insurance नामक धन्धा बंद हो जाएगा।
ड्राईवर जैसा कोई रोज़गार धरती पे नहीं बचेगा। जब शहरों और सड़कों से 90% Cars गायब हो जायेंगी, तो Traffic और Parking जैसी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी... क्योंकि एक कार आज की 20 Cars के बराबर होगी।
आज से 5 या 10 साल पहले ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं होती थी जहां PCO न हो। फिर जब सब की जेब में मोबाइल फोन आ गया, तो PCO बंद होने लगे.. फिर उन सब PCO वालों ने फोन का recharge बेचना शुरू कर दिया। अब तो रिचार्ज भी ऑन लाइन होने लगा है।
आपने कभी ध्यान दिया है..?
आजकल बाज़ार में हर तीसरी दुकान आजकल मोबाइल फोन की है।
sale, service, recharge , accessories, repair, maintenance की।
अब सब Paytm से हो जाता है.. अब तो लोग रेल का टिकट भी अपने फोन से ही बुक कराने लगे हैं.. अब पैसे का लेनदेन भी बदल रहा है.. Currency Note की जगह पहले Plastic Money ने ली और अब Digital हो गया है लेनदेन।
दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है.. आँख कान नाक खुले रखिये वरना आप पीछे छूट जायेंगे..।
समय के साथ बदलने की तैयारी करें।
इसलिए...
व्यक्ति को समयानुसार अपने व्यापार एवं अपने स्वभाव में भी बदलाव करते रहना चाहिये।
"Time to Time Update & Upgrade"
समयके साथ चलिये और सफलता पाईये ।```
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यही जीवन है। |
Posted by: Navin Sharma - 01-13-2019, 06:44 PM - Forum: Share your stuff
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यही जीवन है।
एक औरत बहुत महँगे कपड़े में अपने मनोचिकित्सक के पास गई और बोली
"डॉ साहब ! मुझे लगता है कि मेरा पूरा जीवन बेकार है, उसका कोई अर्थ नहीं है। क्या आप मेरी खुशियाँ ढूँढने में मदद करेंगें?"
मनोचिकित्सक ने एक बूढ़ी औरत को बुलाया जो वहाँ साफ़-सफाई का काम करती थी और उस अमीर औरत से बोला - "मैं इस बूढी औरत से तुम्हें यह बताने के लिए कहूँगा कि कैसे उसने अपने जीवन में खुशियाँ ढूँढी। मैं चाहता हूँ कि आप उसे ध्यान से सुनें।"
तब उस बूढ़ी औरत ने अपना झाड़ू नीचे रखा, कुर्सी पर बैठ गई और बताने लगी - "मेरे पति की मलेरिया से मृत्यु हो गई और उसके 3 महीने बाद ही मेरे बेटे की भी सड़क हादसे में मौत हो गई। मेरे पास कोई नहीं था। मेरे जीवन में कुछ नहीं बचा था। मैं सो नहीं पाती थी, खा नहीं पाती थी, मैंने मुस्कुराना बंद कर दिया था।"
मैं स्वयं के जीवन को समाप्त करने की तरकीबें सोचने लगी थी। तब एक दिन,एक छोटा बिल्ली का बच्चा मेरे पीछे लग गया जब मैं काम से घर आ रही थी। बाहर बहुत ठंड थी इसलिए मैंने उस बच्चे को अंदर आने दिया। उस बिल्ली के बच्चे के लिए थोड़े से दूध का इंतजाम किया और वह सारी प्लेट सफाचट कर गया। फिर वह मेरे पैरों से लिपट गया और चाटने लगा।"
"उस दिन बहुत महीनों बाद मैं मुस्कुराई। तब मैंने सोचा यदि इस बिल्ली के बच्चे की सहायता करने से मुझे ख़ुशी मिल सकती है,तो हो सकता है कि दूसरों के लिए कुछ करके मुझे और भी ख़ुशी मिले। इसलिए अगले दिन मैं अपने पड़ोसी, जो कि बीमार था,के लिए कुछ बिस्किट्स बना कर ले गई।"
"हर दिन मैं कुछ नया और कुछ ऐसा करती थी जिससे दूसरों को ख़ुशी मिले और उन्हें खुश देख कर मुझे ख़ुशी मिलती थी।"
"आज,मैंने खुशियाँ ढूँढी हैं, दूसरों को ख़ुशी देकर।"
यह सुन कर वह अमीर औरत रोने लगी। उसके पास वह सब था जो वह पैसे से खरीद सकती थी।
लेकिन उसने वह चीज खो दी थी जो पैसे से नहीं खरीदी जा सकती।
मित्रों! हमारा जीवन इस बात पर निर्भर नहीं करता कि हम कितने खुश हैं अपितु इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी वजह से कितने लोग खुश हैं।
तो आईये आज शुभारम्भ करें इस संकल्प के साथ कि आज हम भी किसी न किसी की खुशी का कारण बनें।
? *मुस्कुराहट का महत्व* ?
?_अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी।
?_अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा।
?_अगर आप एक ग्रहणी है तो मुस्कुराते हुए घर का हर काम किजिये फिर देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।
?_अगर आप घर के मुखिया है तो मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।
?_अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आप खुश होकर कंपनी में घुसते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का प्रेशर कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा।
?_अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा।
?_कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं, देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी।
*मुस्कुराइए*
?क्यूंकि मुस्कराहट के पैसे नहीं लगते ये तो ख़ुशी और संपन्नता की पहचान है।
*मुस्कुराइए*
?क्यूंकि आपकी मुस्कराहट कई चेहरों पर मुस्कान लाएगी।
*मुस्कुराइए*
?क्यूंकि ये जीवन आपको दोबारा नहीं मिलेगा।
*मुस्कुराइए*
?क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।
*मुस्कुराइए*
?क्योंकि दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है।
*मुस्कुराइए*
?क्योंकि आपकी हँसी किसी की ख़ुशी का कारण बन सकती है।
*मुस्कुराइए*
? क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते है
और सबसे बड़ी बात
*मुस्कुराइए*
? क्योंकि यह मनुष्य होने की पहचान है। एक पशु कभी भी मुस्कुरा नही सकता।
इसलिए स्वयं भी मुस्कुराए और औराें के चहरे पर भी मुस्कुराहट लाएं.
*यही जीवन है।*
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लोहड़ी का पर्व मनाते हैं !! |
Posted by: admin - 01-13-2019, 11:34 AM - Forum: Share your stuff
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लोहड़ी का पर्व मनाते हैं !!
आओ हम सब मिलकर अपने गुरु जी से लोहड़ी माँगते हैं और लोहड़ी का पर्व मनाते हैं!!
सतगुरु लोहड़ी दे, guru ji लोहड़ी दे
दाता लोहड़ी दे, किरपा वाली लोहड़ी दे..
1. असीं लैना नहीं रूपया, -guru ji पार करो मेरी नैया -2
सतगुरु लोहड़ी दे......❤
2. असीं लैनी नहीं मिठाई, -2
सानूं श्री चरणां विच बिठाईं -2
सतगुरु लोहड़ी दे......?
3. असीं लैना नहीं पतासा, -2
मैं तां guru ji दर्शन दा प्यासा -2
सतगुरु लोहड़ी दे......❤
4. असीं लैना नहीं हार, -2
सानूं चाहिदा तेरा प्यार -2
सतगुरु लोहड़ी दे......?
5. असीं लैनी नहीं बधाई, -2
हो जावे रब नाल सगाई -2
सतगुरु लोहड़ी दे......❤
6. साड्डे तां वेड़े विच छाइयां बहारां, -2
सतगुरु प्यारे तों मैं तन मन वारां -2
सतगुरु लोहड़ी दे......?
7. साड्डे तां वेड़े विच वजदे छैने, -2
नाम दे हीरे मोती सतगुरु तों लेने -2
सतगुरु लोहड़ी दे......❤
8. साड्डे तां वेड़े विच लगियां कतारां, -2
रेवड़ी ते फुल्ले लैके भोग लगावां -2
सतगुरु लोहड़ी दे......?
??Jai Guru ji ??
?????????
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प्रतिदिन स्मरण के लिए मंत्र संग्रह |
Posted by: admin - 01-11-2019, 10:09 AM - Forum: Share your stuff
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प्रतिदिन स्मरण के लिए मंत्र संग्रह
हमने तो अपनी... पहचान ही खत्म कर ली...!!!
आधुनिक होने का ढोंग करते रहे ...! बात कडवी हैं पर है सोलाह आन्ने सच्ची
हिन्दूओ को संस्कृत नही आती वो ना वेद पढ पाते है न उपनिषद ।
इस से बडा दुर्भाग्य क्या होगा हमारा
प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र। संग्रह
प्रात: कर-दर्शनम्
कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥
पृथ्वी क्षमा प्रार्थना
समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥
त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
स्नान मन्त्र
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥
सूर्यनमस्कार
ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने।
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥
ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥
दीप दर्शन
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥
गणपति स्तोत्र
गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:।
द्वै मातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥
विनायक: चारूकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥
विश्वम तस्य भवेद् वश्यम् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्।
विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय।
लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं।
प्रसन्नवदनं ध्यायेतसर्वविघ्नोपशान्तये॥
आदिशक्ति वंदना
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
शिव स्तुति
कर्पूर गौरम करुणावतारं,
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विन्दे,
भवं भवानी सहितं नमामि॥
विष्णु स्तुति
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
श्री कृष्ण स्तुति
कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥
मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्॥
श्रीराम वंदना
लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥
श्रीरामाष्टक
हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥
एक श्लोकी रामायण
आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीवसम्भाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥
सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वींणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपदमासना॥
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती
निःशेषजाड्याऽपहा॥
हनुमान वंदना
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्।
दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥
स्वस्ति-वाचन
ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥
शांति पाठ
ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:,
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्व (गुँ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
बहुत ही सुंदर संग्रह
ऐसा संग्रह सरलता से नही मिलता ।
एक प्रति परिवार के बच्चों को भी दे ।
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भारत में वर्तमान में कौन क्या है |
Posted by: admin - 01-09-2019, 05:48 PM - Forum: Share your stuff
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भारत में वर्तमान में कौन क्या है.
?राष्ट्रपति ?रामनाथ कोविंद
?उपराष्ट्रपति ?वेंकैया नायडू
?मुख्य न्यायाधीश? दीपक मिश्रा
?मुख्य चुनाव आयुक्त ?ओम प्रकाश रावत
?रेलवे बोर्ड का चेयरमैन? अश्विनी लोहानी
?रेलवे मंत्री ?पियूष गोयल
?खेल मंत्री? राजवर्धन सिंह राठोर
?रक्षा मंत्री ?निर्मला सीताराम
?SEBI का अध्यक्ष? अजय त्यागी
?NITI आयोग का उपाध्यक्ष ?राजीव कुमार
?NITI आयोग का CEO ?अमिताभ कांत
?लोकसभा अध्यक्ष ?सुमित्रा महाजन
?लोकसभा उपाध्यक्ष ?M थंबीदुर
?लोकसभा के महासचिव? स्नेहलता श्रीवास्तव
?राज्यसभा के विपक्ष का नेता? गुलाम नवी आज़ाद
?भारत का महान्यायवादी ?के के वेणुगोपाल
?वायु सेना अध्यक्ष ?बीरेंद्र सिंह धनोआ
?नो सेना अध्यक्ष ?सुनील लाम्बा
?थल सेना अध्यक्ष? बिपिन रावत
?कैबिनेट सचिव ?प्रदीप कुमार सिन्हा
?S.B.I के अध्यक्ष ?रजनीश कुमार
?I.B के अध्यक्ष? राजीव जैन
?B.S. F के अध्यक्ष ?के.के.शर्मा
?CRPF अध्यक्ष ?राजीव राय भटनागर
?लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष? अरविंद सक्सैना
?21 वे विधी आयोग का अध्यक्ष? बलबीर सिंह चौहान
?राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष ?ललिता कुमारमंगलम
?LIC का अध्यक्ष? विजयकुमार शर्मा
?RBI गर्वनर? उर्जित पटेल
?लोक लेखा समिति का अध्यक्ष ?मल्लिका अर्जुन
?7 वे वेतन आयोग का अध्यक्ष? अशोक कुमार माथुर
?14 वे बीत आयोग का अध्यक्ष ?बाई बी रेड्डी
?15 वे बीत आयोग का अध्यक्ष ?एन के सिंह
?भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच ?रवि शास्त्री
?ICC का अध्यक्ष? शशांक मनोहर
?ICC का डिप्टी चयरमैन ?इमरान ख्वाजा
?SAARC का महासचिव? अमजद हुसैन बी. सियाल
?मानव संसाधन विकास मंत्री ?प्रकाश जावडेकर
?भारतीय ओलंपिक संघ का अध्यक्ष ?नरिन्दर बात्रा
?संयुक्त राष्ट्र संघ का महासचिव? एनटीनो गुटेरस
?सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष ?प्रसून जोशी
?जीएसटी का ब्रांड अम्बेन्सडर ?अमिताभ बच्चन
?गृह मंत्री ?राजनाथ सिंह
?विदेश मंत्री? शुशमा स्वराज
?वित्त मंत्री ?अरूण जेटली
?रक्षा मंत्री ?निर्मला सीतारमन
?भारत का जहाजरानी, सड़क परिवहन और राष्ट्रमार्ग मंत्री ?नितिन जयराम गड़करी
?स्वास्थय एवं परिवार कलयाण मंत्री? जगत प्रकाश नड्डा
?पेयजल एवं स्वछता मंत्री? उमा भारती
?वाणिज्य मंत्री ?सुरेश प्रभु
?महिला एवं बाल विकास मंत्री? मेनका गाँधी
?भारत का उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय, संसदिय कार्य मंत्री ?अनन्त कुमार
?ग्रामीण विकास, पंचायती राज मंत्री? नरेन्द्र सिंह तोमर
?कृषि मंत्री? राधामोहन सिंह
?इस्पात मंत्री ?चौधरी byबीरेन्द्र सिंह
?कपड़ा मंत्री ?स्मृति इरानी
?ISRO के अध्यक्ष ?के. सिवान
?विदेश सचिव? विजय केसब गोखले
UNESCO मे सम्मिलित भारत की धरोहर~~
1. ताजमहल - उत्तर प्रदेश [1983]
2. आगरा का किला - उत्तर प्रदेश [1983]
3. अजंता की गुफाएं - महाराष्ट्र [1983]
4. एलोरा की गुफाएं - महाराष्ट्र [1983]
5. कोणार्क का सूर्य मंदिर - ओडिशा [1984]
6. महाबलिपुरम् का स्मारक समूह -तमिलनाडू [1984]
7. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान - असोम [1985]
8. मानस वन्य जीव अभयारण्य - असोम [1985]
9. केवला देव राष्ट्रीय उद्यान - राजस्थान [1985]
10. पुराने गोवा के चर्च व मठ - गोवा [1986]
11. मुगल सिटी, फतेहपुर सिकरी - उत्तर प्रदेश [1986]
12. हम्पी स्मारक समूह - कर्नाटक [1986]
13. खजुराहो मंदिर - मध्यप्रदेश [1986]
14. एलीफेंटा की गुफाएं - महाराष्ट्र [1987]
15. पट्टदकल स्मारक समूह - कर्नाटक [1987]
16. सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान - प. बंगाल [1987]
17. वृहदेश्वर मंदिर तंजावुर - तमिलनाडू [1987]
18. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान - उत्तराखंड [1988]
19. सांची का बौद्ध स्मारक - मध्यप्रदेश [1989]
21. हुमायूँ का मकबरा - दिल्ली [1993]
22. दार्जिलिंग हिमालयन रेल - पश्चिम बंगाल [1999]
23. महाबोधी मंदिर, गया - बिहार [2002]
24. भीमबेटका की गुफाएँ - मध्य प्रदेश [2003]
25. गंगई कोड़ा चोलपुरम् मन्दिर - तमिलनाडु [2004]
26. एरावतेश्वर मन्दिर - तमिलनाडु [2004]
27. छत्रपति शिवाजी टर्मिनल - महाराष्ट्र [2004]
28. नीलगिरि माउंटेन रेलवे - तमिलनाडु [2005]
29. फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान - उत्तराखंड [2005]
30. दिल्ली का लाल किला - दिल्ली [2007]
31. कालका शिमला रेलवे -हिमाचल प्रदेश [2008]
32. सिमलीपाल अभ्यारण्य - ओडिशा [2009]
33. नोकरेक अभ्यारण्य - मेघालय [2009]
34. भितरकनिका उद्यान - ओडिशा [2010]
35. जयपुर का जंतर-मन्तर - राजस्थान [2010]
36. पश्चिम घाट [2012]
37. आमेर का किला - राजस्थान [2013]
38. रणथंभोर किला - राजस्थान [2013]
39. कुंभलगढ़ किला - राजस्थान [2013]
40. सोनार किला - राजस्थान [2013]
41. चित्तौड़गढ़ किला - राजस्थान [2013]
42. गागरोन किला - राजस्थान [2013]
43. रानी का वाव - गुजरात [2014]
44. ग्रेट हिमालय राष्ट्रीय उद्यान - हिमाचल प्रदेश [2014]
सर्वग्राही रक्त समूह है : → AB
☞. सर्वदाता रक्त समूह है : → O
☞. आर० एच० फैक्टर सबंधित है : → रक्त से
☞. RH फैक्टर के खोजकर्ता : → लैंड स्टीनर एवं विनर
☞. रक्त को शुद्ध करता है : → वॄक्क (kidney)
☞. वॄक्क का भार होता है : → 150 ग्राम
☞. रक्त एक विलयन है : → क्षारीय
☞. रक्त का pH मान होता है : → 7.4
☞. ह्र्दय की धडकन का नियंत्रक है : → पेसमेकर
☞. शरीर से ह्रदय की ओर रक्त ले जाने
वाली रक्तवाहिनी कहलाती
है : → शिरा
☞. ह्रदय से शरीर की ओर रक्त ले जाने
वाली रक्तवाहिनी कहलाती
है : → धमनी
☞. जराविक-7 है : → कृत्रिम ह्रदय
☞. शरीर में आक्सीजन का परिवहन : →
रक्त द्वारा
☞. सबसे छोटी अस्थि : → स्टेपिज़ (मध्य कर्ण में)
☞. सबसे बड़ी अस्थि : → फिमर (जंघा में)
☞. सबसे लम्बी पेशी : → सर्टोरियास
☞. सबसे बड़ी ग्रंथि : → यकृत
☞. सर्वाधिक पुनरुदभवन की क्षमता : → यकृत में
☞. सबसे कम पुनरुदभवन की क्षमता : → मस्तिष्क में
☞. शरीर का सबसे कठोर भाग : → दांत का इनेमल
☞. सबसे बड़ी लार ग्रंथि : → पैरोटिड ग्रंथि
☞. सबसे छोटी WBC : → लिम्फोसाइट
☞. सबसे बड़ी WBC : → मोनोसाइट
☞. सबसे बड़ी शिरा : → एन्फिरियर
☞. RBCs का जीवन काल : → 120 दिन
☞. रुधिर का थक्का बनाने का समय : → 2-5 दिन
☞. अनुवांशिकी के पिता ग्रेगर जॅान मेंडल को कहा जाता है।
☞. हरगोविंद खुराना को नोबेल पुरस्कार जीन DNA से संबंधित
खोज के लिए मिला था।
☞. राइबोसोम ( Ribosome ) को प्रोटीन की
फैक्ट्री कहा जाता है।
☞. मानव शरीर में गुणसूत्रो की संख्या 46 ( 23
जोड़ा ) होती है।
☞. चेचक का टीका की खोज एडवर्ड जैनर ने
की थी।
☞. स्वस्थ मनुष्य के शरीर के रक्त का पी.
एच. मान 7.4 होता है।
☞. लाल रक्त कणिकांए RBC का निर्माण अस्थिमज्जा में होता है।
☞. कोशिका की खोज अंग्रेज वैज्ञानिक राबर्ट हुक ने
की थी।
☞. नवजात बच्चों के शरीर में 300 हड्डियां
होती है।
☞. मानव शरीर की सबसे लंबी
हड्डी को ‘फीमर’ कहते है ( जांघ
की हड्डी )।
☞. मनुष्य के शरीर की सबसे
छोटी हड्डी ‘स्टेप्स’ है जो कान में
होती है।
☞. मनुष्य की छाती में दोनों तरफ 12 -12
पसलियां होती है।
☞. RBC लाल रक्त कण की कब्रगाह यकृत और
प्लीहा को कहा जाता है।
☞. रक्त का थक्का बनाने में विटामिन के k सहायक होता है।
☞. रक्त समूह ( Blood Group ) एवं आर एच तत्व ( RH
Factor ) की खोज कार्ल लैंडस्टीनर ने
की थी।
☞. AB रक्त समूह में एण्टीबॅाडी
नहीं पाई जाती है, इसलिए यह
सर्वग्रहता कहलाता है
☞. O रक्त समूह में एणटीजन नहीं
होता है यह सर्वदाता कहलाता है।
☞. मनुष्य के हृदय का भार लगभग 300 ग्राम होता है।
☞. स्वस्थ मनुष्य का हृदय एक मिनट में 72 बार धड़कता है।
☞. स्वस्थ मनुष्य रक्त दाब 120/80 mmhg ( Systolic /
diastolic ) होता है।
☞. यूरोक्रोम की उपस्थिति के कारण मूत्र का रंग हल्का
पीला होता हैं।
☞. एलीसा प्रणाली ( ELISA Test ) से एड्स
बीमारी के HIV वायरस का पता लगाया जाता है।
☞. टिटनेस से शरीर का तंत्रिका तंत्र प्रवाहित होता
है।
☞. स्वस्थ मनुष्य के शरीर में रक्त का औसत 5 – 6
लीटर होता है।
☞. मनुष्य के रक्त का शुद्धिकरण किडनी में होता है।
☞. मानव शरीर की सबसे छोटी
ग्रंथि पिट्यूटरी मस्तिष्क में होती है।
☞. मानव शरीर की सबसे बड़ी
ग्रंथि यकृत होती है।
☞. इन्सुलिन की खोज बैटिंग एवं वेस्ट ने की
थी।
☞. वस्तु का प्रतिबिंब आँखों के रेटिना में बनता है।
☞. नेत्रदान में आँख के कार्निया को दान किया जाता है।
☞. त्वचा का कैंसर सूर्य की पराबैंगनी किरणों से
होता है।
☞. किडनी में, बोमन कैप्सूल पाया जाता है।
☞. सिरोसिस बीमारी लिवर को प्रभावित करता
है।
☞. एलब्युमिन रक्त प्रोटीन के बीच प्लाज्मा में
पानी की मात्रा को नियंत्रित करता है।
☞. एपिनेफ्रीन हार्मोन हृदय की
समस्याओं के इलाज के लिए एक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
☞. एक 2 साल की उम्र में बच्चे के आहार में अधिक
प्रोटीन शामिल करना चाहिए।
☞. पचा हुआ भोजन ज्यादातर छोटी आंत के माध्यम से
अवशोषित होता है।
☞. कैल्शियम और फास्फोरस हड्डियों में सबसे व्यापक रूप में मिलने वाला
खनिज हैं।
☞. रक्ताल्पताo आमतौर पर शर्करा के कारण होता है।
☞. रक्त में लौह तत्व पाया जाता है।
☞. टायफायड से आंत प्रभावित होता ह
2 फरवरी - विश्व झील दिवस
4 फरवरी - विश्व कैंसर दिवस
6 फरवरी - मादा जननांग दिवस विकृति के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस
11 फरवरी - विश्व बीमार दिवस
12 फरवरी - डार्विन दिवस
13 फरवरी - विश्व रेडियो दिवस
14 फरवरी - वेलेन्टाइन डे
20 फरवरी - विश्व सामाजिक न्याय दिवस
21 फरवरी - अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस
22 फरवरी - विश्व स्काउट दिवस
23 फरवरी - विश्व शांति और समझ दिवस
24 फरवरी - केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस (भारत)
28 फरवरी - राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (भारत)
फरवरी माह का दुसरा रविवार - विश्व विवह दिवस
फरवीर माह का अंतिम दिन (28th या 29th) - दुर्लभ बीमारी दिवस
2 फरवरी - विश्व झील दिवस
4 फरवरी - विश्व कैंसर दिवस
6 फरवरी - मादा जननांग दिवस विकृति के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस
11 फरवरी - विश्व बीमार दिवस
12 फरवरी - डार्विन दिवस
13 फरवरी - विश्व रेडियो दिवस
14 फरवरी - वेलेन्टाइन डे
20 फरवरी - विश्व सामाजिक न्याय दिवस
21 फरवरी - अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस
22 फरवरी - विश्व स्काउट दिवस
23 फरवरी - विश्व शांति और समझ दिवस
24 फरवरी - केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस (भारत)
28 फरवरी - राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (भारत)
फरवरी माह का दुसरा रविवार - विश्व विवह दिवस
फरवीर माह का अंतिम दिन (28th या 29th) - दुर्लभ बीमारी दिवस
3 मार्च - विश्व वन्यजीव दिवस, राष्ट्रीय रक्षा दिवस (भारत)
4 मार्च - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, (औधोगिक संस्थानों की सुरक्षा) भारत, यौन शोषण के खिलाफ विश्व लडाई दिवस
8 मार्च - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
12 मार्च - केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल स्थापना दिवस (भारत)
15 मार्च - विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस
18 मार्च - आयुध कारखाना दिवस (भारत)
20 मार्च - अंतर्राष्ट्रीय फ्रैन्कोफोनी दिवस, विश्व गौरैया दिवस, अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस, बच्चों एवं युवाओं के लिए विश्व रंगमंच दिवस
21 मार्च - विश्व वानिकी दिवस, नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस, विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस, विश्व कात्य दिवस
22 मार्च - विश्व जल दिवस
23 मार्च - विश्व मौसम विज्ञान दिवस
24 मार्च - विश्व क्षय रोग दिवस
27 मार्च - विश्व रंगमंच दिवस
मार्च का दुसरा सोमवार - राष्ट्रमंडल दिवस
मार्च का दुसरा शुक्रवार - विश्व नींद दिवस
मार्च का दुसरा गुरूवार - विश्व गुर्दा दिवस
2 अप्रैल - विश्व आत्मकेंद्रित दिवस
5 अप्रैल - राष्ट्रीय समुद्री दिवस (भारत)
7 अप्रैल - विश्व स्वास्थय दिवस
10 अप्रैल - विश्व होम्योपैथी दिवस
12 अप्रैल - मानव अंतरिक्ष उड़ान अंतर्राष्ट्रीय दिवस
14 अप्रैल - अम्बेडकर जयंती (भारत)
17 अप्रैल - विश्व हीमोफीलिया दिवस
18 अप्रैल - विश्व विरासत दिवस
21 अप्रैल - सिविल सेवा दिवस
22 अप्रैल - पृथ्वी सेवा दिवस
23 अप्रैल - संयुक्त राष्ट्र अंग्रेजी भाषा दिवस
23 अप्रैल - विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस
24 अप्रैल - राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (भारत)
24 अप्रैल - प्रयोगशाला पशुओं के लिए विश्व दिवस
25 अप्रैल - विश्व मलेरिया दिवस
26 अप्रैल - विश्व बौद्धिक संपदा दिवस
28 अप्रैल - अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक स्मृति दिवस
29 अप्रैल - रासायनिक युद्ध के सभी पीडितों के लिए स्मरण दिवस, अतंर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस
30 अप्रैल - अंतर्राष्ट्रीय जैज दिवस
अप्रैल का अंतिम सप्ताह - विश्व टीकाकरण सप्ताह
1 मई - अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस (श्रमिक दिवस)
3 मई - विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस
8 मई - विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट डे
11 मई - राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
12 मई - अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
15 मई - अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस
17 मई - विश्व दुरसंचार दिवस (सूचना समाज दिन), विश्व उच्च रक्तचाप दिवस
18 मई (या आसपास) - अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस
21 मई - आंतकवाद विरोधी दिवस
22 मई - विश्व जैव विविधता दिवस
25 मई - विश्व थायराइड दिवस
28 मई - महिला स्वास्थय कार्यवाही का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
29 मई - संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
31 मई - तंबाकू निषेध दिवस
मई माह का प्रथम रविवार - विश्व हास्य दिवस
मई माहा का प्रथम मंगलवार - विश्व अस्थमा दिवस
मई माह का द्वितीय सप्ताह का अंतिम दिन - विश्व प्रवासी पक्षी दिवस
1 जून - माता – पिता का वैश्विक दिवस, विश्व दुग्ध दिवस
5 जून - विश्व पर्यावरण दिवस
8 जून - विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस
12 जून - बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस
14 जून - विश्व रक्तदाता दिवस
17 जून - बंजर एवं सूखे से निपटने के लिए विश्व दिवस
18 जून - अंतर्राष्ट्रीय पिकनिक दिवस
20 जून - विश्व शरणार्थी दिवस
21 जून - विश्व योग दिवस, विश्व संगीत दिवस, विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस
23 जून - अंतर्राष्ट्रीय ओल्मपिक दिवस, संयुक्त राष्ट्र का सार्वजनिक सेवा दिवस, अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस
26 जून - नशीली दवाओं के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस
1 जुलाई - राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस
2 जुलाई - अंतर्राष्ट्रीय खेल पत्रकार दिवस
6 जुलाई - विश्व जूनोसेस दिवस
11 जुलाई - विश्व जनसंख्या दिवस
12 जुलाई - मलेरिया
17 जुलाई - अंतर्राष्ट्रीय न्याय के लिए विश्व दिवस
18 जुलाई - नेल्सन मण्डेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस
26 जुलाई - कारगिल विजय दिवस (भारत)
28 जुलाई - विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस, विश्व हेपेटाइटिस दिवस
29 जुलाई - अंतर्राष्ट्रीय खाध दिवस
6 अगस्त - हिरोशिमा दिवस
7 अगस्त - राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस (भारत)
9 अगस्त - भारत छोडो आंदोलन दिवस (भारत), विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
10 अगस्त - अंतर्राष्ट्रीय बायोडीजल दिवस
12 अगस्त - राष्ट्रीय युवा दिवस
15 अगस्त - भारत का स्वतंत्रता दिवस
19 अगस्त - विश्व मानवीय दिवस
20 अगस्त - सद्भावना दिवस (भारत)
23 अगस्त - दास व्यापार के स्मरण और इसके उनमूलन के लिए अंतराष्ट्रीय दिवस
29 अगस्त - राष्ट्रीय खेल दिवस (भारत)
5 सितंबर - शिक्षक दिवस (भारत)
8 सितंबर - विश्व साक्षरता दिवस
10 सितंबर - विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस
14 सितंबर - हिंदी दिवस
15 सितंबर - अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस अभियंता दिवस (भारत)
16 सितंबर - विश्व ओजोन दिवस
21 सितंबर - अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस, विश्व अल्जाईमार दिवस
27 सितंबर - विश्व पर्यटन दिवस
28 सितंबर - विश्व रेबीज दिवस
भारत में बैंकों का स्थापना वर्ष
? बैंक आॅफ हिन्दुस्तान =1770 में
?इलाहाबाद बैंक =1865 में
? अवध काॅमर्शिल बैंक = 1881 में
? पंजाब नेशनल बैंक =1894 में
? केनरा बैंक =1906 में
? बैंक आॅफ इंडिया = 1906 में
? काॅरपोरेशन बैंक = 1906 में
? इंडियन बैंक =1907 में
? पंजाब एंड सिंधी बैंक = 1908 में
? बैंक आॅफ बड़ौदा= 1908 में
? सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया =1911 में
? यूनियन बैंक आॅफ इंडिया =1919 में
? इम्पीरियल बैंक =1921में
? आंध्रा बैंक = 1923 में? सिंडीकेट बैंक = 1925 में
? विजया बैंक =1931 में
? रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया =1935में
? बैंक आॅफ महाराष्ट्र =1935में
? इंडियन ओवरसीज बैंक =1937 में
? देना बैंक =1938 में
? ओरिएंटल बैंक आॅफ काॅमर्स =1943में
? यूको बैंक =1943 में
? यूनाइटेड बैंक आॅफ इंडिया = 1950 में
? स्टेट बैंक आॅफ इंडिया =1955 में
? ICICI बैंक = 1994 में
? HDFC बैंक = 1994 में
? IDBI बैंक =1964 में
? एक्सिस बैंक = 2007 में
राष्ट्रीयऔर अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस
1. लुईस ब्रेल दिवस
– 4 जनवरी
2. विश्व हास्य दिवस
– 10 जनवरी
3. राष्ट्रिय युवा दिवस
– 12 जनवरी
4. थल सेना दिवस
– 15 जनवरी
5. कुष्ठ निवारण दिवस
– 30 जनवरी
6. भारत पर्यटन दिवस
– 25 जनवरी
7. गणतंत्र दिवस
– 26 जनवरी
8. अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क एवं उत्पाद दिवस
– 26 जनवरी
9. सर्वोदय दिवस
– 30 जनवरी
10. शहीद दिवस
– 30 जनवरी
11. विश्व कैंसर दिवस
– 4 feb
12. गुलाब दिवस
– 12 फरवरी
13. वेलेंटाइन दिवस
– 14 फरवरी
14. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
– 21 फरवरी
15. केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस
– 24 फरवरी
16. राष्ट्रिय विज्ञानं दिवस
– 28 फरवरी
17. राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस
– 4 मार्च
18. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
– 8 मार्च
19. के०औ०सु० बल की स्थापना दिवस
– 12 मार्च
20. विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस
– 15 मार्च
21. आयुध निर्माण दिवस
– 18 मार्च
22. विश्व वानिकी दिवस
– 21 मार्च
23. विश्व जल दिवस
– 22 मार्च
24. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस
– 23 दिवस
25. विश्व मौसम विज्ञानं दिवस
– 23 मार्च
26. राममनोहर लोहिया जयंती
– 23 मार्च
27. विश्व टी०बी० दिवस
– 24 मार्च
28. ग्रामीण डाक जीवन बिमा दिवस
– 24 मार्च
29. गणेश शंकर विद्यार्थी का बलिदान दिवस
– 25 मार्च
30. बांग्लादेश का राष्ट्रिय दिवस
– 26 मार्च
31. विश्व थियेटर दिवस
– 27 मार्च
32. विश्व स्वास्थ दिवस
– 7 अप्रैल
33. अम्बेदकर जयंती
– 14 अप्रैल
34. विश्व वैमानिकी दिवस
– 14 अप्रैल
35. विश्व हीमोफीलिया दिवस
– 17 अप्रैल
36. विश्व विरासत दिवस
– 18 अप्रैल
37. पृथ्वी दिवस
– 22 अप्रैल
38. विश्व पुस्तक दिवस
– 23 अप्रैल
39. विश्व श्रमिक दिवस
– 1 मई
40. विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस
– 3 मई
41. विश्व प्रवासी पक्षी दिवस
– 8 मई
42. विश्व रेडक्रॉस दिवस
– 8 मई
43. अंतर्राष्ट्रीय थैलीसिमिया दिवस
– 8 मई
44. राष्ट्रिय प्रौधोगिकी दिवस
– 11 मई
45. विश्व संग्रहालय दिवस
– 18 मई
46. विश्व नर्स दिवस
– 12 मई
47. विश्व परिवार दिवस
– 15 मई
48. विश्व दूरसंचार दिवस
– 17 मई
49. आतंकवाद विरोधी दिवस
– 21 मई
50. जैविक विविधिता दिवस
– 22 मई
51. माउन्ट एवरेस्ट दिवस
– 29 मई
52. विश्व तम्बाकू रोधी दिवस
– 31 मई
53. विश्व पर्यावरण दिवस
– 5 जून
54. विश्व रक्तदान दिवस
– 14 जून
55. अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति स्थापना दिवस
– 6 जून
56. विश्व शरणार्थी दिवस
– 20 जून
57. राष्ट्रिय सांख्यिकी दिवस
– 29 जून
58. पी०सी० महालनोबिस का जन्म दिवस
– 29 जून
60. भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना दिवस
– 1 जुलाई
61. चिकित्सक दिवस
– 1 जुलाई
62. डॉ० विधानचंद्र राय का जन्म दिवस
– 1 जुलाई
63. विश्व जनसंख्या दिवस
– 11 जुलाई
64. कारगिल स्मृति दिवस
– 26 जुलाई
65. विश्व स्तनपान दिवस
– 1 अगस्त
66. विश्व युवा दिवस
– 12 अगस्त
67. स्वतंत्रता दिवस
– 15 अगस्त
68. राष्ट्रिय खेल दिवस
– 29 अगस्त
69. ध्यानचन्द्र का जन्म दिवस
– 29 अगस्त
70. शिक्षक दिवस
– 5 सितम्बर
71. अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस
– 8 सितम्बर
72. हिंदी दिवस
– 14 सितम्बर
73. विश्व-बंधुत्व एवं क्षमा याचना दिवस
– 14 सितम्बर
74. अभियंता दिवस
– 15 सितम्बर
75. संचयिता दिवस
– 15 सितम्बर
76. ओजोन परत रक्षण दिवस
– 16 सितम्बर
77. RPF की स्थापना दिवस
– 20 सितम्बर
78. विश्व शांति दिवस
– 21 सितम्बर
79. विश्व पर्यटन दिवस
– 27 सितम्बर
80. अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस
– 1 अक्टूबर
81. लाल बहादुर शास्त्री जयंती
– 2 अक्टूबर
82. अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस
– 2 अक्टूबर
83. विश्व प्रकृति दिवस
– 3 अक्टूबर
84. विश्व पशु-कल्याण दिवस
– 4 अक्टूबर
85. विश्व शिक्षक दिवस
– 5 अक्टूबर
86. विश्व वन्य प्राणी दिवस
– 6 अक्टूबर
87. वायु सेना दिवस
– 8 अक्टूबर
88. विश्व डाक दिवस
– 9 अक्टूबर
89. विश्व दृष्टि दिवस
– 10 अक्टूबर
90. जयप्रकाश जयंती
– 11 अक्टूबर
91. विश्व मानक दिवस
– 14 अक्टूबर
92. विश्व एलर्जी जागरूकता दिवस
– 16 अक्टूबर
93. विश्व खाद्य दिवस
– 16 अक्टूबर
94. विश्व आयोडीन अल्पता दिवस
– 21 अक्टूबर
95. संयुक्त राष्ट्र दिवस
– 24 अक्टूबर
96. विश्व मितव्ययिता दिवस
– 30 अक्टूबर
97. इंदिरा गाँधी की पुण्य तिथि
– 31 अक्टूबर
98. विश्व सेवा दिवस
– 9 नवम्बर
99. रा० विधिक साक्षरता दिवस
– 9 नवम्बर
100. बाल दिवस
– 14 नवम्बर
101. विश्व मधुमेह दिवस
– 14 नवम्बर
102. विश्व विधार्थी दिवस
– 17 नवम्बर
103. राष्ट्रिय पत्रकारिता दिवस
– 17 नवम्बर
104. विश्व व्यस्क दिवस
– 18 नवम्बर
105. विश्व नागरिक दिवस
– 19 नवम्बर
106. सार्वभौमिक बाल दिवस
– 20 नवम्बर
107. विश्व टेलीविजन दिवस
– 21 नवम्बर
108. विश्व मांसाहार निषेध दिवस
– 25 नवम्बर
109. विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस
– 26 नवम्बर
110. राष्ट्रिय विधि दिवस
– 26 नवम्बर
111. विश्व एड्स दिवस
– 1 दिसम्बर
112. नौसेना दिवस
– 4 दिसम्बर
113. रासायनिक दुर्घटना निवारण दिवस
– 4 दिसम्बर
114. अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस
– 5 दिसम्बर
115. नागरिक सुरक्षा दिवस
– 6 दिसम्बर
116. झंडा दिवस
– 7 दिसम्बर
117. अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस
– 7 दिसम्बर
118. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस
– 10 दिसम्बर
119. विश्व बाल कोष दिवस
– 11 दिसम्बर
120. विश्व अस्थमा दिवस
– 11 दिसम्बर
121. राष्ट्रिय उर्जा संरक्षण दिवस
– 14 दिसम्बर
122. गोवा मुक्ति दिवस
– 19 दिसम्बर
123. किसान दिवस
– 23 दिसम्बर
124. राष्ट्रिय उपभोक्ता दिवस
– 24 दिसम्बर
125. CRPF का स्थापना दिवस
– 28 दिसम्बर
1- GST का पूरा नाम क्या है ?
ANS - वस्तु और सेवा कर (GOOD AND SERVICES TAX )
2- GST लागु करने वाला विश्व का पहला देश कौन सा है
ANS -फ्रांस 1954
3-वह संविधान संसोधन जिसके तहत GST पारित किया गया भारत में ?
ANS -122
4- GST परिषद में कुल सम्मिलित सदस्यों की संख्या कितनी है?
ANS -33
5-GST को भारत में पारित करने वाला पहला राज्य कौन सा है
ANS - 1-असम -12 august 2016
बिहार – 16 august
6- भारत का GST किस देश के मॉडल पर आधरित है ?
ANS- कनाडा
7- भारत में वस्तु और सेवा कर GST कब लागु किया गया ?
ANS - 1 जुलाई 2017 पहले ये 1 अप्रैल 2017 को लागु होने वाला था
8- भारत में GST लागु करने का सुझाव किसने दिया ?
ANS - विजय केलकर समिति ने
9- सर्व प्रथम GST बिल का प्रारूप तैयार करने वाली समिति के अधक्ष्य कौन थे ?
ANS - असीम दस गुप्ता
10- GST बिल राज्य सभा तथा लोक सभा में कब से पारित किया ?
ANS 1-राज्य सभा - 3 ऑगस्त 2016
11- GST के लिए विधेयक के पक्ष में कितने वोट पड़े ?
ANS –विधेयक के पक्ष में 336 और विपक्ष में 11
12- GST बिल में राष्ट्पति ने कब मंजूरी दी ?
ANS - 8 सितम्बर 2016
13- GST पंजीकरण में कुल कितने अंक है ?
ANS – 15
14- GST की दरे कितने प्रकार की है ?
ANS- 0%,5%,12%,18%,28%
15- लगभग कितने देशो ने GST अपनाया है ?
ANS - 160
16- भारत में GST का प्रस्ताव कब लाया गया था ?
ANS -2000
17- GST परिषद का मुख्यालय कहा है
ANS - दिल्ली
18- GST परिषद के वर्तमान में अधक्ष्य कौन है ?
ANS - अरुण जेटली
19 – GST बिल को सबस पहले पारित कहा किया गया ?
ANS - तेलंगाना
20- भारत का एक मात्र राज्य जँहा GST पारित नहीं किया है ?
ANS- जम्मू कश्मीर
21- GST दिवस कब मनाया जायेगा ?
ANS – 1 जुलाई
22- GST की चोरी करने में कितने वर्ष का कारावास होगा ?
ANS – 5
23- GST किस प्रकार का कर है
ANS - अप्रत्यक्ष
24- GST प्रशाशन के लिए किस नाम से पोर्टल तैयार किये गए है ?
ANS - GST पोर्टल
25- GST नेटवर्क के साथ जुडी भारत की दो आईटी कम्पनी कौन सी है
ANS- इनफ़ोसिस और विप्रो.
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श्री हनुमान चालीसा: एक आम आदमी की जिंदगी का क्रम |
Posted by: admin - 01-09-2019, 05:44 PM - Forum: Share your stuff
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कई लोगों की दिनचर्या हनुमान चालीसा पढ़ने से शुरू होती है। पर क्या आप जानते हैं कि श्री हनुमान चालीसा में 40 चौपाइयां हैं, ये उस क्रम में लिखी गई हैं जो एक आम आदमी की जिंदगी का क्रम होता है।
???????????
माना जाता है तुलसीदास ने चालीसा की रचना बचपन में की थी।
हनुमान को गुरु बनाकर उन्होंने राम को पाने की शुरुआत की।
अगर आप सिर्फ हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं तो यह आपको भीतरी शक्ति तो दे रही है लेकिन अगर आप इसके अर्थ में छिपे जिंदगी के सूत्र समझ लें तो आपको जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिला सकते हैं।
हनुमान चालीसा सनातन परंपरा में लिखी गई पहली चालीसा है शेष सभी चालीसाएं इसके बाद ही लिखी गई।
हनुमान चालीसा की शुरुआत से अंत तक सफलता के कई सूत्र हैं। आइए जानते हैं हनुमान चालीसा से आप अपने जीवन में क्या-क्या बदलाव ला सकते हैं….
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शुरुआत गुरु से…
हनुमान चालीसा की शुरुआत गुरु से हुई है…
श्रीगुरु चरन सरोज रज,
निज मनु मुकुरु सुधारि।
अर्थ - अपने गुरु के चरणों की धूल से अपने मन के दर्पण को साफ करता हूं।
गुरु का महत्व चालीसा की पहले दोहे की पहली लाइन में लिखा गया है। जीवन में गुरु नहीं है तो आपको कोई आगे नहीं बढ़ा सकता। गुरु ही आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं।
इसलिए तुलसीदास ने लिखा है कि गुरु के चरणों की धूल से मन के दर्पण को साफ करता हूं। आज के दौर में गुरु हमारा मेंटोर भी हो सकता है, बॉस भी। माता-पिता को पहला गुरु ही कहा गया है।
समझने वाली बात ये है कि गुरु यानी अपने से बड़ों का सम्मान करना जरूरी है। अगर तरक्की की राह पर आगे बढ़ना है तो विनम्रता के साथ बड़ों का सम्मान करें।
ड्रेसअप का रखें ख्याल…
चालीसा की चौपाई है
कंचन बरन बिराज सुबेसा,
कानन कुंडल कुंचित केसा।
अर्थ - आपके शरीर का रंग सोने की तरह चमकीला है, सुवेष यानी अच्छे वस्त्र पहने हैं, कानों में कुंडल हैं और बाल संवरे हुए हैं।
आज के दौर में आपकी तरक्की इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप रहते और दिखते कैसे हैं। फर्स्ट इंप्रेशन अच्छा होना चाहिए।
अगर आप बहुत गुणवान भी हैं लेकिन अच्छे से नहीं रहते हैं तो ये बात आपके करियर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, रहन-सहन और ड्रेसअप हमेशा अच्छा रखें।
आगे पढ़ें - हनुमान चालीसा में छिपे मैनेजमेंट के सूत्र...
सिर्फ डिग्री काम नहीं आती
बिद्यावान गुनी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर।
अर्थ - आप विद्यावान हैं, गुणों की खान हैं, चतुर भी हैं। राम के काम करने के लिए सदैव आतुर रहते हैं।
आज के दौर में एक अच्छी डिग्री होना बहुत जरूरी है। लेकिन चालीसा कहती है सिर्फ डिग्री होने से आप सफल नहीं होंगे। विद्या हासिल करने के साथ आपको अपने गुणों को भी बढ़ाना पड़ेगा, बुद्धि में चतुराई भी लानी होगी। हनुमान में तीनों गुण हैं, वे सूर्य के शिष्य हैं, गुणी भी हैं और चतुर भी।
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अच्छा लिसनर बनें
प्रभु चरित सुनिबे को रसिया,
राम लखन सीता मन बसिया।
अर्थ -आप राम चरित यानी राम की कथा सुनने में रसिक है, राम, लक्ष्मण और सीता तीनों ही आपके मन में वास करते हैं।
जो आपकी प्रायोरिटी है, जो आपका काम है, उसे लेकर सिर्फ बोलने में नहीं, सुनने में भी आपको रस आना चाहिए।
अच्छा श्रोता होना बहुत जरूरी है। अगर आपके पास सुनने की कला नहीं है तो आप कभी अच्छे लीडर नहीं बन सकते।
कहां, कैसे व्यवहार करना है ये ज्ञान जरूरी है
सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रुप धरि लंक जरावा।
अर्थ - आपने अशोक वाटिका में सीता को अपने छोटे रुप में दर्शन दिए। और लंका जलाते समय आपने बड़ा स्वरुप धारण किया।
कब, कहां, किस परिस्थिति में खुद का व्यवहार कैसा रखना है, ये कला हनुमानजी से सीखी जा सकती है।
सीता से जब अशोक वाटिका में मिले तो उनके सामने छोटे वानर के आकार में मिले, वहीं जब लंका जलाई तो पर्वताकार रुप धर लिया।
अक्सर लोग ये ही तय नहीं कर पाते हैं कि उन्हें कब किसके सामने कैसा दिखना है।
अच्छे सलाहकार बनें
तुम्हरो मंत्र बिभीसन माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना।
अर्थ - विभीषण ने आपकी सलाह मानी, वे लंका के राजा बने ये सारी दुनिया जानती है।
हनुमान सीता की खोज में लंका गए तो वहां विभीषण से मिले। विभीषण को राम भक्त के रुप में देख कर उन्हें राम से मिलने की सलाह दे दी।
विभीषण ने भी उस सलाह को माना और रावण के मरने के बाद वे राम द्वारा लंका के राजा बनाए गए। किसको, कहां, क्या सलाह देनी चाहिए, इसकी समझ बहुत आवश्यक है। सही समय पर सही इंसान को दी गई सलाह सिर्फ उसका ही फायदा नहीं करती, आपको भी कहीं ना कहीं फायदा पहुंचाती है।
आत्मविश्वास की कमी ना हो
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही, जलधि लांघि गए अचरज नाहीं।
अर्थ - राम नाम की अंगुठी अपने मुख में रखकर आपने समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई अचरज नहीं है।
अगर आपमें खुद पर और अपने परमात्मा पर पूरा भरोसा है तो आप कोई भी मुश्किल से मुश्किल टॉस्क को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
आज के युवाओं में एक कमी ये भी है कि उनका भरोसा बहुत टूट जाता है। आत्मविश्वास की कमी भी बहुत है। प्रतिस्पर्धा के दौर में आत्मविश्वास की कमी होना खतरनाक है। अपनेआप पर पूरा भरोसा रखें।
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चलो 84 कोस की यात्रा कराते हे आपको आज।। मानसिक ब्रजयात्रा |
Posted by: admin - 01-09-2019, 05:36 PM - Forum: Share your stuff
- No Replies
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चलो 84 कोस की यात्रा कराते हे आपको आज ।।
मानसिक ब्रजयात्रा मगर पूरी करना
?(ब्रज ८४ कोस यात्रा)?
? �श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे
? �वृंदावन मे -राधे राधे,
? �सुनरक गांव मे -राधे राधे,
? �कालिदह पर -राधे राधे,
? �अद्वैतवट मे -राधे राधे,
? �तान गलि मे -राधे राधे,
? �मान गलि मे -राधे राधे,
? �कुमान गलि मे -राधे राधे,
? �हो कुंज गलि मे -राधे राधे,
? �सेवाकुंज मे -राधे राधे,
?� प्रेम गलि मे -राधे राधे,
? �श्रृंगार वट पे -राधे राधे,
? �चीर घाट मे -राधे राधे,
? �केशीघाट पे -राधे राधे,
? �हो निधिवन जी मे -राधे राधे,
? �वंशीवट पे -राधे राधे,
? �ज्ञान गुदडी -राधे राधे-
? �श्री राधे राधे राधे
? �बरसाने वाली राधे -
? �श्री राधे राधे राधे
? �बरसाने वाली राधे-
?� ब्रह्म कुण्ड पे -राधे राधे,
? �गोपेश्वर महादेव -राधे राधे,
?�श्री बांके बिहारी -राधे राधे,
? �स्नेह बिहारी -राधे राधे,
? �मदन मोहन जी -राधे राधे,
? �गोपीनाथ जी -राधे राधे,
? �राधा दामोदर -राधे राधे ,
? �राधा विनोद जी -राधे राधे,
? �साक्षी गोपाल जी -राधे राधे,
? �राधा माधव जी -राधे राधे,
? �श्री राधा वल्लभजी -राधे राधे,
? �श्री युगल किशोर जी -राधे राधे,
? �श्री राधा रमण जी -राधे राधे,
?� अष्टसखि जी -राधे राधे ,
? �अटल वन मे -राधे राधे,
? �विहार वन मे -राधे राधे,
?� गोचारण वन मे-राधे राधे,
?�गोपाल वन मे--राधे राधे
? �वृंदावन का कण कण बोले
? �श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
? �यमुना जी की लहरे बोले
? �श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
? �भक्त जनो की वाणी बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
? �निधिवन जी मे बंदर बोले
?� श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
? �वेणुकूप पे -राधे राधे,
? �दावानल कुण्ड पे -राधे राधे,
? �वलत्ठी महादेव -राधे राधे,
? �श्री निकुंज वन मे -राधे राधे,
? �राधावन मे -राधे राधे,
? �झुलन वन मे -राधे राधे,
? �पारनघाट पे -राधे राधे,
? �सुर्यघाट पे -राधे राधे,
? �युगल घाट पे -राधे राधे ,
? �विहार घाट पे -राधे राधे,
? �आंधेर घाट पे -राधे राधे,
? �श्रृंगार घाट पे -राधे राधे,
? �श्री भ्रमर घाट पे -राधे राधे,
? �श्री पानी घाट पे -राधे राधे,
? �चामुण्डा देवी -राधे राधे,
? �टेर कदम्ब मे -राधे राधे,
? �वृंदावन का कण कण बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
? �यमुना जी की लहरे बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
? �श्याम सुंदर की वंसी बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
? �रसिक जनो की वाणी बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
? �मथुरा जी मे, -राधे राधे,
? �श्री जन्मभुमि पे,-राधे राधे,
? �श्री द्वारिका पे,-राधे राधे,
? �भुतेश्वर पे,,-राधे राधे,
? �विश्राम घाट पे,-राधे राधे,
? �श्री स्वामी घाट पे,-राधे राधे,
? �मधुवनजी मे,-राधे राधे,
? �मधुकुण्ड पे,-राधे राधे,
? �मधुवनबिहारी पे-राधे राधे,
? �पिपलीश्वर महादेव पे-राधे राधे,
? �अक्रुर भवन मे,-राधे राधे,
? �पुजाकुप मे,-राधे राधे,
?� श्री राधे गोपाल,
? �हो भजमन श्री राधे गोपाल--
? �भजमन श्री राधे गोपाल ,
?� भजमन श्री राधे गोपाल--
?� तालवन मे,-राधे राधे,
? �कुमुदवन मे,-राधे राधे,
? �तटिया जी मे,, -राधे राधे,
? �गौराई गांव मे,,-राधे राधे,
? �छटीकरा मे,-राधे राधे,
? �गरुड गोविंद मे,-राधे राधे,
? �गंधेश्वरी देवी में,-राधे राधे,
? �खेचरी गांव मे,-राधे राधे,
? �शान्तन कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �बहुलावन मे,-राधे राधे,
? �शकना गांव मे,-राधे राधे,
? �तोष गांव मे,-राधे राधे,
? �विहारवन मे,-राधे राधे,
? �बसौंती गांव मे,-राधे राधे,
? �रालग्राम मे,-राधे राधे,
? �माधुरी कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �मयुर गांव मे,-राधे राधे,
? �छकला गांव मे,-राधे राधे,
?� अडिग गांव मे--राधे राधे,
? �भजमन श्री राधे गोपाल,
? �भजमन श्री राधे गोपाल,
?� भजमन श्री राधे गोपाल,
?� भजमन श्री राधे गोपाल
? �गोवर्धन मे,-राधे राधे,
? �दानघाटी मे,-राधे राधे,
? �मुखारविन्द पे,-राधे राधे,
? �रणमोचन कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �पापमोचन कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �संकर्षण कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �गोविन्द कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �गंधर्व कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �गौरी कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �पुंछरी का लौठा,-राधे राधे,
? �साक्षी गोपाल जी,-राधे राधे,
? �ईंद्रकुण्ड पे,-राधे राधे,
? �सुरभी कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� एरावत कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �जतीपुरा मे,-राधे राधे,
?� सुर्यकुण्ड पे---राधे राधे,
? �हमारो धन राधा
? �श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
? �परम धन राधा
? �राधा राधा राधा राधा --
? �हमारो धन राधा
? �श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
?� सखी कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� उद्धव कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �शिवखोर मे,-राधे राधे,
? �मानसरोवर,-राधे राधे,
?� ललिता कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �राधा कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �श्याम कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �कंकण कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �वज्रनाभ कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �वलतठी महादेव,-राधे राधे,
? �महाप्रभु बैठक,-राधे राधे,
? �वल्लभ बैठक,-राधे राधे,
? �गोपीनाथ जी,-राधे राधे,
? �हमारो धन राधा
?� श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
? �जीवन धन राधा
?� राधा राधा राधा राधा
?� हमारो धन राधा
? �श्री राधा श्री राधा श्री राधा-
?� कुसुम सरोवर,-राधे राधे,
? �श्यामकुटि पे,-राधे राधे,
? �नारद कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� संतनिवास,-राधे राधे,
?� अलोलकुण्ड पे,-राधे राधे,
?� ग्वालपोखरा,-राधे राधे,
?� हरिगोकुल मे,-राधे राधे,
? �हरिदेव मंदिर,-राधे राधे,
? �ब्रह्म कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �मानसी गंगा,-राधे राधे,
? �चकलेश्वर पे,-राधे राधे,
?� हो चकलेश्वर पे---राधे राधे,
?� श्री राधे राधे राधे
? �बरसाने वाली राधे--
? राधे राधे राधे
?� बरसाने वाली राधे-
? बी�लाठावन मे,-राधे राधे,
?� लालाकुण्ड पे,-राधे राधे,
?� काम्यवन मे,-राधे राधे,
? �विमल कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� गया कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �धर्म कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �अनंत कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� गोपी कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �कामेश्वर महादेव,-राधे राधे,
?� स्वर्णपुर मे,-राधे राधे,
?� सहस्त्रसरोवर,-राधे राधे,
?� श्री वृंदा देवी,-राधे राधे,
?� चंद्रशेखर महादेव, -राधे राधे,
? �राधे राधे राधे
?� बरसाने वाली राधे--
?� श्री राधे राधे राधे
?� बरसाने वाली राधे
? �बरसाने मे,-राधे राधे,
?� ब्रह्म पर्वत पे,-राधे राधे,
?� विष्णु पर्वत पे,-राधे राधे,
?� श्री ललिता मंदिर,-राधे राधे,
? �दानगढ मे,-राधे राधे,
? �मानगढ मे,-राधे राधे,
?� मोरकुटि पे,-राधे राधे,
?� रासमण्डल मे,-राधे राधे,
? �खोर सांकरी, -राधे राधे,
? �गहरवन वन मे-राधे राधे,
? �राधा सरोवर,-राधे राधे,
?� दोहिनी कुण्ड मे,-राधे राधे,
?� मयुर सरोवर,-राधे राधे,
?� श्री मानसरोवर,-राधे राधे,
?� श्री गोवर्धन पर्वत भी बोले-
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा ---
? �बरसाने के मोर बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा ---
?� विहार कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� दोहिनि कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� ब्रजेश्वर महादेव,-राधे राधे,
?� पीली पोखर,-राधे राधे,
?� प्रिया सरोवर,-राधे राधे,
? �विलासगढ मे,-राधे राधे,
?� चिकसौली गांव मे,-राधे राधे,
?� ऊंचा गांव मे,-राधे राधे,
?� कार्तिक सरोवर, -राधे राधे,
?� महारुद्र जी,-राधे राधे,
? �रंगीली गलि मे,-राधे राधे,
? �रीठौरा गांव मे,-राधे राधे,
?� चंद्रावली कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �यशोदा मंदिर,-राधे राधे,
? �हो ललिता कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �वृंदावन का कण कण बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा ---
?� रसिक जनो की वाणी बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा ---
?� विशाखा कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� मधुसुदन कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �संकेतवन मे,-राधे राधे,
?� संकेतकुण्ड पे,-राधे राधे,
?� संकेतबिहारी,-राधे राधे,
?� हो विह्वल कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� हो विह्वल वन मे,-राधे राधे,
? �प्रेम सरोवर,-राधे राधे,
?� जावट गांव मे,-राधे राधे,
?� किशोरी कुण्ड पे, -राधे राधे,
? �सिद्ध कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� कुण्डलकुण्ड पे,-राधे राधे,
? �मुक्ताकुण्ड पे,-राधे राधे,
? �लाडलीकुण्ड पे,-राधे राधे,
?� भजमन श्री राधे गोपाल,
?� भजमन श्री राधे गोपाल-
? �भजमन श्री राधे गोपाल,
?� भजमन श्री राधे गोपाल-
? �नंदगांव मे,-राधे राधे,
? �नंदीश्वर पर्वत,-राधे राधे,
? �नंदीश्वर महादेव-राधे राधे,
?� नंदीश्वरकुण्ड पे,-राधे राधे,
? �पावनसरोवर,-राधे राधे,
? �शोदाकूप मे,-राधे राधे,
? �यशोदाकुण्ड पे,-राधे राधे,
? �कदम्ब टेर पे, -राधे राधे,
? �सांच कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� श्री मानसी देवी,-राधे राधे,
? �मुक्ता कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �फुलवारी कुण्ड पे,-राधे राधे,
? �विलासवट पे,-राधे राधे,
?� सारसीकुण्ड पे,-राधे राधे,
?� श्याम पिपडी,-राधे राधे,
? �भजमन श्री राधे गोपाल,
?� भजमन श्री राधे गोपाल--
?� भजमन श्री राधे गोपाल,
?� भजमन श्री राधे गोपाल--
?� आशीषश्वरमहादेव,-राधे राधे,
?� आशीषश्वर वन मे,-राधे राधे,
? �चंद्रकुण्ड पे,-राधे राधे,
?� कदम्ब खण्डिनी,-राधे राधे,
? �हिण्डोला वेदी,-राधे राधे,
?� सुर्यकुण्ड पे,-राधे राधे,
?� पुर्णमासी कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� श्रीउद्धव क्यारी,-राधे राधे,
? �नंदपोखर,-राधे राधे,
?� नंदसरोवर,-राधे राधे,
?� नंदभवन मे,-राधे राधे,
? �पारलथाटी,-राधे राधे,
? �हाऊ विलाऊ,-राधे राधे,
? �हमारो धन राधा
?� श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
?� जीवन धन राधा राधा
?� राधा राधा राधा--
?� हमारो धन राधा
?� श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
?� कोकिलावन मे,-राधे राधे,
? �रत्नाकर कुण्ड पे,-राधे राधे,
?� आजनौंक गांव मे,-राधे राधे,
? �बिजवारी गांव मे,-राधे राधे,
?� श्री परसों गांव मे,-राधे राधे,
? �कामई गांव मे,-राधे राधे,
? �करतला गांव मे,-राधे राधे,
? �लुठौली गांव मे,-राधे राधे,
?� सहार गांव मे,-राधे राधे,
?� साखी गांव मे,-राधे राधे,
?� छत्रवन मे,-राधे राधे,
?� कोसी कलां मे,-राधे राधे,
? �रणवाडी गांव मे,-राधे राधे,
? �नरीसेमरी,-राधे राधे,
? �खादिरवन मे,-राधे राधे,
?� खायरो गांव मे,--राधे राधे,
? �हमारो धन राधा
?� श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
? �ब्रह्म घाट पे,-राधे राधे,
?� कच्छवन मे,-राधे राधे,
?� भुषणवन मे,-राधे राधे,
? �गुंजा वन मे,-राधे राधे,
? �विहार वन मे,-राधे राधे,
?� अक्षय वट पे,-राधे राधे,
?� तपोवन मे,-राधे राधे,
? �गोपी घाट पे,-राधे राधे,
? �चीर घाट पे,-राधे राधे,
?� नंद घाट पे,-राधे राधे,
? �बसई गांव मे,-राधे राधे,
?� कुनाई गांव मे,-राधे राधे,
? �पालहारा गांव मे,-राधे राधे,
? �जामुहा गांव मे---राधे राधे,
?� श्री राधे राधे राधे
?� बरसाने वाली राधे--
? राधे राधे राधे
?� बरसाने वाली राधे --
? �बसौंती गांव मे,-राधे राधे,
? �तरौली गांव मे,-राधे राधे,
?� बरौली गांव मे,-राधे राधे,
? �तमाल वन मे,-राधे राधे,
?� आटस गांव मे,-राधे राधे,
?� मगेरा गांव मे,-राधे राधे,
? �संगरोया गांव मे,-राधे राधे,
? �हाण्डीर वन मे,-राधे राधे,
?� भद्रवन मे,-राधे राधे,
?� भाण्डीरवन मे,-राधे राधे,
?� वेणुकूप पे,-राधे राधे,
?� श्री दामवट पे,-राधे राधे,
?� श्याम तलैया,-राधे राधे,
? �वृंदावन का कण कण
? बोले श्री राधा राधा--
?� श्याम सुंदर की वंशी
? बोले श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
? �निधिवन जी मे बंदर बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
?� माट वन मे,-राधे राधे,
?� माट गांव मे,-राधे राधे,
?� पानी गांव मे,-राधे राधे,
?� मानसरोवर,-राधे राधे,
?� बेलवन मे,-राधे राधे,
? �लौहवन मे,-राधे राधे,
?� महावन मे,-राधे राधे,
?� ब्रह्माण्ड घाट पे,-राधे राधे,
? �चिंताहरण घाट पे,-राधे राधे,
?� श्री गोकुल जी मे,-राधे राधे,
?� अक्रुर घाट पे,-राधे राधे,
?� श्री रावल गांव मे,-राधे राधे,
? �वृंदावन का कण कण बोले
? श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
?� रसिक जनो की वाणी
? बोले श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
? �भुमि तत्व जल तत्व
अग्नि तत्व वायु तत्व
ब्रह्म तत्व व्योम तत्व
विष्णु तत्व भौरी है--
?� सनकादिसिद्धी तत्व
आनंद प्रसिद्धी तत्व
नारद सुरेश तत्व
शिव तत्व गौरी है--
? �प्रेमी कहे नाग और
किन्नर को तत्व देखयो
शेष और महेश तत्व
नेति नेति जोरी है--
?� तत्वन के तत्व
जगजीवन श्री कृष्णचंद्र
और कृष्ण को हु
तत्व वृषभानु की किशोरी है--
कृष्ण को हु
तत्व मेरी राधिका किशोरी है--
?�जय जय श्री राधे-- ?�
*?�जय जय श्री राधे-- ?
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हरहर महादेव |
Posted by: admin - 01-09-2019, 05:30 PM - Forum: Share your stuff
- No Replies
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???हरहर महादेव???
महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा आप किसको प्रणाम करते रहते हैं ?
शिव जी पार्वती जी से कहते हैं कि हे देवी ! जो व्यक्ति एक बार "राम" कहता है उसे मैं तीन बार प्रणाम करता हूँ।
पार्वती जी ने एक बार शिव जी से पूछा आप श्मशान में क्यूँ जाते हैं और ये चिता की भस्म शरीर पे क्यूँ लगाते हैं ?
उसी समय शिवजी पार्वती जी को श्मशान ले गए। वहाँ एक शव अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। लोग "राम नाम सत्य है" कहते हुए शव को ला रहे थे।
शिव जी ने कहा कि देखो पार्वती ! इस श्मशान की ओर जब लोग आते हैं तो "राम" नाम का स्मरण करते हुए आते हैं। और इस शव के निमित्त से कई लोगों के मुख से मेरा अतिप्रिय दिव्य "राम" नाम निकलता है
उसी को सुनने मैं श्मशान में आता हूँ, और इतने लोगों के मुख से "राम" नाम का जप करवाने में निमित्त बनने वाले इस शव का मैं सम्मान करता हूँ, प्रणाम करता हूँ, और अग्नि में जलने के बाद उसकी भस्म को अपने शरीर पर लगा लेता हूँ।
"राम" नाम बुलवाने वाले के प्रति मुझे अगाध प्रेम रहता है।
एक बार शिवजी कैलाश पर पहुंचे और पार्वती जी से भोजन माँगा। पार्वती जी विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर रहीं थीं। पार्वती जी ने कहा अभी पाठ पूरा नही हुआ, कृपया थोड़ी देर प्रतीक्षा कीजिए।
शिव जी ने कहा कि इसमें तो समय और श्रम दोनों लगेंगे। संत लोग जिस तरह से सहस्र नाम को छोटा कर लेते हैं और नित्य जपते हैं वैसा उपाय कर लो।
पार्वती जी ने पूछा वो उपाय कैसे करते हैं ? मैं सुनना चाहती हूँ।
शिव जी ने बताया, केवल एक बार "राम" कह लो तुम्हें सहस्र नाम, भगवान के एक हज़ार नाम लेने का फल मिल जाएगा।
एक "राम" नाम हज़ार दिव्य नामों के समान है। पार्वती जी ने वैसा ही किया।
.??????????
पार्वत्युवाच -
केनोपायेन लघुना विष्णोर्नाम सहस्रकं ?
पठ्यते पण्डितैर्नित्यम् श्रोतुमिच्छाम्यहं प्रभो।।
.??????????
ईश्वर उवाच-
श्री राम राम रामेति, रमे रामे मनोरमे।
सहस्र नाम तत्तुल्यम राम नाम वरानने।।
.??????????
यह "राम" नाम सभी आपदाओं को हरने वाला, सभी सम्पदाओं को देने वाला दाता है, सारे संसार को विश्राम/शान्ति प्रदान करने वाला है। इसीलिए मैं इसे बार बार प्रणाम करता हूँ।
.??????????
आपदामपहर्तारम् दातारम् सर्वसंपदाम्।
लोकाभिरामम् श्रीरामम् भूयो भूयो नमयहम्।।
.??????????
भव सागर के सभी समस्याओं और दुःख के बीजों को भूंज के रख देनेवाला/समूल नष्ट कर देने वाला, सुख संपत्तियों को अर्जित करने वाला, यम दूतों को खदेड़ने/भगाने वाला केवल "राम" नाम का गर्जन (जप) है।
भर्जनम् भव बीजानाम्, अर्जनम् सुख सम्पदाम्।
तर्जनम् यम दूतानाम्, राम रामेति गर्जनम्।
.??????????
प्रयास पूर्वक स्वयम् भी "राम" नाम जपते रहना चाहिए और दूसरों को भी प्रेरित करके "राम" नाम जपवाना चाहिए। इस से अपना और दूसरों का तुरन्त कल्याण हो जाता है। यही सबसे सुलभ और अचूक उपाय है।
.??????????
इसीलिए हमारे देश में प्रणाम "राम राम" कहकर किया जाता है।
~~~~~~~??????????
((((ॐ नम: शिवाय )))))))
~~~~~~
??????????
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इस मैसेज को गौर से दो बार पढे!!!! |
Posted by: admin - 01-09-2019, 05:28 PM - Forum: Share your stuff
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इस मैसेज को गौर से दो बार पढे!!!!
जिस दिन हमारी मौत होती है, हमारा पैसा बैंक में ही रहा जाता है।
*
जब हम जिंदा होते हैं तो हमें लगता है कि हमारे पास खच॔ करने को पया॔प्त धन नहीं है।
*
जब हम चले जाते है तब भी बहुत सा धन बिना खच॔ हुये बच जाता है।
*
एक चीनी बादशाह की मोत हुई। वो अपनी विधवा के लिये बैंक में 1.9 मिलियन डालर छोड़ कर गया। विधवा ने जवान नोकर से शादी कर ली। उस नोकर ने कहा -
"मैं हमेशा सोचता था कि मैं अपने मालिक के लिये काम करता हूँ अब समझ आया कि वो हमेशा मेरे लिये काम करता था।"
सीख?
ज्यादा जरूरी है कि अधिक धन अज॔न कि बजाय अधिक जिया जाय।
• अच्छे व स्वस्थ शरीर के लिये प्रयास करिये।
• मँहगे फ़ोन के 70% फंक्शन अनोपयोगी रहते है।
• मँहगी कार की 70% गति का उपयोग नहीं हो पाता।
• आलीशान मकानो का 70% हिस्सा खाली रहता है।
• पूरी अलमारी के 70% कपड़े पड़े रहते हैं।
• पुरी जिंदगी की कमाई का 70% दूसरो के उपयोग के लिये छूट जाता है।
• 70% गुणो का उपयोग नहीं हो पाता
तो 30% का पूण॔ उपयोग कैसे हो
• स्वस्थ होने पर भी निरंतर चैक अप करायें।
• प्यासे न होने पर भी अधिक पानी पियें।
• जब भी संभव हो, अपना अहं त्यागें ।
• शक्तिशाली होने पर भी सरल रहेँ।
• धनी न होने पर भी परिपूण॔ रहें।
बेहतर जीवन जीयें !!!
????
काबू में रखें - प्रार्थना के वक़्त अपने दिल को,
काबू में रखें - खाना खाते समय पेट को,
काबू में रखें - किसी के घर जाएं तो आँखों को,
काबू में रखें - महफ़िल मे जाएं तो ज़बान को,
काबू में रखें - पराया धन देखें तो लालच को,
???
भूल जाएं - अपनी नेकियों को,
भूल जाएं - दूसरों की गलतियों को,
भूल जाएं - अतीत के कड़वे संस्मरणों को,
???
छोड दें - दूसरों को नीचा दिखाना,
छोड दें - दूसरों की सफलता से जलना,
छोड दें - दूसरों के धन की चाह रखना,
छोड दें - दूसरों की चुगली करना,
छोड दें - दूसरों की सफलता पर दुखी होना,
????
यदि आपके फ्रिज में खाना है, बदन पर कपड़े हैं, घर के ऊपर छत है और सोने के लिये जगह है,
तो दुनिया के 75% लोगों से ज्यादा धनी हैं
यदि आपके पर्स में पैसे हैं और आप कुछ बदलाव के लिये कही भी जा सकते हैं जहाँ आप जाना चाहते हैं
तो आप दुनिया के 18% धनी लोगों में शामिल हैं
यदि आप आज पूर्णतः स्वस्थ होकर जीवित हैं
तो आप उन लाखों लोगों की तुलना में खुशनसीब हैं जो इस हफ्ते जी भी न पायें
जीवन के मायने दुःखों की शिकायत करने में नहीं हैं
बल्कि हमारे निर्माता को धन्यवाद करने के अन्य हजारों कारणों में है!!!
यदि आप मैसेज को वाकइ पढ़ सकते हैं और समझ सकते हैं
तो आप उन करोड़ों लोगों में खुशनसीब हैं जो देख नहीं सकते और पढ़ नहीं सकते
अगर आपको यह सन्देश बार बार मिले तो परेशान होनेकी
बजाय आपको खुश होना चाहिए !
धन्यवाद...
मैंने भेज दिया
अब आपकी बाऱी है ।
?:: एक खूबसूरत सोच ::?:
अगर कोई पूछे कि जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया ? .... .... तो बेशक कहना, जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी और जो भी पाया वो प्रभू की मेहेरबानी थी। क्या खुबसूरत रिश्ता है मेरे और मेरे भगवान के बीच में, ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं...✍”॥
▁▂▄▅▆▇██▇▆▅▄▂▁
साथ ही रेकी हीलिंग और ज्योतिष किस प्रकार हमें आगे बढ़ने में मदद करता है जानिये प्रतिदिन फ्री सर्विस का लाभ भी लीजिये लिंक देखें सबका भला करें निस्वार्थ भाव से
☄जीवन के तीन मंत्र☄
☄ आनंद में - वचन मत दीजिये
☄ क्रोध में - उत्तर मत दीजिये
☄ दुःख में - निर्णय मत लीजिये
?इतना छोटा कद रखिए कि सभी आपके साथ बैठ सकें। और इतना बड़ा मन रखिए कि जब आप खड़े हो जाऐं, तो कोई बैठा न रह सके।"
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۞ ∥ आयुर्वेदिक दोहे ∥ ۞ |
Posted by: admin - 01-09-2019, 05:25 PM - Forum: Share your stuff
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۞ ∥ आयुर्वेदिक दोहे ∥ ۞
१Ⓜदही मथें माखन मिले, केसर संग मिलाय,
होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय..
२Ⓜबहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल,
यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंघें डाल रुमाल..
३Ⓜअजवाइन को पीसिये , गाढ़ा लेप लगाय,
चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय..
४Ⓜअजवाइन को पीस लें , नीबू संग मिलाय,
फोड़ा-फुंसी दूर हों, सभी बला टल जाय..
५Ⓜअजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम,
पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम..
६Ⓜठण्ड लगे जब आपको, सर्दी से बेहाल,
नीबू मधु के साथ में, अदरक पियें उबाल..
७Ⓜअदरक का रस लीजिए. मधु लेवें समभाग,
नियमित सेवन जब करें, सर्दी जाए भाग..
८Ⓜरोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर,
बेहतर लीवर आपका, टी.बी भी हो दूर..
९Ⓜगाजर रस संग आँवला, बीस औ चालिस ग्राम,
रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम..
१०Ⓜशहद आंवला जूस हो, मिश्री सब दस ग्राम,
बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम..
११Ⓜचिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय,
चौलाई पालक भली, यौवन स्थिर होय..
१२Ⓜलाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह,
जूस करेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह..
१३Ⓜप्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह,
जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह..
१४Ⓜसात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय, दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय..
१५Ⓜसात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार,
दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार..
१६Ⓜतुलसीदल दस लीजिए, उठकर प्रातःकाल,
सेहत सुधरे आपकी, तन-मन मालामाल..
१७Ⓜथोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग,
अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग..
१८Ⓜअजवाइन और हींग लें, लहसुन तेल पकाय,
मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय..
१९Ⓜऐलोवेरा-आँवला, करे खून में वृद्धि,
उदर व्याधियाँ दूर हों,जीवन में हो सिद्धि..
२०Ⓜदस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ,
दालचीनि का पाउडर, लें पानी के साथ..
२१Ⓜमुँह में बदबू हो अगर, दालचीनि मुख डाल,
बने सुगन्धित मुख, महक, दूर होय तत्काल..
२२Ⓜकंचन काया को कभी, पित्त अगर दे कष्ट,
घृतकुमारि संग आँवला, करे उसे भी नष्ट..
२३Ⓜबीस मिली रस आँवला, पांच ग्राम मधु संग,
सुबह शाम में चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग..
२४Ⓜबीस मिली रस आँवला, हल्दी हो एक ग्राम,
सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन हो आराम..
२५Ⓜनीबू बेसन जल शहद, मिश्रित लेप लगाय,
चेहरा सुन्दर तब बने, बेहतर यही उपाय..
२६.Ⓜमधु का सेवन जो करे, सुख पावेगा सोय,
कंठ सुरीला साथ में, वाणी मधुरिम होय..
२७.Ⓜपीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज,
नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो ओज..
२८Ⓜठण्ड अगर लग जाय जो नहीं बने कुछ काम, नियमित पी लें गुनगुना, पानी दे आराम..
२९Ⓜकफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय,
अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय..
३०Ⓜअजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम, कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम..
३१Ⓜछाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग,
जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह भोग..।
साथ ही रेकी हीलिंग और ज्योतिष किस प्रकार हमें आगे बढ़ने में मदद करता है जानिये प्रतिदिन फ्री सर्विस का लाभ भी लीजिये लिंक देखें सबका भला करें निस्वार्थ भाव से
☝कृपया इस मैसेज को अपने परीजनो और अपने मित्र गण से अवगत कराए.
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स्व हेमेन्द्र शर्मा पुण्य स्मृति समारोह |
Posted by: admin - 01-09-2019, 11:47 AM - Forum: Share your stuff
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स्व हेमेन्द्र शर्मा पुण्य स्मृति समारोह
आदरणीय समाजजन,
हेमेंद्र भाई के आत्मीय स्मरण के आयोजन हेतु "हेमेंद्र शर्मा सेवा प्रकल्प" को आधार बनाकर रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य परीक्षण, बाल प्रतिभा सम्मान, अंगदान संकल्प शिविर, "स्व. हेमेंद्र शर्मा सभागृह" अनावरण और भावांजली का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम मे निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के अंतर्गत समाज के अनुभवी एवं बहुप्रतिष्ठित चिकित्सक परामर्श हेतु उपलब्ध रहेंगे।
▪ डॉ सर्वमित्र भार्गव, MBBS, MD(Medicine)
उचरक्तचाप, डायबीटीज़ एवं ह्रदय रोग विशेषज्ञ
▪ डॉ श्रीमती तृप्ति भार्गव MBBS, DGO
स्त्रीरोग विशेषज्ञ
▪ डॉ जी के शर्मा
Eye specialist
(Roshni Eye Hospital)
श्री अशोक टेमले
Body ( Eye ) Donation
श्री शैलेन्द्र बजाज
Optometrist
▪ डॉ विपिन शर्मा, BDS
दंतरोग विशेषज्ञ
▪ डॉ अश्लेश चौरे, BAMS, MD
आयुर्वेदाचार्य
▪ डॉ नवेंदु बक्शी, BHMS,
होम्योपैथी
शिविर मे उच्चरक्तचाप(B.P.), मधुमेह (शुगर) की जाँच एवं ECG निःशुल्क की जाएगी तथा चिकित्सकों द्वारा शिविर मे लिखी गई अन्य जाँचे ०३ फ़रवरी से ०९ फ़रवरी तक परीक्षण लैब पर डॉ सुशील सोहनी जी के माध्यम से ५०% डिस्काउंट मे की जावेगी।
दिनांक: ०३- फ़रवरी-२०१९
समय: दोप. ०१ से ०३ बजे तक
स्थान: नार्मदीय मांगलिक भवन, द्वारकापुरी, इंदौर।
गणमान्य समाजजनो से अनुरोध है, कि शिविर मे पधारकर अनुभवी चिकित्सकों से निःशुल्क परामर्श एवं निःशुल्क जाँचों का लाभ लें।
• असुविधा से बचने के लिए अग्रिम पंजियन आवश्य करवाएं।
• इलाज से संबंधित अपने पुराने कागजात भी अवश्य साथ लाएं (यदि हो)।
स्वास्थ्य शिविर मे निःशुल्क पंजियन हेतु 'टीम हेमेंद्र' से निम्न लिखित दूरभाष नम्बरों पर संपर्क करें;
आलोक उपाध्याय, मो: 9826530567
मुकेश शर्मा, मो: 9755499880
अनिरुद्ध उपाध्याय, मो: 9826880804
नर्मदे हर
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